गुर्जरा अभिलेख क्या है?
इसे सुनेंरोकेंमध्यप्रदेश के गुर्जरा नामक स्थान से 1924 ईस्वी मे सम्राट अशोक का एक शिलालेख प्राप्त हुआ था । जो कि बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है । सम्राट अशोक के अब तक के प्राप्त अभिलेखो मे या धर्मलिपियो मे केवल मासकी के अभिलेख मे ही अशोक का नाम देवान प्रिय की उपाधि के साथ मिला था ।
अशोक का धम्म क्या है समझाइए?
इसे सुनेंरोकेंअशोक का धम्म (धर्म) किसे कहते है? (ashok ka dhamm kya tha) धर्म है साधुता, बहुत से अच्छे कल्याणकारी कार्य करना, कोई पाप न करना, मृदुता, दूसरों के प्रति व्यावहार मे मधुरता, दया, दान तथा शुचिता। धर्म है प्राणियों का वध न करना किसी भी प्रकार की जीव हिंसा न करना, माता-पिता तथा बड़ों की आज्ञा मानना।
मास्की अभिलेख कहाँ से प्राप्त हुए?
इसे सुनेंरोकेंमस्की या ‘मास्की’ आन्ध्र प्रदेश, कर्नाटक के रायचूर का एक छोटा-सा गाँव है। यहाँ से एक पुरातात्त्विक शिलालेख साक्ष्य मिला है, जो अशोक की धम्म यात्रा का साक्षी है। मस्की अपने ही नाम की एक नदी ‘मस्की’ के तट पर स्थित है।
अशोक के गुहालेख ओं की संख्या कितनी है?
इसे सुनेंरोकेंअशोक के गुहा-लेख दक्षिण बिहार के गया जिले में स्थित बराबर नामक तीन गुफाओं की दीवारों पर अशोक के लेख उत्कीर्ण प्राप्त हुए हैं। इन सभी की भाषा प्राकृत तथा लिपि ब्राह्मी है।
रुम्मिनदेई अभिलेख किसका है?
इसे सुनेंरोकेंरुम्मिनदेई के अशोक-स्तंभ पर ख़ुदा हुआ लेख ब्राह्मी लिपि में है और बाएँ ओर से दाईं ओर को पढ़ा जाता है। यहाँ से प्राप्त अभिलेख से ज्ञात होता है कि सम्राट अशोक अपने राज्याभिषेक के बीस वर्ष बाद लुम्बिनी आया था। उसने यहाँ अर्चना की क्योंकि यह शाक्यमुनि की पावन जन्म स्थली है।
अशोक का सबसे छोटा स्तम्भ लेख कौन सा है?
इसे सुनेंरोकेंअशोक का सबसे छोटा स्तंभ लेख रूम्मिदेई(नेपाल) है । इसी में लुंबिनी में धम्म यात्रा के दौरान अशोक द्वारा भू राजस्व की दर घटा देने की घोषणा की गई है ।
धम्म का प्रचार अशोक ने कैसे किया?
इसे सुनेंरोकेंअशोक ने बौद्ध धर्म के प्रचारार्थ रणयात्रा के स्थान पर धर्मयात्रा की व्यवस्था की। वह स्वयं धर्म यात्रायें किया करता था तथा अपने अधिकारियों को भी धार्मिक स्थानों की यात्रा करने को भेजता था। मठों का निर्माण- अशोक ने अपने राज्य के विभिन्न भागों में मठों का निर्माण करवाया तथा पुराने मठों को आर्थिक सहायता की।
भेरीघोष क्या है?
इसे सुनेंरोकेंदीर्घ शिलालेख 13 में वह भेरीघोष को धम्मघोष में बदल देने की बात करता है। यह संभव जान पड़ता है कि राजकीय स्तर पर पशुओं का वध समाप्त हो गया हो लेकिन जंगलों में रहने वाले समुदायों ने अपनी जीवन प्रणाली मुश्किल से बदली हो जिसमें मांस भक्षण भी शामिल था।