क्या समय यात्रा करना संभव है?

क्या समय यात्रा करना संभव है?

इसे सुनेंरोकेंआइंस्टीन ने अपने विशेष सापेक्षता के सिद्धांत में बताया कि समय यात्रा संभव है। आइंस्टीन ने बताया कि अगर कोई वस्तु जितनी ज्यादा तेजी से चलेगी उसके लिए समय उतना ही धीमा होता जाएगा और वस्तु किसी स्थिर पर्यवेक्षक के सापेक्ष भविष्य मे होगी।

इसे सुनेंरोकेंसमय यात्रा अतीत के समय में वापस जाने या भविष्य मे आगे जाने का विचार है। आधुनिक युग में अभी तक समय यात्रा संभव नहीं है, लेकिन यह काल्पनिक कहानियों में बहुत प्रयोग किया जाता है।

समय यात्रा कैसे करें?

इसे सुनेंरोकेंकई वैज्ञानिकों का कहना है कि वर्म होल के जरिए समय यात्रा की जा सकती है। वर्म होल टाइम और स्पेस की चादर में पाई जाने वाली विकृति है। सरल शब्दों में कहें तो वर्म होल अंतरिक्ष के दो हिस्सों के बीच की एक सुरंग होती है, जो दो अलग-अलग जगहों को एक साथ जोड़ती है।

क्या टाइम मशीन पॉसिबल है?

इसे सुनेंरोकेंकुछ ब्रह्मांडीय किरणें प्रकाश की गति से चलती हैं। उन्हें एक आकाशगंगा पार करने में कुछ क्षण लगते हैं लेकिन पृथ्वी के समय के हिसाब से ये दसियों हजार वर्ष हुए। भौतिकशास्त्र की दृष्टि से यह सत्य है लेकिन अभी तक ऐसी कोई टाइम मशीन नहीं बनी जिससे हम अतीत या भविष्य में पहुंच सकें।

टाइम ट्रेवल क्या सच में होता है?

इसे सुनेंरोकेंअगर कोई आपसे कहे कि वह भविष्य या भूतकाल की यात्रा करके आया है तो आप जरूर चौंक जाएंगे क्योंकि किसी भी दृष्टि से ऐसा संभव नहीं है. अभी तक विज्ञान के पास भी ऐसा कोई तर्क या यंत्र नहीं है जो इंसान को किसी दूसरे युग या काल में एक ही समय में ले जाए. टाइम ट्रैवल की थ्योरी को विज्ञान भी पूरी तरह से नकार नहीं पाता.

क्या टाइम मशीन सच में है?

इसे सुनेंरोकेंकुछ ब्रह्मांडीय किरणें प्रकाश की गति से चलती हैं. उन्हें एक आकाशगंगा पार करने में कुछ क्षण लगते हैं लेकिन पृथ्वी के समय के हिसाब से ये दसियों हज़ार वर्ष हुए. भौतिकशास्त्र की दृष्टि से यह सत्य है लेकिन अभी तक ऐसी कोई टाइम मशीन नहीं बनी जिससे हम अतीत या भविष्य में पहुँच सकें.

क्या टाइम ट्रैवल पॉसिबल है?

इसे सुनेंरोकेंरिलेटिविटी के गणित में x, y और z के साथ टाइम के रूप में एक चौथा आयाम भी मौजूद है. रिलेटिविटी में स्पेस और टाइम को अलग करके नहीं देखा जा सकता. ब्रह्मांड की हमारी मौजूदा समझ स्पेस-टाइम की इसी अवधारणा पर टिकी हुई है. टाइम-स्पेस को आप ट्रेन के दो डिब्बे मान सकते हैं जो अलग-अलग होते हुए भी एक साथ सफ़र करते हैं.