खाटू श्याम को शीश का दानी क्यों कहते हैं?

खाटू श्याम को शीश का दानी क्यों कहते हैं?

इसे सुनेंरोकेंबर्बरीक ने जब दान मांगने के लिए कहा तो श्रीकृष्ण ने बर्बरीक से उसका शीश मांग लिया। बर्बरीक समझ गया कि यह ब्राह्मण नहीं कोई और है और वास्तविक परिचय देने के लिए कहा। श्रीकृष्ण ने अपना वास्तविक परिचय दिया तो बर्बरीक ने खुशी-खुशी शीश दान देना स्वीकर कर लिया।

खाटू श्याम जी का जन्म कैसे हुआ?

इसे सुनेंरोकेंखाटू श्याम जी का जन्म – Birth Of Khatu Shyam Ji In Hindi हिन्दू पौराणिक कथायों के अनुसार खाटू श्याम जी का जन्म या बर्बरीक का जन्म महभारत काल के दौरान हुआ था वे गदाधारी भीम और नाग कन्या मौरवी के पुत्र थे।

श्याम बाबा का जन्मदिन कब है 2021?

इसे सुनेंरोकेंखाटूश्याम जी का जन्मोत्सव हर साल कार्तिक शुक्ल पक्ष की देवउठनी एकादशी को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. 2021 में यह 14 नवम्बर को रविवार के दिन है. श्री श्याम मंदिर कमेटी के द्वारा बाबा श्याम को इत्र से स्नान करवाकर गुलाब, चंपा, चमेली सहित अनेक प्रकार के फूलों के बने गजरों से बाबा श्याम को सजाया जाता है.

खाटू श्याम जी किसका रूप है?

इसे सुनेंरोकेंखाटू श्यामजी महाभारत ke बर्बरीक के रूप हैं, जिन्हें भगवान श्री कृष्ण ne खाटू श्याम नाम दिया। मान्यता hai ki श्रीकृष्ण कलयुगी अवतार ke रूप mein खाटू श्यामजी खाटू में विराजित हैं। इन्हें कलयुग ke अवतार, श्याम सरकार, तीन बाणधारी, खाटू नरेश ba अन्य नामों se भी पुकारा जाता hai।

खाटू श्याम का मेला कब लगता है?

इसे सुनेंरोकेंखाटू मेला 15 मार्च तक भरेगा साल 2022 का खाटू मेला ( Khatu Mela 2022 ) 6 मार्च से शुरू होकर 15 मार्च तक भरेगा। 15 मार्च तक ज्यादातर श्रद्धालु अपने घर लौट जाएंगे, लेकिन बड़ी संख्या में श्याम भक्त मेला समाप्ति के बाद भी खाटू में रुकेंगे, जो 18 मार्च को बाबा श्याम संगे होली खेलकर जाएंगे।

खाटू श्याम की क्या विशेषता है?

इसे सुनेंरोकें-मुझे तो इस युद्घ में श्री कृष्ण का सुदर्शन चक्र ही चलता नजर आया था इसके बाद बर्बरीक चुप हो गए और आकाश से फूलों की वर्षा होने लगी। तब भगवान कृष्ण ने प्रसन्न होकर बर्बरीक को वरदान दिया कि कलियुग में मेरे श्याम नाम से पूजे जाओगे और तुम्हारे सुमरण से सभी मनोरथ पूर्ण होंगे।

खाटू श्याम की कथा क्या है?

इसे सुनेंरोकेंश्री कृष्ण वीर बर्बरीक के महान बलिदान से काफी प्रसन्न हुए और वरदान दिया कि कलियुग में तुम श्याम नाम से जाने जाओगे, क्योंकि उस युग में हारे हुए का साथ देने वाला ही श्याम नाम धारण करने में समर्थ है। उनका शीश खाटू नगर (वर्तमान राजस्थान राज्य के सीकर जिला) में दफ़नाया गया इसलिए उन्हें खाटू श्याम बाबा कहा जाता है।

खाटू श्याम के माता पिता कौन है?

इसे सुनेंरोकेंवे अति बलशाली गदाधारी भीम के पुत्र घटोत्कच और दैत्य मूर की पुत्री मोरवी के पुत्र हैं। बाल्यकाल से ही वे बहुत वीर और महान योद्धा थे।

खाटू श्याम के माता पिता कौन थे?

इसे सुनेंरोकेंकौन है खाटूश्यामजी : खाटू श्यामजी भगवान श्रीकृष्ण के कलयुगी अवतार हैं। महाभारत के भीम के पुत्र घटोत्कच और घटोत्कच के पुत्र बर्बरिक थे। बर्बरीक को ही बाबा खाटू श्याम कहते हैं। इनकी माता का नाम हिडिम्बा है।

खाटू श्याम जी का जन्मोत्सव कब मनाया जाता है?

इसे सुनेंरोकेंइसीलिये हमेशा देवउठनी एकादशी को ही श्री खाटूश्याम जी का जन्मदिन मनाया जाता है।