झूठा आरोप लगाने में कौन सी धारा लगती है?
इसे सुनेंरोकेंभारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 211 में दण्ड का प्रावधान:- क्षति(नुकसान) करने के आशय से झूठा आरोप लगाने पर- दो वर्ष की कारावास या जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है। 2. आरोप सात वर्ष या उससे अधिक अवधि के कारावास से दण्डनीय है तब- सात वर्ष की कारावास और जुर्माना से दण्डनीय होगा। 3.
धारा 463 में कितनी सजा है?
इसे सुनेंरोकेंउस व्यक्ति को जिसने भारतीय दंड संहिता की धारा 463 के तहत अपराध किया है, उसे इस संहिता के अंतर्गत कारावास की सजा का प्रावधान किया गया है, जिसकी समय सीमा को 2 बर्षों तक बढ़ाया जा सकता है, और इस अपराध में आर्थिक दंड का प्रावधान किया गया है, जो कि न्यायालय आरोप की गंभीरता और आरोपी के इतिहास के अनुसार निर्धारित करता है।
धारा 463 क्या है?
इसे सुनेंरोकेंजो कोई, किसी मिथ्या दस्तावेज या मिथ्या इलैक्ट्रानिक अभिलेख अथवा दस्तावेज या इलेक्ट्रानिक अभिलेख के किसी भाग को इस आशय से रचता है कि लोक को या किसी व्यक्ति को नुकसान या क्षति कारित की जाये, या किसी दावे या हक का समर्थन किया जाए, या यह कारित किया जाए कि कोई व्यक्ति, सम्पत्ति अलग करे या कोई अभिव्यक्त या विवक्षित संविदा …
धारा 465 में जमानत कैसे मिलती है?
इसे सुनेंरोकेंजमानत (Bail) का प्रावधान भारतीय दंड संहिता की धारा 465 अंतर्गत जो अपराध कारित किए जाते है वह अपराध दंड प्रक्रिया संहिता में जमानतीय (Baileble) अपराध की श्रेणी में आते है, इसलिए इस धारा के अंतर्गत किए गए अपराध में जमानत मिल सकेगी। कूटरचना। दो वर्ष के लिए कारावास या जुर्माना या दोनो।
धारा 464 क्या है?
इसे सुनेंरोकेंधारा 464 का विवरण क ने कूटरचना की है । (ख) क इस आशय से कि वह य की सम्पदा ख को बेच दे और उसके द्वारा ख से क्रय धन अभिप्राप्त कर ले, य के प्राधिकार के बिना य की मुद्रा एक ऐसी दस्तावेज पर लगाता है, जो कि य की ओर से क की सम्पदा का हस्तान्तरपत्र होना तात्पर्यित है ।
धारा 465 में क्या होता है?
इसे सुनेंरोकेंधारा 465 का विवरण भारतीय दंड संहिता की धारा 465 के अनुसार, जो कोई कूटरचना करेगा, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे दो वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, या आर्थिक दण्ड, या दोनों से दण्डित किया जाएगा।