विधालय से क्या समझते हैं?

विधालय से क्या समझते हैं?

इसे सुनेंरोकेंविद्यालय वह स्थान है, जहाँ शिक्षा ग्रहण की जाती है। “विद्यालय एक ऐसी संस्था है, जहाँ बच्चों के शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक एवं नैतिक गुणों का विकास होता है। ‘ विद्यालय’ शब्द के लिए आंग्ल भाषा में ‘स्कूल’ शब्द का प्रयोग होता है, जिसकी उत्पत्ति ग्रीक शब्द ‘Skohla’ या ‘Skhole’ से हुई है, जिससे तात्पर्य है- ‘अवकाश’।

विद्यालय से क्या समझते हैं विद्यालय की प्रमुख विशेषता?

विद्यालय की विशेषताएं (Vidyalaya ki visheshta)

  • विद्यालय समाज द्वारा निर्मित संस्था है।
  • विद्यालय एक विशिष्ट वातावरण है जिसमें बालकों के वांछित विकास के लिए विशिष्ट गुणों, क्रियाओं तथा व्यवसायों की व्यवस्था की जाती है।
  • विद्यालय समाज का लघुरूप है जिसका उद्देश्य समाज द्वारा मान्य व्यवहार व कार्य की शिक्षा देना है।

स्कूली शिक्षा से आप क्या समझते हैं?

इसे सुनेंरोकेंस्कूली शिक्षा का बहुत महत्व है, शिक्षा एक व्यापक लक्ष्य है। शिक्षा बच्चों के अंदर विचार और कर्म की स्वतंत्रता विकसित करती है। दूसरों के कल्याण और उनकी भावनाओं के प्रति संवेदनशीलता उत्पन्न करती है। शिक्षा हर वर्ग के लिए अनिवार्य है।

विद्यालय का महत्व क्या है?

इसे सुनेंरोकेंविद्यालय अर्थात पाठशाला विद्यार्थियों को संस्कारी और सुशिक्षित बनाते है। विद्यालय से मनुष्य जो शिक्षा प्राप्त करते है , उससे वह आगे चलकर एक सफल नागरिक बनते है। शिक्षा मनुष्य को विभिन्न क्षेत्र में रोजगार प्रदान करता है। कोई डॉक्टर बनता , कोई शिक्षक , कोई इंजीनियर इत्यादि बनकर अपना और अपने विद्यालय का नाम रोशन करता है।

मोहन की स्कूली शिक्षा कैसे हुई?

इसे सुनेंरोकेंमोहन की स्कूली शिक्षा कठिनाइयों से भरी हुई थी। मोहन एक मेधावी और कुशाग्र बुद्धि का छात्र था। वह गायन कला में भी निपुण था और अपने विद्यालय का सबसे अधिक बुद्धिमान छात्र था। मास्टर त्रिलोक सिंह ने तो उस के विषय में भविष्यवाणी कर रखी थी कि वह एक दिन बड़ा आदमी बनेगा।

शिक्षा में विद्यालय की क्या भूमिका है?

इसे सुनेंरोकेंशिक्षा एक सामाजिक प्रक्रिया है और उसके लिए विद्यालय ही एक सामाजिक संस्था है जिसमें बालक का सामाजिक विकास होता है। विद्यालय स्वस्थ नागरिकों के निर्माण में सहायक हो। विद्यालय शैक्षिक प्रक्रियाओं में समयानुकूल परिवर्तन करते हुए समाज की आर्थिक राजनैतिक एवं सामाजिक आवश्यकताओं की पूर्ति में पूर्ण सहयोग करें।