मातृभूमि की स्वतंत्रता और उसकी रक्षा के लिए देवी मैना ने अपने प्राण न्योछावर कर दिए कैसे?
इसे सुनेंरोकेंनिडरता – मैना निडर है। वह सैनिकों से घिरी होने पर भी नहीं डरती है। जन्मभूमि से प्रेम – मैना अपनी जन्मभूमि से असीम प्रेम करती है। वह चाहती तो महल छोड़कर अन्यत्र भाग जाती पर उसने अपने मातृभूमि से प्रेम के कारण अपने प्राणों को न्योछावर कर दिया।
आधी रात के समय मैना महल के अवशेष पर बैठ कब रो रही थी?
इसे सुनेंरोकेंउत्तर. – 1857. 4. देवी मैना किस महल में रहती थी?
अर्धरात्रि में बिठूर के महल में कौन रो रहा था?
इसे सुनेंरोकेंउत्तर: सन् 1957 के सितम्बर मास में अर्धरात्रि के समय चाँदनी में बालिका नाना साहब के भग्नावशेष प्रासाद के ढेर पर बैठी रो रही थी।
प्रश्न II .बालिका मैना ने सेनापति हे को कौन कौन से तकय देकर महल की रक्षा के वलए प्रेररत वकया?
इसे सुनेंरोकेंQuestion 1: बालिका मैना ने सेनापति ‘हे’ को कौन-कौन से तर्क देकर महल की रक्षा के लिए प्रेरित किया? उत्तर: बालिका मैना ने सेनापति हे को कहा कि उस जड़ महल ने अंग्रेजों का कोई नुकसान नहीं किया था इसलिए उन्हें उस महल को नहीं गिराना चाहिए। Question 2: मैना जड़ पदार्थ मकान को बचाना चाहती थी पर अंग्रेज उसे नष्ट करना चाहते थे।
मैना की अंतिम इच्छा क्या थी?
इसे सुनेंरोकेंमैना की अंतिम इच्छा थी कि वह उस प्रासाद के ढेर पर बैठकर जी भरकर रो ले लेकिन पाषाण-हृदय वाले जनरल ने किस भय से उसकी इच्छा पूर्ण न होने दी? मैना महल के ढेर पर बैठकर जी भर कर रो लेना चाहती थी पर पाषाण-हृदय जनरल अउटरम ने उसकी यह इच्छा पूरी न होने दी।
मैना बिठूर के महल में कैसे रह गई थी?
देवी मैना बिठूर में पिता के महल में रहती थी; पर विद्रोह दमन करने के बाद अंगरेजों ने बड़ी ही क्रूरता से उस निरीह और निरपराध देवी को अग्नि में भस्म कर दिया।…
- बालिका मैना ने सेनापति ‘हे’ को कौन-कौन से तर्क देकर महल की रक्षा के लिए प्रेरित किया?
- अंग्रेज नाना साहब के महल को नष्ट क्यों करना चाहते थे?
मैना बिठूर के महल में कैसे रह गई?
इसे सुनेंरोकेंदेवी मैना बिठूर में पिता के महल में रहती थी; पर विद्रोह दमन करने के बाद अंगरेजों ने बड़ी ही क्रूरता से उस निरीह और निरपराध देवी को अग्नि में भस्म कर दिया। उसका रोमांचकारी वर्णन पाषाण हृदय को भी एक बार द्रवीभूत कर देता है। कानपुर में भीषण हत्याकांड करने के बाद अंगरेजों का सैनिक दल बिठूर की ओर गया।
मैना बिठूर के महल में क्यों रहती थी?
इसे सुनेंरोकेंउत्तर- मैना क्रांतिकारी धुंधूपंत नाना साहब की इकलौती पुत्री थी। सन् 1857 में कानपुर में विद्रोह असफल होने पर जल्दबाजी में नाना साहब अपनी पुत्री मैना को साथ नहीं ले जा सके थे। इसलिए वह महल में अकेली रह गयी।
मैना कौन थी और उसके साथ किसने क्या किया?
इसे सुनेंरोकेंAnswer. Answer: सन् 1857 के विद्रोह से पहले टामस ‘हे’ नाना साहब के घर आया-जाया करते थे। मैना उसकी दिवंगत पुत्री मेरी की घनिष्ठ सहेली थी।
जनरल आउटरम कौन थे?
इसे सुनेंरोकेंआउटरम अंग्रेज़ी सेना का प्रधान सेनापति था। वह सेनापति हे’ पर इसलिए बिगड़ उठा क्योंकि सेनापति ‘हे’ ने नाना साहब के महल पर तोप से गोले बरसाकर अब तक नष्ट नहीं किया था। ‘हे’ द्वारा कर्तव्य की अवहेलना करते देख वह नाराज हो गया।
सर टॉमस है के मैना पर दया भाव के क्या कारण रहे होंगे?
इसे सुनेंरोकेंसर टामस हे का मैना पर दया-भाव दिखाने का यह कारण था कि मैना और उसकी बेटी मेरी में प्रेम संबंध था वह स्वयं भी मैना को अपनी पुत्री के समान समझता था और उसी के समान प्यार करता था.
सर टामस हे के मैना पर दया भाव के क्या कारण रहे होंगे?