पैतृक संपत्ति पर किसका हक होता है?

पैतृक संपत्ति पर किसका हक होता है?

इसे सुनेंरोकेंदूसरे शब्दों में पिता, दादा, परदादा और उनसे भी पहले के पूर्वजों के पास अविभाजित पैतृक संपत्ति पर उत्तराधिकार का हक होता है. अन्य शब्दों में कहें तो जब हिंदू गैरविभाजित परिवार में बंटवारा होता है तो जिस परिवार के शख्स को संपत्ति मिलती है, वह खुद अर्जित की हुई बन जाती है

पैतृक संपत्ति को बेचने के क्या नियम हैं?

इसे सुनेंरोकेंअपने पिता, दादा या परदादा को छोड़कर किसी हिंदू द्वारा खुद अर्जित या किसी से विरासत में मिली संपत्ति को व्यक्तिगत संपत्ति माना जाता है. जहां तक व्यक्तिगत संपत्ति का सवाल है, तो आप इसे बेचने के हकदार हैं, जिस तरह से आप चाहते हैं और आपको अपने माता-पिता या बच्चों सहित किसी से सहमति लेने की जरूरत नहीं है

दूसरी शादी करने पर कौन सी धारा लगती है?

इसे सुनेंरोकेंबिना तलाक दूसरी शादी करने पर क्या होगा? हिंदू मैरिज एक्ट के सेक्शन-5 के अनुसार, शादी के समय लड़का व लड़की पहले से शादीशुदा नहीं होने चाहिए व यदि कोई व्यक्ति बिना तलाक लिए किसी अन्य व्यक्ति से विवाह कर लेता है तो यह आईपीसी की धारा 494 के तहत एक अपराध है

सरकारी बंटवारा कैसे किया जाता है?

इसे सुनेंरोकेंबहुमत के आधार पर बंटवारे को दी जाएगी मान्‍यता यह हो सकता है कि परिवार के बहुमत सदस्यों की राय को कानूनी रूप दिया जाए। किसी परिवार में 10 सदस्य हैं और उनमें से कम से कम छह सदस्य बंटवारा के किसी एक स्वरूप पर सहमत हैं। ऐसे मामलों में सहमति पत्र तैयार कर उसे कानूनी मान्यता दे दी जाएगी

जमीन का सरकारी बंटवारा कैसे करवाएं?

इसे सुनेंरोकेंपुश्तैनी जमीन बेचने से पहले पारिवारिक बंटवारा करना होगा, जमीन की दाखिल-खारिज करानी पड़ेगी। जमीन निबंधन के दस्तावेज में अपनी संपत्ति का पूरा ब्योरा देना होगा। लेकिन इस पूरी प्रक्रिया में बेटियों की हकमारी नहीं हो पाएगी। भाई अगर जमीन बेचना चाहते हैं तो बहनों का हिस्सा सुरक्षित रहेगा या उसकी रजामंदी जरूरी होगी।

दादा की प्रॉपर्टी में किसका कितना अधिकार?

इसे सुनेंरोकें1 . क़ानून के मुताबिक किसी व्यक्ति की पैतृक संपत्ति में उनके सभी बच्चों और पत्नी का बराबर-बराबर का अधिकार होता है। 2 . कानून के मुताबिक पिता की संपत्ति में बेटा और बेटी दोनों को बराबर का अधिकार होता हैं।

दो शादी करने से क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंभारतीय दंड संहिता के तहत- यदि कोई व्यक्ति दूसरी बार शादी करता है जब पहले से ही अपनी पहली पत्नी के साथ मौजूदा विवाहित संबंध होता है- यह बिगैमी के बराबर है और यह एक दंडनीय अपराध है दूसरी शादी कानून के तहत शून्य है क्योंकि यह पहली पत्नी के जीवन के दौरान हुई है पति को सात साल तक की अवधि के लिए दंडित किया जा सकता है; और.