खान पान की बदलती तस्वीर से सर्वाधिक प्रभावित कौन है?
इसे सुनेंरोकेंखानपान की इस बदली हुई संस्कृति से सबसे अधिक प्रभावित नयी पीढ़ी हुई है, जो पहले के स्थानीय व्यंजनों के बारे में बहुत कम जानती है, पर कई नए व्यंजनों के बारे में बहुत कुछ जानती है। स्थानीय व्यंजन भी तो अब घटकर कुछ ही चीज़ों तक सीमित रह गए हैं।
विभिन्न प्रदेशों के व्यंजनों की एक खुशबू से क्या तात्पर्य है?
इसे सुनेंरोकेंबड़े शहरों के मध्यमवर्गीय स्कूलों में जब दोपहर के वक्त बच्चों के टिफिन-डिब्बे खुलते हैं तो उनसे विभिन्न प्रदेशों के व्यंजनों की खुशबू उठती है। खानपाने के द्वारा राष्ट्रीय एकता का बीज किस प्रकार अंकुरित होगा। उत्तर : हम विभिन्न प्रांतों के निवासी खान-पान के माध्यम से भी एक-दूसरे के निकट आते हैं।
खान िान की नयी संस्कृ मत का स्थानीय व्यंजनों िर क्या प्रभाव िड़ा है?
इसे सुनेंरोकें1. स्थानीय व्यंजनों का चलन कम होता जा रहा है जिससे नई पीढ़ी स्थानीय व्यंजनों के बारे में जानती ही नहीं है। 2. खाद्य पदार्थों में शुद्धता की कमी होती जा रही है।
1 खान पान संस्कृति का प्रचार प्रसार कब अधिक हुआ?
इसे सुनेंरोकें5. खान-पान की मिश्रित संस्कृति का प्रचार-प्रसार कब अधिक हुआ? उत्तर खान-पान की मिश्रित संस्कृति का प्रचार-प्रसार स्वतंत्रता के बाद अधिक हआ। स्वतंत्रता के बाद लोगों के काम-काज, नौकरी आदि के कारण लोगों का आना-जाना बढ़ा है।
खानपान की नई संस्कृति का नकारात्मक पहलू क्या है अपने शब्दों में लिखिए?
इसे सुनेंरोकेंकई बार खानपान की नवीन मिश्रित संस्कृति में हम कई बार चीजों का सही स्वाद लेने से भी। वंचित रह जाते हैं, क्योंकि हर चीज़ खाने का एक अपना तरीका और उसका अलग स्वाद होता है। प्रायः सहभोज या । यह खानपान की नवीन संस्कृति के नकारात्मक पक्ष हैं।
खान पान से आप क्या समझते हैं?
इसे सुनेंरोकेंखान-पान Meaning in Hindi – खान-पान का मतलब हिंदी में खाने और पीने की क्रिया या भाव 2. खाने या पीने की क्रिया भाव या प्रकार। 2. खाने-पीने का ढंग या रीति रिवाज।
देश में खानपान की कौन सी संस्कृति पूरी तरह पनप चुकी है?
इसे सुनेंरोकेंउत्तर – ढाबा संस्कृति पूरे देश में फैल चुकी है। प्रश्न-5 उत्तर भारत की कौन सी संस्कृति पूरे देश में फैल चुकी है?
खानपान की संस्कृति को राष्ट्रीय एकता से कैसे जोड़ा जाता है?
इसे सुनेंरोकेंAnswer: उत्तर: खानपान संस्कृति का राष्ट्रीय एकता में महत्त्वपूर्ण योगदान है। खाने-पीने के व्यंजनों का प्रभाव एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश में बढ़ता जा रहा है। उदाहरण के तौर पर उत्तर भारत के व्यंजन दक्षिण व दक्षिण के व्यंजन उत्तर भारत में अब काफ़ी प्रचलित हैं।
खान पान की बदलती तस्वीर के लेखक कौन हैं *?
इसे सुनेंरोकेंइस निबंध के द्वारा लेखक श्री प्रयाग शुक्ल ने आधुनिक युग तथा पश्चिमी सभ्यता के कारण खान-पान की बदलती हुई तस्वीर को दर्शाया है। पिछले दस-पंद्रह वर्षों से हमारे देश की खान-पान की संस्कृति में बहुत बदलाव आया है।