गूगल क्या आप भगवान को मानते हैं?
इसे सुनेंरोकेंहाँ, मैं भगवान में विश्वास करता हूँ क्योंकि किसी मशीन ,अपने घर परिवार आदि को चलाने हमें कुछ नियम बनाने पड़ते हैं बिना व्यवस्था के यह सब अव्यवस्थित हो जाएंगे इसी तरह प्रकृति अपने नियम में निबद्ध है जो बिना किसी मुखिया के बनाये नियमों के बिना नहीं हो सकता वही मुखिया भगवान,ईश्वर ,ब्रह्म आदि नामों से जाना जाता है उसकी …
भगवान हमारी क्यों नहीं सुनता?
इसे सुनेंरोकेंप्रार्थना का अर्थ यह नहीं होता है कि सिर्फ बैठकर कुछ मंत्रों का उच्चारण किया जाए। इसके लिए आवश्यक है कि आप निर्मल, शांत और ध्यान अवस्था में हों। इसलिए वैदिक पद्धति में प्रार्थना के पहले ध्यान होता है और प्रार्थना के उपरांत भी ध्यान होता है।
लोग भगवान को क्यों मानते हैं?
इसे सुनेंरोकेंवह व्यक्ति जो पूर्णत: मोक्ष को प्राप्त हो चुका है और जो जन्म मरण के चक्र से मुक्त होकर कहीं भी जन्म लेकर कुछ भी करने की क्षमता रखता है वह भगवान है। परमहंस है। भगवान को ईश्वरतुल्य माना गया है इसीलिए इस शब्द को ईश्वर, परमात्मा या परमेश्वर के रूप में भी उपयोग किया जाता है, लेकिन यह उचित नहीं है।
क्या भगत सिंह भगवान को मानते थे?
इसे सुनेंरोकेंशहीद भगत सिंह का परिवार उन्हें नास्तिक नहीं मानता। परिवार के सदस्यों का कहना है कि शहीद-ए-आजम अंधविश्वास और भगवान तथा किस्मत के नाम पर लोगों के अकर्मण्य बन जाने के विरोधी थे, लेकिन नास्तिक नहीं थे।
क्या भगत सिंह आर्य समाजी थे?
इसे सुनेंरोकेंभगत सिंह का परिवार एक आर्य-समाजी सिख परिवार था।
भगत सिंह भगवान को क्यों नहीं मानते थे?
इसे सुनेंरोकेंभारत के स्वतंत्रता संग्राम में अग्रणी भूमिका निभाने वाले शहीद-ए-आजम भगत सिंह ईश्वर को नहीं मानते थे। वे आर्य समाजी रीति रिवाजों को मानने वाले परिवार से थे। अंग्रेज शासन में जुल्म, असमानता और शोषण को देख उनका ईश्वर के ऊपर से विश्वास उठ गया, जिसके बाद उन्होंने इन सबके खिलाफ लड़ाई को ही अपना धर्म मान लिया।
भगत सिंह कौन से धर्म के थे?
इसे सुनेंरोकेंभगत सिंह का जन्म 24 सितंबर 1906 (अश्विन कृष्णपक्ष सप्तमी) को प्रचलित है परन्तु तत्कालीन अनेक साक्ष्यों के अनुसार उनका जन्म 27 सितंबर 1907 ई० को एक सिख परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम सरदार किशन सिंह और माता का नाम विद्यावती कौर था। यह एक किसान परिवार से थे।