कवि के कदम शिथिल क्यों हो जाते हैं?
इसे सुनेंरोकेंप्रश्न : (ग) कवि के कदम शिथिल क्यों हो जाते हैं? उत्तर : (ग) कवि के कदम षिथिल इसलिये हो जाते हैं, क्योंकि उसकी प्रतीक्षा करने वाला कोई नहीं है। उत्तर : (घ) ‘मैं होऊँ किसके हित चंचल’ का भाव यह है कि कवि अपनी पत्नी के संसार से चले जाने पर एकाकी जीवन बिता रहा है। इसलिये उसके मन में घर जल्दी पहुंचने का कोई उत्साह नहीं है।
पथ में होने वाली रात की आशंका से कौन भयभीत रहता है?
इसे सुनेंरोकेंपथ में होने वाली रात की आशंका से कौन भयभीत रहता है? (घ) थका पंथी। उत्तर :- (घ) थका पंथी।
निजी उड़ के उद्गार से कवि का क्या तात्पर्य है?
इसे सुनेंरोकें1 Answer. कवि का तात्पर्य है कि उसकी कविता में लोगों के प्रति जो प्रेम और मस्ती के भाव व्यक्त हुए हैं, वे संसार के लिए उसकी अपूर्व भेंट है। उसके पास भौतिक वस्तुओं के उपहार नहीं है। वह अपने मनोभावों को समर्पित करके लोगों के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त किया करता है।
दिन जल्दी जल्दी ढलता है में पक्षी तो लौटने को विकल है पर कवि में उत्साह नहीं है ऐसा क्यों?
इसे सुनेंरोकेंउत्तर: इस कविता में पक्षी अपने घरों में लौटने को विकल है, परंतु कवि में उत्साह नहीं है। इसका कारण यह है कि पक्षियों के बच्चे उनको इंतज़ार कर रहे हैं। कवि अकेला है।
मुझसे मिलने को कौन विकल?
इसे सुनेंरोकेंमुझसे मिलने को कौन विकल? मैं होऊँ किसके हित चंचल? यह प्रश्न शिथिल करता पद को, भरता उर में विह्वलता है! दिन जल्दी-जल्दी ढलता है!
कवि जीवन में क्या लिए फिरता है?
इसे सुनेंरोकेंकवि क्या लिए फिरता है? कवि अपने हृदय के उद्गार (भाव) लिए फिरता है। वह अपने हृदय में दूसरो के लिए उपहार लिए फिरता है।
इस दौर में भी बचाने को बहुत कुछ बचा है से क्या आशय है?
इसे सुनेंरोकेंइस अविश्वास भरे दौर में बचाने को बहुत कुछ बचा है-इससे कवयित्री का आशय यह है कि यदि संथाली समाज अपनी बुराइयों को दूर कर ले तो उसका मूल स्वरूप बहाल हो सकता है। अभी उनका परिवेश, उनकी भाषा, संस्कृति में अधिक बिगाड़ नहीं आया है।
भक्तिन ने लेखिका से क्या प्रार्थना की?
इसे सुनेंरोकेंसारांश-लेखिका कहती है कि भक्तिन का कद छोटा व शरीर दुबला था। उसके होंठ पतले थे। वह गले में कंठी-माला पहनती थी। उसका नाम लक्ष्मी था, परंतु उसने लेखिका से यह नाम प्रयोग न करने की प्रार्थना की।
9 भक्तिन अपना वास्तविक नाम लोगों से क्यों छुपाती थी?
इसे सुनेंरोकेंउत्तर:- भक्तिन का वास्तविक नाम लक्ष्मी था, हिन्दुओं के अनुसार लक्ष्मी धन की देवी है। चूँकि भक्तिन गरीब थी। उसके वास्तविक नाम के अर्थ और उसके जीवन के यथार्थ में विरोधाभास होने के कारण निर्धन भक्तिन सबको अपना असली नाम लक्ष्मी बताकर उपहास का पात्र नहीं बनना चाहती थी इसलिए वह अपना असली नाम छुपाती थी।
पुरवाई किसान के लिए क्या संदेशा लेकर आई होगी?
इसे सुनेंरोकेंइससे किसानों द्वारा लगाए खेतों को पानी मिलता है और उसकी मेहनत खेतों के रूप में लहलहा जाती है, जिसमें उसके प्राण बसे होते हैं। इसलिए कवि ने बादल द्वारा लाए जल से किसान के प्राणों में नया राग भरने की बात कही है। (ग) पुरवाई किसान के लिए लहलहाते खेतों की हरी पताका फहराने का संदेशा लाई है।