हजारी प्रसाद जी का जन्म कब हुआ?
19 अगस्त 1907आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी / जन्म तारीख
हजारी प्रसाद की मृत्यु कब हुई?
19 मई 1979आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी / मृत्यु तारीख
पुनर्नवा उपन्यास कब प्रकाशित हुआ?
इसे सुनेंरोकेंद्विवेदी जी के प्रमुख उपन्यास ‘बाणभट्ट की आत्मकथा’ (1946), ‘चारु चंद्रलेख’ (1963), ‘पुनर्नवा’ (1973) और ‘अनामदास का पोथा’ (1976) हैं.
आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी का कौन सा निबंध आपके पाठ्यक्रम में है?
इसे सुनेंरोकेंउनकी आत्म व्यंजना के विविध रूप उनके ललित निबंधों का प्राण है। ‘अशोक के फूल’, ‘कल्पलता’, ‘विचार और वितर्क’, ‘विचार प्रवाह’ और ‘कुटज’ द्विवेदीजी के निबंध संग्रह हैं। हजारी प्रसाद द्विवेदी का लेखन सोद्देश्य है। वे साहित्य-मात्र को मनष्य के संदर्भ में देखते हैं।
आलोचना कालिदास की लालित्य योजना किसकी रचना है?
इसे सुनेंरोकेंकालिदास की लालित्य योजना – हजारी प्रसाद द्विवेदी Kalidas Ki Lalitya Yojana – Hindi book by – Hazari Prasad Dwivedi.
हजारीप्रसाद द्विवेदी का जन्म कहाँ हुआ था?
बलियाआचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी / जन्म की जगह
पुनर्नवा उपन्यास में चंद्रा का पति कौन है?
इसे सुनेंरोकेंचंद्रा आर्यक को अपना पति मानती है।
हजारी प्रसाद द्विवेदी का निबंध संग्रह कौन कौन सा है?
इसे सुनेंरोकेंकुटज, अशोक के फूल, स्वतंत्रता संघर्ष का इतिहास, कल्पलता, आलोक पर्व, विचार प्रवाह, भाषा साहित्य और देश नामक निबंध संग्रहों और नाट्यशास्त्र की भारतीय परम्परा और दशरूपक, हिन्दी साहित्य की भूमिका, कबीर, महापुरुषों का स्मरण, प्राचीन भारत के कलात्मक विनोद, हिन्दी साहित्य: उद्भव और विकास, सूर साहित्य, मध्यकालीन बोध का स्वरूप.
कविता क्या है अथवा कुटज निबंध का सारांश लिखिए?
इसे सुनेंरोकेंकुटज ललित निबंध है। इसका केंद्र कुटज नाम का वृक्ष है जो पुष्पों से भरा हुआ होता है। हजारी प्रसाद द्विवेदी के इस निबंध को उनकी आत्माभिव्यक्ति के रूप में अधिक जाना जाता है। कुटज के माध्यम से द्विवेदीजी बहुत से महत्वपूर्ण बिंदुओं की व्यंजना करते चलते हैं।
कालिदास के ललित योजना के लेखक कौन हैं?
साहित्य सहचर के लेखक कौन है?
इसे सुनेंरोकेंसाहित्य-सहचर – हजारी प्रसाद द्विवेदी Sahitya Sahchar – Hindi book by – Hazari Prasad Dwivedi.
हजारी प्रसाद द्विवेदी इस संस्मरण के रचियता कौन है?
इसे सुनेंरोकें’आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी : कुछ संस्मरण’ इस संदर्भ में एक स्थायी महत्व की पुस्तक है। आचार्य द्विवेदी पर विख्यात व्यक्तित्वों द्वारा लिखे गए महत्वपूर्ण संस्माणों की इस पुस्तक का संपादन सुप्रसिद्ध साहित्यकार कमलकिशोर गोयनका ने किया है।