गिलोय का और क्या नाम है?
इसे सुनेंरोकेंगिलोय (अंग्रेजी:टीनोस्पोरा कार्डीफोलिया) (अन्य नाम – गुच्छ) की एक बहुवर्षिय लता होती है। इसके पत्ते पान के पत्ते की तरह होते हैं। आयुर्वेद में इसको कई नामों से जाना जाता है यथा अमृता, गुडुची, छिन्नरुहा, चक्रांगी, आदि।
गिलोय का पहचान कैसे करें?
इसे सुनेंरोकेंअसली गिलोय की पहचान इसके तने से दूध जैसा स्राव नहीं होता. गिलोय के पत्ते दिल के आकार के और नीचे की तरफ घूमे हुए होते हैं. पंखुड़ियों की संख्या छह होती है. फलों का गुच्छा गोलाकार या गेंद के आकार का होता है और ये लाल रंग का होता है.
गिलोय का पौधा कैसे पहचाने?
इसे सुनेंरोकेंगिलोय का तना करीब 2-2.5 सेंटीमीटर मोटा हो जाता है। गिलोय के तने पर सफेद-भूरी पतली छाल होती है जो आसानी से निकाल जाती है और अंदर गाढ़े हरे रंग का तना दिखने लगता है। गिलोय की बेल किसी पेड़, दीवार आदि के सहारे ऊपर बढ़ती है और बहुत तेजी से फैलती है। इसलिए बेहतर होगा कि आप गिलोय को किसी पेड़ की जड़ के आस-पास बोयें।
गिलोय के पौधे की पहचान कैसे करें?
नीम गिलोय क्या होती है?
इसे सुनेंरोकेंगिलोय को गुडूची (Guduchi), अमृता आदि नामों से भी जाना जाता है। आयुर्वेद के अनुसार गिलोय की बेल जिस पेड़ पर चढ़ती है उसके गुणों को भी अपने अंदर समाहित कर लेती है, इसलिए नीम के पेड़ पर चढ़ी गिलोय की बेल को औषधि के लिहाज से सर्वोत्तम माना जाता है। इसे नीम गिलोय (Neem giloy) के नाम से जाना जाता है।
नीम गिलोय के क्या क्या फायदे हैं?
क्या है गिलोय (What is Giloy)
नीम गिलोय के क्या फायदे हैं?
गिलोय एनीमिया दूर करने में सहायक है.
गिलोय को गांव में क्या कहते हैं?
इसे सुनेंरोकेंकन्नड़ में अमरदवल्ली, गुजराती में गालो, मराठी में गुलबेल, तेलुगू में गोधुची, तिप्प्तिगा, फारसी में गिलाई, तमिल में शिन्दिल्कोदी आदि नामों से जाना जाता है। अमृत तुल्य उपयोगी होने के कारण इसे आयुर्वेद में अमृता नाम दिया गया है। आचार्य चरक ने गिलोय को वात दोष हरने वाली श्रेष्ठ औषधि माना है।
गिलोय क्या काम करती है?
इसे सुनेंरोकेंगिलोय का इस्तेमाल अक्सर बुखार में किया जाता है. बुखार के अलावा इसका उपयोग कई औषधीय गुण के लिए भी किया जाता हैं. डेंगू में गिलोय का सेवन प्लेटलेट्स कम होने पर किया जाता है, जिससे प्लेटलेट्स बढ़ाने में काफी फायदेमंद होते हैं. इसके अलावा गठिया रोग के लिए भी बहुत फायदेमंद होते हैं.
नीम गिलोय के पत्ते कैसे होते हैं?
इसे सुनेंरोकेंइसके पत्ते कोमल तथा पान के आकार के और फल मटर के दाने जैसे होते हैं। यह जिस पेड़ पर चढ़ती है, उस वृक्ष के कुछ गुण भी इसके अन्दर आ जाते हैं। इसीलिए नीम के पेड़ पर चढ़ी गिलोय सबसे अच्छी मानी जाती है। आधुनिक आयुर्वेदाचार्यों (चिकित्साशात्रियों) के अनुसार गिलोय नुकसानदायक बैक्टीरिया से लेकर पेट के कीड़ों को भी खत्म करती है।