यशोधर बाबू को फार फ्रॉम द मैडिंग क्राउड की उक्ति क्यों याद आती है 2?

यशोधर बाबू को फार फ्रॉम द मैडिंग क्राउड की उक्ति क्यों याद आती है 2?

इसे सुनेंरोकेंवानप्रस्थ के लिए यशोधर बाबू का अपने पुश्तैनी गाँव जाने का इरादा है रिटायर होकर । फार फ्राम द मैडिंग क्राउड – समझे ! – इस तरह की तमाम बातें यशोधर बाबू पैदाइशी बुजुर्गवार किशनदा के शब्दों में और उनके ही लहजे में कहा करते हैं और कह कर उनकी तरह की वह झेंपी – सी लगभग नकली-सी हँसी हँस देते हैं।

किशनदा कौन थे?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर: किशन दा यशोधर बाबू के प्रेरक थे। वेसाधारण रहन-सहन, धन के प्रति अनासक्त एवं पुराने जीवन मूल्यों में विश्वास करने वाले इंसान थे। किशन दा के इन गुणों से यशोधर बाबू का व्यक्तित्व भी प्रभावित था। यशोधर बाबू बच्चों की आधुनिकता के विरोधी थे और किशन दा के संस्कारों एवं परम्पराओं के समर्थक थे।

यशोधर बाबू ने मेनन को अपनी शादी की तारीख क्या बताया?

इसे सुनेंरोकेंउनका उसूल पसंद होना दफ्तर एवं घर के लोगों के लिए सर दर्द बन गया था यशोधर बाबू को दिल्ली में अपने पाँव जमाने में किशनदा (कृष्णानंद पांडे) ने मदद की थी । अतः वे उनके आदर्श बन गए । दफ्तर में विवाह की पच्चीसवीं सालगिरह (सिल्वर वैडिंग) के दिन दफ्तर के कर्मचारी, मेनन और चड्ढा उनसे जलपान के लिए पैसे माँगते हैं ।

यशोधर पंतजी समहाउ इंप्रापर वाक्यांश का प्रयोग हर वाक्य के प्रारंभ में किस रूप में करते हैं?

इसे सुनेंरोकें’समहाउ इंप्रापर’ वाक्यांश का प्रयोग यशोधर बाबू लगभग हर वाक्य के प्रारंभ में तकिया कलाम की तरह करते हैं।

2 पाठ में जो हुआ होगा वाक्य की आप कितनी अर्थ छवियाँ खोज सकते सकती हैं?`?

इसे सुनेंरोकेंपाठ में ‘जो हुआ होगा। ‘ वाक्य पहली बार तब आता है जब यशोधर किशन दा के किसी जाति-भाई से उनकी मौत का कारण पूछते हैं तो उत्तर मिलता है-जो हुआ होगा अर्थात पता नहीं, क्या हुआ। इसका अर्थ यह है कि किशन दा की मृत्यु का कारण जानने की इच्छा भी किसी में नहीं थी। इससे उनकी हीन दशा का पता चलता है।

2 पाठ में जो हुआ होगा वाक्य की आप कितनी अर्थ छवियाँ खोज सकते सकती हैं?

इसे सुनेंरोकेंपाठ में ‘जो हुआ होगा’ वाक्य की आप कितनी अर्थ छवियाँ खोज सकते / सकती हैं? Answer : ‘जो हुआ होगा’ वाक्य पाठ में पहली बार तब आता है, जब यशोधर बाबू किशनदा के जाति भाई से उनकी मृत्यु का कारण पूछते हैं। उत्तर में उन्होंने कहा ‘जो हुआ होगा’ यानी पता नहीं।

भगवानदास कौन था Class 12?

इसे सुनेंरोकेंभारतरत्न डाक्टर भगवानदास (१२ जनवरी १८६९ – १८ सितम्बर १९५८) भारत के प्रमुख शिक्षाशास्त्री, स्वतंत्रतासंग्रामसेनानी, दार्शनिक (थियोसोफी) एवं कई संस्थाओं के संस्थापक थे। सन्‌ १९५५ में उन्हें भारतरत्न की सर्वोच्च उपाधि से विभूषित किया गया था।

यशोधर बाबू के मन में किशनदा की कौनसी छवि बसी हुई है?

इसे सुनेंरोकेंउत्तरः यशोधर बाबू अपने आदर्श किशनदा से अधिक प्रभावित हैं और आधुनिक परिवेश में बदलते हुए जीवन-मूल्यों और संस्कारों के विरूद्ध हैं। जबकि उनकी पत्नीअपने बच्चों के साथ खड़ी दिखाई देती हैं। वह अपने बच्चों के आधुनिक दृष्टिकोण से प्रभावित हैं।

कौन सी बात यशोधर बाबू कभी कभी व्यंग्यात्मक कहते हैं?

इसे सुनेंरोकें1. व्यंग्यात्मक 2021-22 Page 8 वितान गाँव का पुश्तैनी घर टूट-फूट चुका है और उस पर इतने लोगों का हक है कि वहाँ जाकर बसना, मरम्मत की ज़िम्मेदारी ओढ़ना और बेकार के झगड़े मोल लेना होगा-इस बात को यशोधर जी अच्छी तरह समझते हैं। बच्चे बहस में जब यह तर्क दोहराते हैं तब उनसे कोई जवाब देते नहीं बनता।

यशोधर बाबू का अपनी पत्नी और बच्चों से मतभेद क्यों होने लगा था?

