एक समान वृत्तीय गति में कौन सा बल उपस्थित रहता है?
इसे सुनेंरोकेंअथवा जब कोई कण एक बिंदु को केंद्र मानकर उसके चारों ओर एक वृत्तीय पथ पर एकसमान चाल से चलता है तो कण की गति एकसमान वृत्तीय गति कहलाती है। एकसमान वृत्तीय गति में कण की गतिज ऊर्जा, रेखीय चाल तथा कोणीय संवेग नियत रहते हैं।
किसी वृत्तीय पथ पर किसी कार की एक समान गति में क्या घटित होता है?
इसे सुनेंरोकेंजब कोई कण एक निश्चित बिन्दु को केन्द्र मानकर उसके चारों ओर एक वृत्तीय पथ पर एक समान चाल से चलता है तो उसकी गति एक समान वृत्तीय गति कहलाती है। जैसे – घड़ी की सुई के नोंक की गति। यदि कोई कण सूक्ष्म समयान्तराल At (= t2-t1) में वृत्तीय पथ पर As दूरी तय करता है और इस दौरान कण केन्द्र 0 पर A0 कोण घूम जाता है।
एक समान वृत्तीय गति में क्या होता है?
इसे सुनेंरोकेंएकसमान वृत्तीय गति – (Uniform Circular Motion): “जब कोई वस्तु एक निश्चित बिन्दु को केन्द्र मानकर उसके चारो ओर वृत्तीय पथ पर समान चाल(constant speed) से गति करती है तो उसकी गति एकसमान वृत्तीय गति कहलाती है।”
एकसमान त्वरण क्या है?
इसे सुनेंरोकेंयदि एक गतिशील वस्तु के वेग में समान संयन्त्रालो में समान वेग परिवर्तन (घटता या बढ़ता) होता है, तो वस्तु के त्वरण को एकसमान त्वरण कहते है ।
एकसमान वृत्तीय गति एक स्थिर गति या स्थिर वेग से हो रही है क्यों?
इसे सुनेंरोकेंएक वृत्ताकार गति में, एक पिंड एक वृत्त में गति करता है, और एक वृत्त में गति या गति की दिशा हर बिंदु पर बदल जाती है। इसलिए यद्यपि वेग एक वृत्ताकार गति में अपनी दिशा बदलता है, अभिकेंद्री त्वरण हमेशा इसके लंबवत होता है। अतः एकसमान वृत्तीय गति में अभिकेन्द्र त्वरण सदैव वस्तु के वेग और केंद्र की ओर लंबवत होता है।
एक चलते हुए पिण्ड के वेग एवं गति के संबंध में कौन सा कथन सत्य हैं?
इसे सुनेंरोकेंकोई पिण्ड एक वर्तुल पथ पर एक नियत चाल से गतिमान है ।
परिपत्र गति क्या है?
इसे सुनेंरोकेंवृत्तीय गति (circular motion ) – जब कोई वस्तु किसी वृताकार मार्ग पर गति करती है, तो उसकी गति को वृत्तीय गति कहते हैं. यदि वह एक समान चाल से गति करती है तो उसकी गति को एक समान वृत्तीय गति कहते हैं. समरूप वृत्तीय गति एक त्वरित गति होती है क्योंकि वेग की दिशा प्रत्येक बिंदु बदल जाती है.
वृत्तीय गति के लिए कौन सा बल आवश्यक है?
इसे सुनेंरोकेंकिसी पिण्ड के तात्क्षणिक वेग के लम्बवत दिशा में गतिपथ के केन्द्र की ओर लगने वाला बल ‘अभिकेन्द्रीय बल (Centripetal force) कहलाता है। अभिकेन्द्र बल के कारण पिण्ड वक्र-पथ पर गति करती है (न कि रैखिक पथ पर)। उदाहरण के लिये वृत्तीय गति का कारण अभिकेन्द्रीय बल ही है।
अभिकेन्द्र बल से आप क्या समझते हैं?
इसे सुनेंरोकेंअभिकेंद्र बल वस्तु के द्रव्यमान पर निर्भर करता है। माना m द्रव्यमान का कोई पिंड r त्रिज्या के वृत्तीय पथ पर v वेग से गति करता है। तो उस पर लगने वाला अभिकेंद्र बल निम्न होगा। अतः किसी वस्तु के द्रव्यमान एवं उसके अभिकेंद्र त्वरण के गुणनफल के उस वस्तु का अभिकेंद्र बल कहते हैं।
त्वरण क्या है इसका SI मात्रक?
इसे सुनेंरोकेंकिसी वस्तु के वेग मे परिवर्तन की दर को त्वरण (Acceleration) कहते हैं। इसका मात्रक मीटर प्रति सेकेण्ड2 होता है तथा यह एक सदिश राशि हैं।