ऊटी क्या होता है?

ऊटी क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंयूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन यानी UTI एक आम बीमारी है जो ज्यादातर महिलाओं में देखी जाती है. यह बीमारी तब होती है जब रोगाणु मूत्र प्रणाली को संक्रमित कर देते हैं. इसका असर किडनी, ब्लैडर और इन्हें जोड़ने वाली नलिकाओं पर भी पड़ता है.

ऊटी कब जाये?

इसे सुनेंरोकेंवैसे तो ऊटी की हरियाली और ताजा हवा में सांस लेने के लिए यहां साल भर पर्यटकों के आने का सिलसिला जारी रहता है। लेकिन ऊटी जाने का बेस्ट टाइम सितंबर से नवंबर के बीच है जब यहां का तापमान 15 से 20 डिग्री के बीच रहता है। आपको जानकर हैरानी होगी की सर्दियों के मौसम में तो यहां का तापमान 5 डिग्री तक चला जाता है।

किडनी में पथरी होने से क्या परेशानी होती है?

इसे सुनेंरोकेंपथरी (किडनी स्टोन) के लक्षण – Kidney Stone Symptoms पेशाब करते समय दर्द। मूत्र में खून आना। मूत्र से असामान्य गंध आना। मूत्र में धुंधलापन होना।

बार बार यूटीआई क्यों होता है?

इसे सुनेंरोकें3- महिलाओं में पुरुषों के मुकाबले यूटीआई की समस्या ज्यादा होती है. 4- सेक्सुअली एक्टिव महिलाओं में ये इंफेक्शन ज्यादा होता है. 5- कई बार कम पानी पीने से और कई बार नहाने से भी ये इंफेक्शन हो जाता है. 6- देर तक टॉयलेट रोकने से या किडनी में स्टोन होने पर भी इंफेक्शन हो जाता है.

पेशाब का इन्फेक्शन कैसे ठीक होता है?

इसे सुनेंरोकेंनारियल पानी शरीर को अंदर से हाइड्रेट करता है। नारियल के पानी से आपके पेट को भी ठंडक प्राप्त होती है, जिससे आपको यूरिन इंफेक्शन में लाभ मिलता है। आंवला की तासीर को ठंडा माना गया है। यूरिन इंफेक्शन से निजात पाने के लिए आंवला के एक चम्मच चूर्ण में चार से पांच इलायची के दानों को पीसकर मिलाएं, उसके बाद इसका सेवन करें।

क्यों होता है यूरिन इन्फेक्शन?

इसे सुनेंरोकेंक्या होता है यूरीन इंफेक्शन (Urine Infection)- मूत्राशय और इसकी नली के बैक्टीरिया से संक्रमित होने पर यू.टी. आई होता है। यह बैक्टीरिया यूरिनरी ट्रैक्ट (Urinary Tract) के जरिए शरीर में घुसकर ब्लैडर (Bladder) व किडनी (Kidneys) को नुकसान पहुंचाते हैं। इसके संक्रमण का मुख्य कारण ई-कोलाई बैक्टीरिया होता है।

यूरिन इन्फेक्शन कितने दिनों में ठीक होता है?

इसे सुनेंरोकेंआंवला और धनिया यूरिन इन्फेक्शन के सबसे कारगर इलाज बताए गए हैं। आयुर्वेद के मुताबिक, 50 ग्राम आंवले के रस में 30 ग्राम शहद मिलाकर दिन में तीन बार सेवन करें। ऐसा 7 दिन तक करने से पेशाब खुलकर आती है और जलन शांत होती है।