क्या टेलीपैथी संभव है?
इसे सुनेंरोकेंइसलिए टेलीपैथी को हिंदी में दूरानुभूति कहते हैं। क्या मन की शक्ति या टेलीपैथी से किसी से संपर्क करना संभव है? हा है तो संभव लेकिन ये पूरी तरह से तभी काम मै आती है जब सामने वाला आपसे कम गहरा सोचता हो यो फिर ज्यादा बेचैन ना हो । वरना तो आप भी प्रभावित हो सकते है ।
टेलीपैथी कैसे काम करती है?
इसे सुनेंरोकेंटेलीपैथी उस प्रक्रिया को कहा जाता है जिसके जरिए बिना किसी भौतिक माध्यम की सहायता के एक इंसान दूसरे व्यक्ति के मस्तिष्क को पढ़ने अथवा उसे अपने विचारों से अवगत कराने में कामयाब होता है। आधुनिक तरीके के अनुसार ध्यान से देखने और सुनने की क्षमता बढ़ाएंगे तो सामने वाले के मन की आवाज भी सुनाई देगी।
टेलीपैथी कैसे सीखें?
इसे सुनेंरोकेंअपनी मांसपेशियों को खींचें या योग करने का प्रयास करें: टेलीपैथिक संदेश भेजने की कोशिश करने के लिए बहुत अधिक मेंटल फ़ोकस की आवश्यकता होती है, इसलिए शारीरिक और मानसिक रूप से शिथिल होने की कोशिश करें। नियमित रूप से खींचना और योगाभ्यास करना आपको यह सीखने में मदद कर सकते है कि खुद को ध्यान-केंद्रित, शिथिल कैसे रखा जाए।
टेलीपैथी को हिंदी में क्या कहते हैं?
इसे सुनेंरोकेंवास्तव में बगैर किसी उपकरण की मदद से लोगों से संपर्क करने की कला को ही टेलीपैथी कहते हैं। जरूरी नहीं कि हम किसी से संपर्क करें। हम दूरस्थ बैठे किसी भी व्यक्ति की वार्ता को सुन सकते हैं, देख सकते हैं और उसकी स्थिति को जान सकते हैं। इसीलिये टेलीपैथी को हिन्दी में दूरानुभूति कहते हैं।
टेलीपैथी विद्या क्या है?
टेलीपैथी का क्या मतलब होता है?
इसे सुनेंरोकेंटेलीपैथी शब्द दो शब्दों का मिश्रण है ‘टेली ‘ यानि दूरी एवं ‘पैथी ‘यानि भावनायें। टेलीपैथी को अगर हम परिभाषित करें तो वह मानसिक शक्ति जिसके द्वारा बिना पांच इन्द्रियों का प्रयोग किये दो मस्तिष्कों के बीच संवाद स्थापित करना है।
पैथी क्या है?
इसे सुनेंरोकेंटेलीपैथी शब्द का सबसे पहले इस्तेमाल 1882 में फैड्रिक डब्लू एच मायर्स ने किया था। कहते हैं कि जिस व्यक्ति में यह छठी ज्ञानेंद्रिय होती है वह जान लेता है कि दूसरों के मन में क्या चल रहा है। यह परामनोविज्ञान का विषय है जिसमें टेलीपैथी के कई प्रकार बताए जाते हैं। ‘टेली’ शब्द से ही टेलीफोन, टेलीविजन आदि शब्द बने हैं।
अवचेतन मन की शक्ति को कैसे जागृत करें?
अवचेतन मन (आत्म शक्ति) को जागृत कैसे करें
- सबसे पहले किसी भी प्रकार की समस्या या चुनौती को स्वीकार करे। ( शराब पीना एक समस्या है)
- उस समस्या को अपने अवचेतन मन के हवाले कर दे केवल वही इसे सुलझाने का सही तरीका जानता है। (
- और इस बात पर गहरा विश्वास करे कि आपकी यह समस्या हल हो चुकी है। (
इसे सुनेंरोकेंध्यान, प्राणायाम और नेत्र त्राटक द्वारा आत्म सम्मोहन की शक्ति को जगाया जा सकता है। दूसरा तरीका : शवासन में लेट जाएं और आंखें बंद कर ध्यान करें। लगातार इसका अभ्यास करें और योग निद्रा में जाने का प्रयास करें। योग निद्रा अर्थात शरीर और चेतन मन इस अवस्था में सो जाता है लेकिन अवचेतन मन जाग्रत रहता है।