इसे सुनेंरोकेंपिछले कई वर्षों से यशोधर बाबू का अपनी पत्नी और बच्चों से हर छोटी-बड़ी बात में मतभेद होने लगा है। इसी वजह से वह घर जल्दी लौटना पसंद नहीं करते। जब तक बच्चे छोटे थे तब तक वह उनकी पढ़ाई-लिखाई में मदद कर सकते थे। अब बड़ा लड़का एक प्रमुख विज्ञापन संस्था में नौकरी पा गया है।

यशोधर पंत कहाँ रहते थे?

इसे सुनेंरोकेंवे अहमदाबाद में रहते हैं। ऐसे समय में उनका हाल-चाल जानने के लिए अहमदाबाद जाना ही होगा। यशोधर पंत एक मिलनसार व्यक्ति हैं। हर किसी के सुख-दुख में वे जाते हैं।

फ्रिज के संबंध में यशोधर बाबू के क्या विचार हैं?

इसे सुनेंरोकेंवे इस आयोजन को फिजूलखर्ची मानते हैं। उनके बच्चे यशोधर बाबू के इसी दृष्टिकोण से सहमत नहीं हैं। दूसरी ओर यशोधर बाबू की पत्नी अपने बेटों और आधुनिक बेटी के साथ अधिक समय व्यतीत करती है।

यशोधर बाबू के कितने बच्चे हैं?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर: यशोधर बाबू की पत्नी अपने मूल संस्कारों से किसी भी तरह आधुनिक नहीं है, परंतु बच्चों की तरफदारी करने की मातृसुलभ मजबूरी ने उन्हें भी मॉडर्न बना डाला है। जिस समय उनकी शादी हुई थी यशोधर बाबू के साथ गाँव से आए ताऊजी और उनके दो विवाहित बेटे भी रहा करते थे।

यशोधर बाबू के स्वभाव की कौन सी विशेषता है?

इसे सुनेंरोकेंयशोधर बाबू एक व्यापक सामाजिक सोच के व्यक्ति हैं। उनके भीतर पुरानी पीढ़ी की कुछ सामान्य विशेषता शामिल है। वह अपने सिद्धांतों और मूल्यों के साथ अपना जीवन बिताने का प्रयास करते हैं। उनकी संतान और आस-पास के लोग नये जमाने के साथ चलने वाले लोग हैं।

यशोधर बाबू की पत्नी समय के साथ ढल सकने में सफल होती है लेकिन यशोधर बाबू असफल रहते है ऐसा क्यों कोई चार कारण लिखिए?

इसे सुनेंरोकेंयशोधर बाबू की पत्नी समय के साथ ढल सकने में सफल होती है, लेकिन यशोधर बाबू असफल रहते हैं। ऐसा क्यों? इस सबके ठीक विपरीत उनकी पत्नी के व्यक्तित्व का विकास किसी व्यक्ति विशेष’ के प्रभाव से नहीं हुआ है। जिस संयुक्त परिवार को यशोधर बाबू बहुत याद करते उसी संयुक्त परिवार के दु:खद अनुभव उनकी पत्नी को अभी तक याद हैं।

यशोधर बाबू के बेटे का नाम क्या था?

इसे सुनेंरोकेंयशोधर बाबू के बेटे भूषण ने उन्हें उनकी शादी की 25 वीं वर्षगाँठ पर क्या उपहार दिया?

यशोधर बाबू के तीनों बेटे क्या करते थे?

इसे सुनेंरोकेंतीसरा बेटा स्कालरशिप लेकर अमेरिका चला गया था। इसी तरह उनकी बेटी शादी के तमाम प्रस्ताव अस्वीकार कर रही थी। वह डॉक्टरी की पढ़ाई के लिए अमेरिका जाने की धमकी देती थी। उनकी सारी संतानें अपने किसी भी मामले में यशोधर जी से सलाह नहीं लेती थी।

इसे सुनेंरोकेंकिशनदा आजीवन अविवाहित रहे थे। नौकरी करते हुए वे सरकारी क्वार्टर में ही रहे। पैसा जोड़कर घर बनवाने की बात उन्होंने कभी नहीं सोची थी। उनके तमाम साथियों ने हौजखास, ग्रीनपार्क, कैलाश कहीं न कहीं जमीन लेकर मकान बनवा लिया था।

इनमें से कौन सा विकल्प यशोधर बाबू के स्वभाव से मेल नहीं खाता है?

इसे सुनेंरोकेंयशोधर बाबू यह नहीं समझते हैं कि किशनबाबू एकाकी जीवन व्यतीत करते थे। अतः उनकी जो जीवन शैली थी, उसमें कभी कोई बाधक नहीं हो सकता था। आसपास होने वाले बदलावों का उन पर कभी प्रभाव नहीं पड़ा। किशनबाबू के साथ ऐसा नहीं था।

सामाजिक उदासीनता के लिए यशोधर बाबू कौन सा जुमला दुहराते थे लिखिय?

इसे सुनेंरोकें(ग) यशोधर बाबू एक आदर्श व्यक्तित्व हैं और नयी पीढ़ी द्वारा उनके विचारों को अपनाना उचित नहीं है। यशोधर बाबू एक असंतुष्ट एवं अंतर्द्वन्द्व से ग्रस्त व्यक्ति हैं। उनमें एक तरह का द्वंद्व है जिसके कारण नया उन्हें कभी-कभी खींचता तो है पर पुराना छोड़ता नहीं। इसलिए उन्हें सहानुभूति के साथ देखने की जरूरत है।

यशोधर बाबू गोल मार्केट का इलाका क्यों नहीं छोड़ना चाहते थे?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: यशोधर बाबू की पत्नी समय के साथ ढल सकने में सफल अत: उन परंपराओं को छोड़ नहीं सकते थे। नए युवा कुछ नया करना चाहते हैं, परंतु किशनदा का बुढ़ापा सुखी क्यों नहीं रहा?