वैद्य जी ने मोहन की नाड़ी देखकर किसका प्रकोप बताया?
इसे सुनेंरोकेंउत्तर: वैद्य जी मोहन की नाड़ी दबाकर कहते हैं कि उसके पेट में वायु की मात्रा बहुत अधिक बढ़ गई है। फिर उसकी जीभ देखकर कहते हैं कि कब्ज है। पेट साफ नहीं हुआ है। मोहन का पेट टटोलकर वह बताते हैं कि मल रुक जाने से वायु बढ़ गई है, इसलिए दर्द हो रहा है।
ऐसे ऐसे की बीमारी क्यों और किन्हें होती है *?
इसे सुनेंरोकें’ऐसे-ऐसे’ की बीमारी क्यों और किन्हें होती है? Answer: मोहन ऐसे लड़कों में था जो छुट्टियों में खूब मौज-मस्ती करते हैं। स्कूल का काम पूरा नहीं करते और जब स्कूल की छुट्टियाँ समाप्त होने को आती हैं तो स्कूल का वर्क याद आता है। स्कूल का काम पूरा न होने से उन्हें स्कूल में जाने से भी डर लगता है।
मोहन के मां और पिताजी बेचैन क्यों थे?
इसे सुनेंरोकेंक्योंकि वे मोहन की बीमारी को समझने में असमर्थ थे
लेखिका को चश्मा क्यों लगाना पड़ा चश्मा लगाने पर उनके चचेरे भाई उन्हें क्या कहकर चिढ़ाते थे?
इसे सुनेंरोकेंचश्मा लगाने पर उनके चचेरे भाई उन्हें क्या कहकर चिढ़ाते थे? लेखिका को रात में टेबल लैंप के सामने बैठकर पढ़ने के कारण उनकी नजर कमजोर हो गई थी, इस वजह से उन्हें चश्मा लगाना पड़ा। उनके चचेरे भाई चश्मा लगाने पर उन्हें छेड़ते हुए कहते थेआँख पर चश्मा लगाया ताकि सूझे दूर की यह नहीं लड़की को मालूम सूरत बनी लंगूर की!
नेहरू जी ने इंदिरा को पत्रों के माध्यम से देश दुनिया की कथा लिखने का इरादा क्यों किया?
इसे सुनेंरोकेंप्रश्न: पं. जवाहर लाल नेहरू इंदिरा गाँधी को पत्र क्यों लिखा करते थे? उत्तर: पं. जवाहर लाल नेहरू अपनी पुत्री इंदिरा को पत्रों के माध्यम से देश और दुनिया की थोड़ी जानकारी देना चाहते थे, इसलिए वह उन्हें पत्र लिखा करते थे।
मोहन बीमारी को मास्टर साहब कैसे पकड़ लेते है?
इसे सुनेंरोकेंउत्तर: मोहन की बीमारी कक असल वजह ववद्यालय से लमला कायष था, क्योंकक मोहन ने कायष पूरा नहीं ककया और वह कायष न पूरा करने पर लमलने वाली सजा से डर गया था, इसललए मोहन ने बीमारी का नाटक ककया ककन्तु मास्टर जी नेउसका नाटक पकड ललया और उसकी पोल उसके वपताजी के सामने खोल दी थी ।
लेखिका चीजों को कैसे पहचानती है?
इसे सुनेंरोकेंलेखिका किसे स्पर्श से पहचान लेती है? Answer: लेखिका भोजपत्र के चिकनी छाल और चीड़ की खुरदरी छाल को स्पर्श से पहचान लेती है। लेखिका को किस काम में आनंद मिलता है? Answer: लेखिका को फूलों की पंखुड़ियों की मखमली सतह को छूने तथा उनकी घुमावदार बनावट को महसूस करने में अपार आनंद मिलता है।
ऐसे ऐसे पाठ में मोहन बहानेबाजी क्यों कर रहा था?
इसे सुनेंरोकेंमोहन बड़ा नटखट था और पढाई से जी चुराता था। सारा दिन खेलकूद व उधम में ही बिता देता था। पढ़ने के लिए स्कूल न जाना पड़ । इसलिए वह बहानेबाजी कर रहा था, क्योंकि स्कूल जाने पर अधूरे काम के कारण उसे डाँट खानी पड़ ती।
ऐसे कौन कौन से बहाने होते हैं जिन्हें मास्टर जी एक ही बार सुनकर समझ जाते हैं ऐसे कुछ बहानों के बारे में लिखो?
इसे सुनेंरोकेंऐसे कौन-कौन से बहाने होते हैं जिन्हें मास्टर जी एक ही बार सुनकर समझ जाते हैं? ऐसे कुछ बहानों के बारे में लिखो। पेट दर्द, सिर दर्द, बुखार, माता-पिता के साथ कहीं जाना, माता-पिता द्वारा किसी काम के लिए कहा जाना, शादी में जाना, बस छूट जाने का बहामा, माँ की बीमारी का बहाना इत्यादि।
हमारी मंज़िल क्या है?
इसे सुनेंरोकेंHamari manzil एक छत्तीसगढ़ सरकारी नौकरी का वेबसाइट है जहाँ पर आपको छत्तीसगढ़ जॉब के साथ – साथ भारत के अन्य राज्यों की नौकरी की जानकारी मिलता है !
मोहन के ऐसे ऐसे होने का मुख्य कारण क्या था?
इसे सुनेंरोकेंमोहन के ऐसे ऐसे होने का कारण था की…. Explanation: उसने स्कूल का होमवर्क नही किया था जिस कारण से वह स्कूल जाने से डर रहा था। तो स्कूल से छुट्टी लेने के लिए उसने पेट में ऐसे ऐसे होने का नाटक किया।
डॉक्टर के अनुसार मोहन को क्या बीमारी थी?
इसे सुनेंरोकेंSolution. डॉक्टर मोहन की जीभ देखकर कहते हैं कि उसे कब्ज़ और बदहजमी है।