नैषधीयचरितम् के लेखक कौन है?

नैषधीयचरितम् के लेखक कौन है?

श्रीहर्ष
Śrīharṣa
नैषधीयचरित/लेखक

नैषधीयचरितम् में कितने श्लोक है?

इसे सुनेंरोकेंइस ग्रन्थ के दो भाग हैं- पूर्व और उत्तर। दोनों में ११-११ सर्ग हैं (कुल २२ सर्ग) इस ग्रन्थ के अन्त में यह निर्दिष्ट नहीं है कि ‘ग्रन्थ समाप्त हुआ’ – इस कारण संशय होता है कि यह ग्रन्थ अपूर्ण है। यह काव्य कठिन है क्योंकि कहा गया है- नैषधं विद्वदौषधम् (नैषध विद्वानों के लिये औषध है।)

श्रीहर्ष का जन्म कब हुआ?

इसे सुनेंरोकेंश्रीहर्ष का जन्म सारस्वती नदी के किनारे कुरुक्षेत्र के निकट थानेश्वर में 490 ई॰ के लगभग हुआ था। इनके पिता महाराज प्रभाकरवर्धन तथा माता यशोमती थी। इनके अग्रज राज्यवर्धन तथा अनुजा राज्यश्री थी। हूणों का दमन करने हेतु प्रभाकरवर्धन ने अपने जयेष्ठ पुत्र राज्यवर्धन को भेजा साथ में श्रीहर्ष भी गये थे।

जानकी हरण के लेखक कौन है?

कुमारदासजानकीहरण / लेखककुमारदास संस्कृत के महाकाव्य जानकीहरण के रचयिता हैं। वे सिंहल के राजा थे। विकिपीडिया

उपजीव्य काव्य कौन है?

इसे सुनेंरोकेंऐसे उपजीव्य-काव्य की संख्या 3 है- रामायण, महाभारत और श्रीमद् भागवत। इन तीनों का अवांतर काव्य – साहित्य के ऊपर बड़ा ही विशाल मार्मिक और आभ्यंतर प्रभाव पड़ा है। “यदिहास्ति तदन्यत्र यन्नेहास्ति न तत्र क्वचित्।” तीसरा उपजीव्य ग्रंथ’ श्रीमद्भागवत ‘विस्तृत और प्रभावशाली ग्रंथ है।

श्री हर्ष के पिता का क्या नाम था?

इसे सुनेंरोकेंमहाकवि श्रीहर्ष की माता का नाम मामल्ल देवली और पिता का ‘हीरपंडित’ था। गहड़वालवंशी काशी के राजा विजयचंद्र और उनके पुत्र राजा जयचंद्र (जयतचंद्र) – दोनों के वे राजसभापंडित थे।

महाकाव्य के नामकरण का आधार क्या होता है?

इसे सुनेंरोकें. महाकाव्य — सर्गबन्ध रचना • महाकाव्य का नामकरण – कवि, कथानक अथवा नायक के नाम पर आधारित। . कालिदास के दो प्रसिद्ध महाकाव्य- (i) कुमारसम्भव – सर्ग-आठ, रीति-वैदर्भी।

माघ द्वारा रचित ग्रंथों में से वर्तमान में प्राप्त ग्रंथों की संख्या कितनी है?

इस महाकाव्य में श्रीकृष्ण के द्वारा युधिष्ठिर के राजसूय यज्ञ में चेदिनरेश शिशुपाल के वध का सांगोपांग वर्णन है। उपमा, अर्थगौरव तथा पदलालित्य – इन तीन गुणों का सुभग सह-अस्तित्व माघ के कमनीय काव्य में मिलता है, अतः “माघे सन्ति त्रयो गुणा:” उनके बारे में सुप्रसिद्ध है। इनके पिता का नाम दत्तक था ।…

माघ
व्यवसाय कवि

जानकी हरण में कितने सर्ग हैं?

इसे सुनेंरोकें”जानकीहरण” महाकाव्य प्राप्त होता है। इसमें 20 सर्ग हैं। कुछ विद्वानों के मतानुसार 25 सर्ग थे।

रश्मिरथी का उपजीव्य ग्रंथ कौन है?

इसे सुनेंरोकेंExplanation: रश्मिरथी, जिसका अर्थ “सूर्यकिरण रथ का सवार” है, हिन्दी के महान कवि रामधारी सिंह दिनकर द्वारा रचित प्रसिद्ध खण्डकाव्य है।

रसगंगाधर के रचयिता कौन हैं?

इसे सुनेंरोकेंरसगंगाधर संस्कृत साहित्यशास्त्र पर प्रौढ़ एवं सर्वथा मौलिक कृति है। इसके निर्माता सर्वतंत्र स्वतंत्र पंडितराज जगन्नाथ हैं जो नवाव शाहाबुद्दीन के आश्रित तथा आसफ खाँ के द्वारा सम्मानित राजकवि थे। यह दाराशिकोह के समकालिक थे। पंडितराज न केवल मार्मिक, सहृदय एवं सूक्ष्म समालोचक ही थे अपितु एक प्रतिभाशाली निसर्ग कवि भी।

काव्यालंकार सूत्र किसकी रचना है?

इसे सुनेंरोकेंवामन द्वारा रचित काव्यालङ्कारसूत्र, काव्यशास्त्र का दर्शन निर्माण का प्रथम प्रयास है। यह ग्रन्थ सूत्र रूप में है।

रामायण और महाभारत क्या है?

इसे सुनेंरोकेंरामायण में धर्म की प्रधानता है जबकि महाभारत में शौर्य और कर्म प्रधान हैं। रामायण में राम का रावण के साथ युद्ध करना एक नियति थी जबकि महाभारत में कौरवों व पाण्डवों का युद्ध पारस्परिक द्वेष और ईष्र्या के कारण ही हुआ। रामायण में सदाचार और नैतिकता का प्राधान्य है। जबकि महाभारत में राजनीति और कूटनीति का प्रधान है।

विद्वदौषधम् किसकी रचना है?

इसे सुनेंरोकेंविद्वानों में मान्यता है कि श्रीहर्ष कृत् ‘नैषधीयचरितम्’ के श्लिष्ट होने के कारण विद्वानों के बुद्धि का व्यायाम हो जाता था इसलिये ही उसे ‘विद्वदौषधम्’ कहा जाता है। अतः स्पष्ट है कि श्रीहर्ष कृत् ‘नैषधीयचरितम्’ को ‘विद्वदौषधम्’ कहा गया है। कालिदास- उपमा कालिदासस्य, दीपशिखाकालिदास, कविकुलगुरुकालिदास, कविशिरोमणी कालिदास।

श्रीहर्ष की कौन कौन सी रचनाएं हैं?

नैषधीयचरितश्रीहर्ष / किताबें

किरातार्जुनीयम् में कितने श्लोक हैं?

इसे सुनेंरोकेंकीरातार्जुनीयम् में १८ सर्ग हैं। किरातार्जुनीयम्‌ के पहले सर्ग में द्रौपदी और दूसरे में भीम द्वारा युधिष्ठिर को दुर्योधन के विरुद्ध युद्ध की घोषणा के लिए उकसाने और युधिष्ठिर द्वारा उसे अनीतिपूर्ण बताकर अस्वीकार कर देने के क्रम में भारवि ने राजनीति के दो छोरों के बीच के द्वंद्व पर बहुत सार्थक विमर्श प्रस्तुत किया है।