विभीषण नाम क्यों नहीं रखा जाता?
इसे सुनेंरोकेंरामायण में विभीषण को घर के भेदी के रूप में देखा गया। उसने अपने भाई रावण से संबंधित कई गुप्त जानकारियां भगवान राम को दी थीं। भगवान राम की मदद करने के बावजूद मान्यता है कि विभीषण के नाम पर अपने बच्चे का नाम नहीं रखना चाहिए। हालांकि, विभीषण के अर्थ की बात करें तो इसका मतलब होता है जिसे कभी गुस्सा न आता हो।
विभीषण के वंशज कौन है?
इसे सुनेंरोकेंउनसे ऋषि के दो पुत्र उत्पन्न हुए — महर्षि अगस्त्य एवं विश्रवा। विश्रवा की दो पत्नियाँ थीं – एक थी राक्षस सुमाली एवं राक्षसी ताड़का की पुत्री कैकसी, जिससे रावण, कुम्भकर्ण तथा विभीषण उत्पन्न हुए, तथा दूसरी थी इलाविडा- जिसके कुबेर उत्पन्न हुए।
सरमा कौन थी?
इसे सुनेंरोकेंत्रिजटा रामभक्त विभीषणजी की पुत्री है। इनकी माता का नाम शरमा है। वह रावण की भ्रातृजा है। राक्षसी उसका वंशगुण है और रामभक्ति उसका पैतृक गुण ।
विभीषण किसका बेटा था?
इसे सुनेंरोकेंविभीषण की माता का नाम कौशिल्या है जब रावण को इस बात की जानकारी हुई की कौशिल्या का पुत्र उसकी और उसके परिवार की मृत्यु का कारण बनेगा तब उसने अपने सैनिको से कहकर कौशिक प्रदेश के राजा कौशिक की पुत्री कौशिल्या का अपहरण करवा कर उन्हें लंका के समुद्र तट पर छुपाया था और उन्हें छोड़ने की कीमत उनका पहला पुत्र माँगा था जिसका ही …
विभीषण और मंदोदरी के कितने पुत्र हुए?
इसे सुनेंरोकेंइस शादी से मंदोदरी को दो पुत्र मेघनाद और अक्षय प्राप्त हुए.
विभीषण पूर्व जन्म में कौन था?
इसे सुनेंरोकेंविभीषण पूर्व जन्म में कैकय देश के राजा सत्यकेतु के मंत्री थे, उनका पूर्व जन्म का नाम धर्मरूचि था।
विभीषण पूर्व जन्म में कौन थे?
इसे सुनेंरोकेंरामायण काल में प्रतापभानु और अरिमर्दन का जन्म रावण और कुंभकरण के रूप में हुआ, जबकि धर्मरूचि का जन्म विभीषण के रूप में हुआ। अर्थात विभीषण का पूर्व जन्म पुरुष धर्मरूचि के रूप में था।
विभीषण के बाद लंका का राजा कौन हुआ?
इसे सुनेंरोकेंउन्होंने सोचा कि रावण की मृत्यु के बाद विभीषण किस तरह लंका का शासन कर रहे हैं? क्या उन्हें कोई परेशानी तो नहीं! ऐसा विचार मन में आने के बाद जब श्री राम लंका जाने की सोच रहे थे, उसी समय वहां भरत भी आ गए। भरत के पूछने पर श्री राम ने उन्हें यह बात बताई तो भरत भी उनके साथ जाने को तैयार हो गए।
विभीषण का पुत्र कौन था?
इसे सुनेंरोकेंविभीषण के पुत्र का नाम क्या था? विभीषण के पुत्र का उल्लेख कहीं मिलता नहीं है। अद्भुत रामायण की एक कथा में ऐसा आया है कि; कुम्भकर्ण का पुत्र मूलकासुर जो कि मूल नक्षत्र में पैदा हुआ था। अशुभ जानकर उसे जंगल में छोड़ दिया गया था।