कताई का मतलब क्या होता है?
इसे सुनेंरोकेंकताई (Spinning) वस्त्र उद्योग का आरम्भिक और बहुत बड़ा प्रक्रम है। कपास आदि प्राकृतिक रेशों या अन्य कृत्रिम रेशों को ऐंठकर सूत बनाने की क्रिया को ‘कताई करना’ कहते हैं। पहले यह कार्य हाथ से किया जाता था किन्तु आजकल अधिकांश कताई स्वचालित मशीनों से की जाती है।
कताई के लिए प्रयुक्त निम्न में से कौन सा उपकरण केवल हाथ से संचालित होता है?
इसे सुनेंरोकेंकताई एक प्राचीन कपड़ा कला है जिसमें पौधे , पशु या कृत्रिम रेशों को खींचा जाता है और सूत बनाने के लिए एक साथ घुमाया जाता है । हजारों वर्षों से, फाइबर को साधारण उपकरणों, स्पिंडल और डिस्टैफ का उपयोग करके हाथ से काता गया था ।
कताई के लिए कौन कौन सी सरल युक्तियां का प्रयोग किया जाता है?
इसे सुनेंरोकेंब्रेक स्पिनिंग की अन्य विधियाँ सुइयों और इलेक्ट्रोस्टैटिक बलों का उपयोग करती हैं। शॉर्ट-स्टेपल यार्न (आमतौर पर 1.9 से 5.1 सेंटीमीटर (0.75 से 2.0 इंच) तक फाइबर से काता जाता है) बनाने की प्रक्रियाएं सम्मिश्रण, उद्घाटन, कार्डिंग , पिन-ड्राफ्टिंग, रोइंग , कताई, और – यदि वांछित – प्लाइंग और रंगाई हैं ।
कताई और बुनाई क्या है?
इसे सुनेंरोकेंतंतुओं से धागा बनाने की प्रक्रिया को कताई तथा तागे के दो सेटों को आपस में व्यवस्थित करके वस्त्र बनाने की प्रक्रिया को बुनाई कहते हैं।
1784 में कतई प्रक्रिया में उपयोगी मशीन कौन सी थी?
इसे सुनेंरोकेंसवाल: 1764 में कतई प्रक्रिया में उपयोगी मशीन कौन सी थी? कताई जेनी एक बहु-धुरी कताई फ्रेम है, और प्रारंभिक औद्योगिक क्रांति के दौरान कपड़ा निर्माण के औद्योगीकरण में प्रमुख विकासों में से एक था। इसका आविष्कार 1764 या 1765 में इंग्लैंड के लंकाशायर के स्टैनहिल, ओसवाल्डविस्टल में जेम्स हारग्रीव्स द्वारा किया गया था।
कतई जहर को हिंदी में क्या कहते हैं?
इसे सुनेंरोकें1. विषैला; अत्यंत कटु 2. ख़राब; घातक।
मानव निर्मित तंतु क्या है?
इसे सुनेंरोकेंतंतु को प्रयोगशाला में भी बनाया जाता है, जिसे संश्लिष्ट तंतु (मानव निर्मित तंतु) कहते हैं। रूई, पटसन, फ्लैक्स, आदि के तंतु पादप श्रोत से प्राप्त किये जाते हैं। ऊन तथा रेशम को जानवरों से प्राप्त किया जाता है। नायलॉन, एक्रिलिक, पालिएस्टर आदि कुछ मानव निर्मित तंतु के उदाहरण हैं।
1774 में कताई प्रक्रिया में उपयोगी मशीन कौन सी थी?
इसे सुनेंरोकेंयह औद्योगिक प्रक्रियाओं में एक बहुत ही उपयोगी धातु साबित हुई। 1774 में, जॉन विल्किनसन ने एक डिलिंग मशीन का आविष्कार किया है जिससे सटीकता के साथ छेद किया जा सकता था।
स्पिनिंग जेनी का आविष्कार कब हुआ था?
इसे सुनेंरोकेंस्पिनिंग जेनी का आविष्कार जेम्स हरग्रीव्ज ने 1764 या 1765 ईं किया था, जिससे एक साथ सूत के 8 धागे काटे जा सकते थे।
अमृत को अंग्रेजी में क्या कहते है?
इसे सुनेंरोकेंअमृत (amrta) – Meaning in English भारतीय ग्रंथों में यह अमरत्व प्रदान करने वाले रसायन (nectar) के अर्थ में प्रयुक्त होता है। यह शब्द सबसे पहले ऋग्वेद में आया है जहाँ यह सोम के विभिन्न पर्यायों में से एक है। व्युत्पत्ति की दृष्टि से यह यूनानी भाषा के ‘अंब्रोसिया’ (ambrosia) से संबंधित है तथा समान अर्थ वाला है।
कटाई के लिए कौन कौन सी सरल युक्तियों का प्रयोग किया जाता है?
इसे सुनेंरोकेंरेशम, ऊन और जूट कुछ प्राकृतिक तंतु हैं, जबकि नायलॉन और पॉलिएस्टर कुछ संश्लिष्ट तंतुओं के उदाहरण हैं। रुई और जूट जैसे तंतु पादपों से प्राप्त किए जाते हैं। तंतुओं से तागा बनाने की प्रक्रिया को कताई कहते है।
जहर कैसे लिखा जाता है?
इसे सुनेंरोकेंजहर (Jahar) meaning in English – जहर मीनिंग – Translation.
कताई के लिए कौन कौन सी सरल युक्तियों का प्रयोग किया जाता है?
इसे सुनेंरोकेंप्राकृतिक रेशे जानवरों (भेड़, बकरी, खरगोश , रेशमकीट ), खनिज ( एस्बेस्टस ), या पौधों (कपास, सन , एक प्रकार का पौधा ) से प्राप्त होते हैं। ये वनस्पति फाइबर बीज (कपास), तना (बास्ट फाइबर के रूप में जाना जाता है: सन , भांग , जूट ) या पत्ती ( सिसल ) से आ सकते हैं।
कताई से क्या बनाया जाता है?
इसे सुनेंरोकेंकताई (Spinning) वस्त्र उद्योग का आरम्भिक और बहुत बड़ा प्रक्रम है। कपास आदि प्राकृतिक रेशों या अन्य कृत्रिम रेशों को ऐंठकर सूत बनाने की क्रिया को ‘कताई करना’ कहते हैं। पहले यह कार्य हाथ से किया जाता था किन्तु आजकल अधिकांश कताई स्वचालित मशीनों से की जाती है। श्रेणी:वस्त्र उद्योग श्रेणी:कताई श्रेणी:वस्त्र कला.
स्पिनिंग जेनी मशीन का आविष्कार कब हुआ?
इसे सुनेंरोकेंस्पिनिंग जेनी को जेम्स हारग्रीव्स ने 1764 में डिजाइन किया था। इस मशीन के माध्यम से, एक कारीगर एक समय में कई स्पिंडल और कई थ्रेड स्पिन कर सकता है। इस मशीन ने श्रम की संख्या को कम करने के साथ-साथ कताई प्रक्रिया को तेज कर दिया।
इसे सुनेंरोकेंAmrita, Amrit or Amata in Pali, is a Sanskrit word that means “immortality”. It is a central concept within Indian religions and is often referred to in ancient Indian texts as an elixir.