निश्चेतक मादक द्रव्य कौन से है?

निश्चेतक मादक द्रव्य कौन से है?

इसे सुनेंरोकेंये दवाईयाँ मस्तिष्क की क्रियाविधि को संदमित करती हैं एवं दर्द से राहत देती हैं, इसीलिए इन्हें दर्द निवारक कहते हैं, उदाहरण-अफीम एवं इसके व्युत्पन्न जैसे-मॉर्फिन, कोडिन एवं हेरोइन। मॉर्फिन सबसे कीमती पीड़ाहारी होती है, लेकिन व्यसन का कारण होती है। ओपिएट का उपयोग शल्यक्रिया में निश्चेतक तथा दर्द निवारक के रूप में ।

मादक द्रव्य व्यसन के लक्षण क्या है?

इसे सुनेंरोकें(३) विनिवर्तन लक्षण (विड्राल सिम्टम) उत्पन्न होना, अर्थात् मादक द्रव्यों का सेवन बन्द करने पर विभिन्न प्रकार के कष्टदायक शारीरिक व मानसिक लक्षणों का उत्पन्न होना जैसे-हाथ-पैर व शरीर में कंपन, अनियमित रक्तचाप, अनिद्रा, चिड़चिड़ापन, गुस्सा, बेचैनी, हाथ-पैर व शरीर में दर्द व भारीपन, भूख न लगना, मितली उलटी आदि।

मादक द्रव्य क्या है दुष्परिणामों की विवेचना कीजिए?

इसे सुनेंरोकेंमादक द्रव्य दुरूपयोग सबसे गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। यह एचआईवी, हेपेटाइटिस, तपेदिक जैसे गंभीर रोगों का कारण है, इसके अलावा इसके आर्थिक हानि और असामाजिक व्यवहार जैसे कि चोरी, हिंसा और अपराध एवं सामाजिक कलंक तथा समाज का समग्र पतन कई रूपों में दुष्प्रभाव भी हैं।

मादक द्रव्य क्या है भारत में युवाओं पर मादक द्रव्य के कारणों की विवेचना कीजिए?

इसे सुनेंरोकेंभारत में युवा पीढ़ी में मादक द्रव्यों के दुरूपयोग का रोग अप्रत्याशित ढंग से बढ़ा है। आधुनिक समय के जीवन के तनाव ने व्यक्ति को मादक द्रव्यो के दुरूपयोग की समस्या की ओर उन्मुख कर दिया है। शराब एवं मादक द्रव्यों की लत से न केवल सेवन करने वाले व्यक्ति बल्कि परिवार एवं समाज को भी बहुत ही प्रभावित करता है।

मादक द्रव्य व्यवस्था क्या है दुष्परिणामों की विवेचना कीजिए?

इसे सुनेंरोकेंमादक द्रव्य व्यसन का तात्पर्य है मादक पदार्थों पर शारीरिक निर्भरता अर्थात् मादक पदार्थों के सेवन न करने की स्थिति में शरीर में दर्द, बेचैनी, रूग्णता आदि महसूस होना। दूसरे शब्दों में मादक द्रव्य व्यसन वह दशा है जिसमें शरीर को कार्य करते रहने के लिए मादक पदार्थों के सेवन की निरन्तर आवश्यकता महसूस होती रहती है।

नशे को कैसे रोका जाए?

इसे सुनेंरोकेंकोई भी नशा छोड़ने के लिए पहले उसकी मात्रा कम करें। मसलन शराब का पैग छोटा कर दें या सिगरेट पीने से पहले उसे तोड़कर छोटी कर दें। अपने पास लाइटर, माचिस, गुटखे की पुड़िया, तंबाकू रखना छोड़ दें। डायरी बनाएं और उसमें लिखें कि नशा कब और कितनी मात्रा में, किसके साथ लेते हैं।

नशा क्यों करते है?

इसे सुनेंरोकेंनशा अगर कुछ समय के लिए सांसारिक बंधनों से मुक्ति देता है तो आध्यात्म सभी तरह सांसारिक समस्याओं से बेहतर तरीके से हल करने का रास्ता बताता है। असल में यह संसार भी परेशानी नही देता। हम संसार को लेकर जो मान्यताएं गढ़ते हैं, अपनी समझ बना लेते हैं, वो परेशानी पैदा करती हैं और हम नशे की शरण में चले जाते है।