बजट के कितने प्रकार हैं?
इसे सुनेंरोकेंसरकारी बजट तीन प्रकार का होता है, पहला संतुलित बजट (Balanced Budget), दूसरा अधिशेष बजट (Surplus Budget) और तीसरा घाटा बजट (Deficit Budget)। भारत में, यूनियन बजट (सरकारी बजट) हर साल 1 फरवरी को वर्तमान वित्त मंत्री द्वारा संसद में पेश किया जाता है
बजट के कितने भाग होते हैं?
इसे सुनेंरोकेंबजट को हम संतुलित बजट, असंतुलित बजट, सरप्लस बजट या डेफिसिट बजट चार भाग में बांट सकते हैं. इसे हम अंतरिम बजट और पूर्ण बजट में भी विभाजित कर सकते हैं. अर्थशास्त्री बजट का वर्गीकरण और भी कई प्रकारों में करते हैं. जब वित्त वर्ष में सरकार की आमदनी और खर्च के आंकड़े बराबर हों तो ये संतुलित या बैलेंस्ड बजट होता है
बजट कौन से अनुच्छेद में है?
इसे सुनेंरोकेंभारतीय संविधान के अनुच्छेद 112 में भारत के केन्द्रीय बजट को वार्षिक वित्तीय विवरण के रूप में निर्दिष्ट किया गया है[1], जो कि भारतीय गणराज्य का वार्षिक बजट होता है, जिसे प्रत्येक वर्ष फरवरी के पहले कार्य-दिवस को भारत के वित्त मंत्री द्वारा संसद में पेश किया जाता है
बजट की मुख्य मधे कौन कौन सी है?
इसे सुनेंरोकेंपारिवारिक बजट के मुख्य उद्देश्य आकस्मिक कार्यों के लिए बचत का प्रावधान रखना। पारिवारिक आय में वृद्धि करने के लिए परिजनों को प्रेरित करना। परिवार के सदस्यों द्वारा किए जाने वाले अनावश्यक व्यय को नियन्त्रित करना। उपर्युक्त विवरण से पारिवारिक बजट का अर्थ एवं मूल उद्देश्य सुस्पष्ट हैं।
बजट के अंतर का वर्गीकरण कितने हैं?
इसे सुनेंरोकेंबजट को हम कई तरह से वर्गीकृत कर सकते हैं. मसलन, संतुलित बजट, असंतुलित बजट, सरप्लस बजट या डेफिसिट बजट. इसे हम अंतरिम बजट और पूर्ण बजट में भी विभाजित कर सकते हैं. और भी कई तरह से जानकार व अर्थशास्त्री बजट का वर्गीकरण करते हैं
भारत में बजट की अवधि क्या है?
इसे सुनेंरोकेंहमारे देश में वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल से 31 मार्च तक होता है। देश का पहला बजट 7 अप्रैल 1860 को ब्रिटिश सरकार के वित्त मंत्री जेम्स विल्सन ने पेश किया था। आजादी के बाद पहला बजट देश के पहले वित्तमंत्री आरके षणमुखम चेट्टी ने 26 नवंबर 1947 को पेश किया था
बजट के अंतर का वर्गीकरण कितने है?
इसे सुनेंरोकेंबजट को हम कई तरह से वर्गीकृत कर सकते हैं. मसलन, संतुलित बजट, असंतुलित बजट, सरप्लस बजट या डेफिसिट बजट. इसे हम अंतरिम बजट और पूर्ण बजट में भी विभाजित कर सकते हैं
बजट से आप क्या समझते हैं बजट के प्रमुख सिद्धांतों का वर्णन कीजिए?
इसे सुनेंरोकेंबजट के सिद्धांत- यह सटीक व सही होना आवश्यक है जिससे लक्ष्यों की अधिकतम प्राप्ति हो सके। बजट को इस प्रकार बनाना चाहिए जिससे की इसमें आवश्यकता के अनुसार परिवर्तन कर सके। बजट वास्तविक आय पर आधारित होना चाहिए जिससे की यह अधिकाधिक तर्कसंगत हो सके। बजट में आय तथा व्यय में संतुलन होना चाहिए
बजट कानून को राज्यसभा कितने दिन के लिए रख सकती है?
इसे सुनेंरोकेंसंसद को वित्त विधेयक पुरःस्थापित किए जाने के 75 दिनों के भीतर इसे पारित करना होता है। संसद द्वारा प्राधिकृत धनराशि की सीमा से अधिक कोई व्यय संसद की स्वीकृति के बिना नहीं किया जा सकता। जब भी अतिरिक्त व्यय करने की आवश्यकता होती है, संसद के पटल पर एक अनुपूरक अनुमान रखा जाता है।
भारत में प्रथम बार बजट कब प्रस्तुत किया गया था?
इसे सुनेंरोकेंगणतंत्र भारत का पहला बजट भारतीय गणतंत्र की स्थापना के बाद पहला बजट 28 फरवरी 1950 को जान मथाई ने पेश किया था । इस बजट में योजना आयोग की स्थापना का वर्णन किया था। सीडी देशमुख वित्त मंत्री होने के साथ रिजर्व बैंक के पहले भारतीय गवर्नर भी थे। उन्होने 1951-52 में अंतरिम बजट पेश किया।
प्रशासन में बजट की उपयोगिता क्या है?
इसे सुनेंरोकेंप्रशासन करने वाले सरकारी अधिकारी बजट की सहायता से ही विभागों का प्रशासन समुचित रीति से कर सकते हैं। बजट विधायिका को देश की अर्थव्यवस्था पर पूरा नियन्त्रण और अंकुश रखने का साधन प्रदान करता है। बजट नागरिकों और करदाताओं के लिए भी अतीव उपयोगी है, क्योंकि इससे नागरिकों को यह पता चलता है।
भारत में बजट की अवधि क्या होती?
इसे सुनेंरोकेंइस विवरण में एक वित्तीय वर्ष की अवधि शामिल होती है। भारत में वित्तीय वर्ष हर साल एक अप्रैल को आरम्भ होता है। विवरण में वित्तीय वर्ष हेतु भारत सरकार की अनुमानित प्राप्तियों तथा व्यय का ब्यौरा होता है। बजट में सम्मिलित व्यय के अनुमान को लोक सभा द्वारा अनुदानों की मांगों के रूप में मतदान के जरिए स्वीकृत होना चाहिए।