मच्छर भगाने के लिए कौन सा पौधा लगाना चाहिए?

मच्छर भगाने के लिए कौन सा पौधा लगाना चाहिए?

इसे सुनेंरोकेंनीम का पौधा- मच्छर, मक्खी और छोटे-छोटे कीड़ों को दूर करने के लिए नीम का पौधा लगाना काफी फायदेमंद होता है. अगर आपके घर में बगीचा है तो वहां नीम का पेड़ जरूर लगाएं. इससे घर के अंदर मच्छर नहीं आएंगे. रोजमेरी- रोजमेरी के पौधे को नेचुरल मॉस्किटो रिपेलेंट्स माना जाता है.

गुड नाईट रिफिल कैसे बनाएं?

इसे सुनेंरोकेंइस तरह करें तैयार: लिक्विड बनाने के लिए कपूर की एक गोली को सिल पर बारीक चूरन की तरह पीस लीजिए. अब एक पुरानी रिफिल से उसका ढक्कन निकालकर उसमें बारीक पिसे कपूर को डालें और उसमें तारपीन का तेल डालकर अच्छे से हिला लें ताकि दोनों मिक्स हो जाए. रिफिल के ढक्कन को बंद कर दें.

मच्छर मारने का लिक्विड कैसे बनता है?

इसे सुनेंरोकेंरिफिल बनाने के लिए आपको आधा लीटर तारपीन के तेल और आधा पैकेट कपूर की जरुरत होगी. इससे आप 1 साल के लिए मच्छरों को भगाने वाला रिफिल तैयार कर सकते हैं. किसी भी खाली रीफिल में तारपीन के तेल और कपूर से तैयार किया गया मिश्रण लिक्विड आप अपने घर पर बना सकते हैं.

घर में मकड़ी जाला लगाने से क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंशास्त्रों के अनुसार घर में मकड़ी के जालों का होना काफी अशुभ माना गया है। घरों में सही ढंग से सफाई ना हो पाने के कारण मकड़ी जाले बनाना शुरु कर देती है। घर में जाले के बनने पर आर्थिक स्थिति खराब होती है। क्योंकि माना जाता है कि धन की देवी लक्ष्मी उस घर में विराजमान होती है जहां साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाता है।

मच्छर का कितने दिन का जिंदगी होता है?

इसे सुनेंरोकेंकितना जीते हैं मच्छर? अगर मच्छरों की जिंदगी की बात करें तो मच्छर 2 महीने से ज्यादा दिन तक जीवित नहीं रह पाते हैं। वहीं मादा मच्छर, नर मच्छर के मुकाबले काफी ज्यादा दिनों तक जीता है। अगर नर मच्छरों की लाइफ के बारे में बात करें तो वो दिन ही जीवित रह पाते हैं और मादा मच्छर 6 से 8 हफ्तों तक जिंदा रहता है।

नीम के पेड़ को बीमारियां भगाने वाला पेड़ क्यों कहा जाता है?

इसे सुनेंरोकेंनीम स्वास्थवर्धक तथा बीमारियो को दूर करने वाला पौधा है । नीम के उपयोग ( Neem ke upyog) से अनेक बीमारियां दूर होती हैं । वर्षा ऋतु मे नीम के कोमल पत्ते का विशेष महत्व इससे त्वचा रोग, चेचक, एवं कुष्ट रोग संबंधित बीमारिया नही होती है । नीम के उपयोग ( Neem ke upyog) से रक्त शुद्ध होता है ।