बच्चे को देखकर लेखक को क्या चिंता थी?
इसे सुनेंरोकेंइसके बेटे की मृत्यु के कारण लोग इससे खरबूजे नहीं ले रहे थे। उसे बुरा-भला कह रहे थे। उस स्त्री को देखकर लेखक का मन व्यथित हो उठा। उनके मन में उसके प्रति सहानुभूति की भावना उत्पन्न हुई थी।
कभी कभी मृत व्यक्ति के लिए कपड़ा खरीदने पर क्या बिक जाता है?
इसे सुनेंरोकेंछन्नी-ककना – गरीब बुढ़िया को अपने बेटे का कफ़न खरीदने के लिए अपनी छन्नी-ककना भी बेचना पड़ा। अढ़ाई मास – संभ्रांत महिला पुत्र-शोक में अढाई मास तक पलंग पर रही।
कवि को राम नाम की रट क्यों नहीं भूलती class 9?
इसे सुनेंरोकेंरैदास को राम नाम की रट इसलिए नहीं भूलती क्योंकि वह राम के नाम के साथ एकाकार हो गये हैं। रैदास केवल राम के नाम की रट लगाए रहते हैं। वह इस आदत को छोड़ नहीं पाते क्योंकि वह अपने आराध्य प्रभु के साथ मिलकर प्रभु में ही लीन हो गए हैं, प्रभु में ही एकाकार हो गए हैं।
अब कैसे छूटे राम नाम MCQ?
इसे सुनेंरोकेंअब कैसे छूटै राम नाम रट लागी,प्रभु जी, तुम चन्दन हम पानी, जाकी अंग-अंग बास समानी। प्रभु जी, तुम घन बन हम मोरा, जैसे चितवन चंद चकारो।। प्रभु जी, तुम दीपक हम बाती, जाकी जोति बरै दिन राती। प्रभु जी, तुम मोती हम धागा, जैसे सोनहिं मिलत सुहागा।
मक्खनपुर से आते जाते बच्चों के लिए कौतुहल का विषय क्या था पोखर हवेली जंगल एक कुंआ?
इसे सुनेंरोकेंमक्खनपुर पढ़ने जाने वाले बच्चों की टोली पूरी वानर टोली थी। उन बच्चों को पता था कि कुएँ में साँप है। वे ढेला फेंककर कुएँ में से आने वाली उसकी क्रोधपूर्ण फुँफकार सुनने में मजा लेते थे। कुएँ में ढेला फेंककर उसकी आवाज तथा उससे सुनने के बाद अपनी बोली की प्रतिध्वनि सुनने की लालसा उनके मन में रहती थी।
लेखक ने चिट्ठियाँ कहाँ रखी थी?
इसे सुनेंरोकेंAnswer: चिट्ठियाँ लेखक के बड़े भाई ने डाकखाने में डालने के लिए दी थी। लेखक अपने बड़े भाई से बहुत डरते थे। कुएँ में चिट्ठियाँ गिरने से उन्हें अपनी पिटाई का डर था और वह झूठ भी नहीं बोल सकता था।
जिस कुएँ में साँप गिरा था वह गाँव से कितनी दूरी पर था?
इसे सुनेंरोकेंउछलते-कूदते, बहुत ही जल्दी गाँव से 220 गज दूर उस कुएँ के पास आ गए जिसमें एक बहुत ही भयंकर काला साँप गिरा हुआ था। मक्खनपुर पढ़ने जाने वाली लेखक की टोली पूरी तरह बन्दर की टोली कही जाती थी।
चिट्ठियों के कुएँ में गिरने पर लेखक और उसके भाई ने क्या किया?
इसे सुनेंरोकेंभाई द्वारा दी गई चिट्ठियाँ लेखक से कुएँ में गिर गई थी और उन्हें उठाना भी ज़रुरी था। लेकिन कुएँ में साँप था, जिसके काटने का डर था। परन्तु लेखक ने कुएँ से चिट्ठियाँ निकालने का निर्णय लिया। उसने अपनी और अपने भाई की धोतियाँ कुछ रस्सी मिलाकर बाँधी और धोती की सहायता से वह कुएँ में उतरा।
अगर पढ़ना आता हो तो राह में पड़ा रोड़ा भी क्या बन जाता है?
इसे सुनेंरोकेंAnswer: एक छोटे-से रोड़े से दुनिया को नई-नई बातों की जानकारी मिलती है, लेकिन उसे पढ़ना आता हो यानी उसकी स्थिति को जानने का प्रयत्न करें तो नई जानकारियाँ हासिल कर सकते हैं। जब तुम कोई छोटा-सा गोल चमकीला रोड़ा देखती हो, तो क्या वह तुम्हें कुछ नहीं बतलाया?
मक्खनपुर पढ़ने जाने वाली बच्चों की टोली रास्ते में पड़ने वाले कुँए में ढेला क्यों फेंकती थी?
इसे सुनेंरोकेंउत्तर : बच्चे स्वभाव से नटखट होते हैं। मक्खनपुर पढ़ने जाने के रास्ते में एक सूखा कुआँ था। उसमें एक साँप गिर गया था। अपने नटखट स्वभाव के कारण साँप को तंग करने और उसकी फुसकार सुनने के लिए बच्चे कुएँ में ढेले फेंका करते थे।
पोशाक मनुष्य को कैसे बांटती हैं?
इसे सुनेंरोकें(ख) पोशाकें मनुष्य को विभिन्न श्रेणियों में बाँट देती है। ये पोशाकें ही मनुष्य को उसका अधिकार दिलाती है तथा समाज में उसका दर्जा निश्चित करती है। यदि कोई व्यक्ति अच्छी, महंगी, चमकदार पोशाक पहनता है तो वह अमीर और उच्च वर्ग का माना जाता है। साधारण पोशाक पहनने वाला गरीब व निम्न वर्ग का माना जाता है।