सफिया के कितने भाई पाकिस्तान में थे?

सफिया के कितने भाई पाकिस्तान में थे?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर :- (ग) बादामी। 9. सफिया के कितने भाई थे? 10.

कहानी में नमक की पुड़िया इतनी महत्वपूर्ण क्यों हो गयी?

इसे सुनेंरोकें➲ कहानी में साफिया के लिए नमक की पुड़िया इसलिए महत्वपूर्ण हो गई थी क्योंकि यह नमक उसकी माँ समान महिला ने अपने जन्म स्थान लाहौर से मंगाया था। उसकी माँ के जैसी महिला दिल्ली में रहती थी और उनका जन्म लाहौर में हुआ था, इसलिए उन्हें अपने जन्म स्थान नामक लाहौर के नमक की बड़ी ख्वाहिश थी।

नमक कहानी में क्या संदेश छिपा है?

इसे सुनेंरोकें’नमक’ कहानी में छिपा संदेश यह है कि मानचित्र पर एक लकीर मात्र खींच देने से वहाँ रहने वाले लोगों के दिल नहीं बँट जाते। जमीन बँटने से लोगों के आवागमन पर प्रतिबंध और पाबंदियाँ लग जाती हैं परंतु लोगों का लगाव अपने मूल स्थान से बना रहता है।

पाकिस्तान के कस्टम अधिकारी का वतन कौन सा था?

इसे सुनेंरोकेंसिख बीवी लाहौर को अपना वतन बताती है, पाक कस्टम अफ़सर दिल्ली को तथा भारतीय कस्टम अफ़सर ढाका को अपना वतन बताता है जबकि ये तीनों ही अलग देशों में रहते हैं। इनका मन अपनी जन्मभूमि में है तथा इनका कार्यक्षेत्र व निवास अलग क्षेत्र में है।

सफ़िया का भाई कौन था?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर:- सफ़िया के भाई पुलिस अफ़सर होने के कारण जब उन्होंने सफ़िया को यह बताया कि पाकिस्तान और भारत के बीच नमक का व्यापार प्रतिबंधित है तब लेखिका ने तर्क दिया कि क्या सब कानून हुकूमत के ही होते हैं, कुछ मुहब्बत, मुरौवत,आदमियत, इंसानियत के नहीं होते।

नमक की पुड़िया ले जाने के सम्बन्ध में सफिया के मन में क्या द्वन्द्व था?

इसे सुनेंरोकेंनमक की पुड़िया ले जाने के संबंध में सफ़िया के मन में क्या द्वंद्व था? उत्तर:- नमक की पुड़िया ले जाने के संबंध में सफ़िया के मन में यह द्वंद्व था कि प्यार के इस तोहफे नमक की पुड़िया को चोरी-छिपे ले जाए या कस्टम अधिकारियों को दिखाकर ले जाए।

नमक कहानी का मूल भाव क्या है?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: (नमक’ कहानी की मूल संवेदना है कि देश मानचित्र पर लकीर खीचने सही देश अलग नहीं होते। पाठ में सफिया, सिख बीबी, कस्टम आधकारी, सुनीलदासा गुप्ता आदि को देखकर यह पता चलता है। मानाच पर लकीर खींचने से मनुष्य की भावनाएं ही नष्ट करी जा सकती है। …

सखिया लाहौर में कितने दिन रुकी और सिख बीवी के लिए क्या लेकर आई?

इसे सुनेंरोकेंसाफिया लाहौर में 15 दिन रुकी। पंद्रह दिन यों गुजरे कि पता ही नही चला। जिमखाना की शामें दोस्तों की मुहब्बत, भाइयों की खातिरदारियाँ-उनका बस न चलता था कि बिछुड़ी हुई परदेसी बहिन के लिए क्या कुछ न कर दें!

हिन्दुस्तान पाकिस्तान की एकता का मेवा क्या है?

इसे सुनेंरोकें➲ सफिया के दोस्त ने ‘कीनू’ नाम के फल को हिंदुस्तान-पाकिस्तान की एकता का मेवा कहा था। ✎… ‘नमक’ कहानी में साफिया जब पाकिस्तान जा रही थी तो अपने साथ नमक की पुड़िया और एक छोटी सी टोकरी लेकर गई थी, जिसमें ‘कीनू’ थे। कीनू एक तरह के फल होते हैं, जो संतरे और माल्टा को मिलाकर पैदा किए जाते हैं।

नमक की पुड़िया ले जाने के संबंध में सफाई या के मन में क्या द्वद्वं था?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर:- नमक की पुड़िया ले जाने के संबंध में सफ़िया के मन में यह द्वंद्व था कि प्यार के इस तोहफे नमक की पुड़िया को चोरी-छिपे ले जाए या कस्टम अधिकारियों को दिखाकर ले जाए।