कुर्थी का दाल का पानी पीने से क्या फायदा?

कुर्थी का दाल का पानी पीने से क्या फायदा?

इसे सुनेंरोकेंकुलथी के दाल का पानी नियमित रूप से पीने से किडनी में मौजूद पथरी धीरे-धीरे गलने लगती है और पेशाब के जरिए के बाहर निकल जाती है। अगर आप किडनी की पथरी के शुरुआती दौर से गुजर रहे हैं या फिर आपके पथरी का साइज छोटा है, तो इससे कुछ ही दिनों में आपको राहत मिल सकता है।

कुलथी को हिंदी में क्या बोलते हैं?

इसे सुनेंरोकेंकुलथी Meaning in Hindi – कुलथी का मतलब हिंदी में कुलथी संस्कृत [संज्ञा स्त्रीलिंग] उड़द के समान एक मोटा अन्न जो चौपायों को खिलाया जाता है और जिसकी दाल भी बनती है ; कालवृंत ; खुरथी।

पथरी में कौन सी दवा खानी चाहिए?

इसे सुनेंरोकेंनई दवा का नाम यूआरओ-05 है जो किडनी से पथरी को हटाने के लिए नॉन-इन्वेंसिव विकल्प प्रदान करती है. Kidney Stones: नेशनल बोटानिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (एनबीआरआई) और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टॉक्सिकोलॉजी रिसर्च (आईआईटीआर) ने एक मूत्र रोग विशेषज्ञ सलिल टंडन के साथ मिलकर किडनी की पथरी को खत्म करने के लिए एक हर्बल दवा विकसित की है.

कुलथी की दाल का उपयोग कैसे किया जाता है?

इसे सुनेंरोकें​किडनी स्टोन के इलाज के लिए कुलथी का उपयोग कैसे करें इसका उपयोग करने से पहले इसे अच्‍छी तरह से साफ करें और बहते पानी के नीचे इसे अच्छी तरह से धो लें। कुल्थी की दाल का रोजाना सेवन पथरी को तोड़कर शरीर से बाहर निकाल देता है। आप कुलथी दाल को किसी भी अन्य दाल की तरह तैयार कर सकते हैं।

कुर्ती के पानी पीने से क्या फायदा?

इसे सुनेंरोकेंकुलथी के सेवन से पथरी टूट कर या धुल कर छोटी होती है, जिससे पथरी सरलता से मूत्राशय में जाकर पेशाब के रास्‍ते से बाहर आ जाती है। मत्रल गुण होने के कारण इसके सेवन से पेशाब की मात्रा और गति बढ़ जाती है, जिससे रुके हुए पथरी कण पर दबाव ज्‍यादा पड़ने के कारण वह नीचे की ओर खिसक कर बाहर हो जाती है।

कुलथी की दाल को UP में क्या कहते हैं?

इसे सुनेंरोकेंकुल्‍थी की दाल को हॉर्स ग्राम के नाम से भी जाना जाता है. इसे दक्षिण भारत की महत्वपूर्ण फसल माना गया है. इसका रंग गहरा भूरा होता है और देखने में मसूर की दाल की तरह लगती है. दक्षिण भारत के कुछ प्रमुख व्यंजनों जैसे रसम आदि बनाने के लिए इसे अधिक प्रयोग किया जाता है.

कुलथी की दाल को यूपी में क्या कहते हैं?

इसे सुनेंरोकेंकुलथी परिचय तथा अंग्रेजी में हार्स ग्राम इत्यादि नामों से जाना जाता है।