गीता क्या सिखाती है?

गीता क्या सिखाती है?

इसे सुनेंरोकेंश्रीमद्भागवत गीता न केवल धर्म का उपदेश देती है, बल्कि जीवन जीने की कला भी सिखाती है। महाभारत के युद्ध के पहले अर्जुन और श्रीकृष्ण के संवाद लोगों के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं। गीता के उपदेशों पर चलकर न केवल हम स्वयं का, बल्कि समाज का कल्याण भी कर सकते हैं।

Geetaनाम का अर्थ क्या है?

इसे सुनेंरोकेंआपको बता दें कि गीता नाम का अर्थ हिंदू, गीत, कविता, भगवद गीता, दर्शन और नैतिकता पर प्रसिद्ध हिंदू धार्मिक ग्रंथ की पवित्र पुस्तक होता है। गीता नाम का खास महत्व है क्योंकि इसका मतलब हिंदू, गीत, कविता, भगवद गीता, दर्शन और नैतिकता पर प्रसिद्ध हिंदू धार्मिक ग्रंथ की पवित्र पुस्तक है जिसे काफी अच्छा माना जाता है।

स्थितप्रज्ञ कैसे बने?

इसे सुनेंरोकेंस्थितप्रज्ञ अवस्था क्या है और इस तक कैसे पहुंच जा सकता है? बुद्धी का सम हो जाना स्थितप्रज्ञ अवस्था कहलाती है. यह ध्यान की अंतिम परिणिति है. सही सोच और सही कार्य द्वारा, अपने स्वभाव में स्थित होकर, करुणा और दूसरों के प्रति आदर रखकर इस अवस्था को पाया जा सकता है।

विनीता नाम की राशि क्या है?

इसे सुनेंरोकेंविनीता नाम के व्यक्ति का व्यक्तित्व – Vinita naam ke vyakti ki personality. विनीता नाम की लड़कियों की राशि वृषभ होती है।

गीता नाम की लड़की कैसे स्वभाव की होती है?

इसे सुनेंरोकेंगीता नाम वाली लड़कियां धन की बचत करने में निपुण होती हैं, इसलिए इनके पास हमेशा धन रहता है। इस अंक की गीता नाम की लड़कियां दूसरों की सुनना पसंद नहीं करती हैं। इन्हें अपने नियम खुद बनाना पसंद है। गीता नाम की लड़कियों की संगीत में काफी रुचि होती है।

भगवत गीता में निष्काम कर्म का क्या अर्थ है?

इसे सुनेंरोकेंभगवद्गीता में भगवान कृष्ण अजरुन को निष्काम कर्मयोग का उपदेश देते हुए कहते हैं, ”जो सुख-दुख, सर्दी-गर्मी, लाभ-हानि, जीत-हार, यश-अपयश, जीवन-मरण, भूत-भविष्य की चिन्ता न करके मात्र अपने कत्र्तव्य कर्म में लीन रहता है, वही सच्चा निष्काम कर्मयोगी है।

निष्काम कर्म की अवधारणा का क्या अर्थ है?

इसे सुनेंरोकेंनिष्काम कर्म उसे कहते हैं जिसके पीछे हमारा कोई निजी हित, निजी स्वार्थ ना जुड़ा हो। कभी कभी कुछ काम ऐसे भी किए जाएं, जिसका हमारे लिए कोई फायदा ना हो। हमेशा याद रखिए दूर तक वे ही कर्म फायदा देते हैं।