प्रतिभाशाली बालकों के बुद्धिलब्धि कितनी होती है?
इसे सुनेंरोकेंप्रतिभाशाली बालक दो प्रकार के होते हैं। वे बालक जिनकी बुद्धि लब्धि 130 से अधिक होती है और जो असाधारण बुद्धि वाले होते हैं। २. वे बालक जो कला, गणित, संगीत, अभिनय आदि में से एक या अधिक में विशेष योग्यता रखते हैं।
प्रतिभाशाली बालक कौन होते हैं?
इसे सुनेंरोकेंप्रतिभाशाली बालकों का अर्थ– वह बालक जिसकी मानसिक आयु अपनी आयु वर्ग के अनुपात में औसत से बहुत अधिक हो, उसे प्रतिभावान या प्रतिभाशाली बालक कहा जाता है। संगीत, कला या किसी अन्य क्षेत्र में अत्यधिक योग्यता रखने वाला बालक भी प्रतिभाशाली बालकों की श्रेणी में आता है।
विशिष्ट बालकों की शिक्षा के लिए क्या उपाय?
इसे सुनेंरोकेंबालकों के प्रति माता-पिता का सन्तुलित दृष्टिकोण। बालकों की विद्यालयों में नियमित उपस्थिति का निरीक्षण करने के लिये निरीक्षकों की नियुक्ति। बालकों के लिए विशिष्ट विद्यालयों और विशिष्ट कक्षाओं की स्थापना । बालकों की योग्यताओं के अनुकूल पाठ्यक्रम का निर्माण।
प्रतिभाशाली बालक की पहचान कैसे करेंगे उनकी शिक्षा की व्यवस्था किस प्रकार की जाती है?
इसे सुनेंरोकेंइन बालकों को उचित परामर्श तथा निर्देश देकर उनकी विशिष्ट योग्यताओं का अधिकाधिक विकास करने का प्रयास किया जाना चाहिए। 5. श्रेष्ठ अध्यापक– प्रतिभाशाली बालकों को शिक्षा प्रदान करने के लिए श्रेष्ठ अध्यापकों की आवश्यकता होती है। सुयोग्य अध्यापकों के सम्पर्क में आने पर ही वे अपनी क्षमताओं व योग्यताओं का विकास कर सकते हैं।
सृजनात्मक बालक में कौन सा चिंतन पाया जाता है?
विशेषताओं द्वारा पहचान एवं मापन
- सृजनशील बालक में मौलिकता अनेक रूपों में पायी जाती है।
- सृजनशील बालक में किसी समस्या पर स्वत: निर्णय लेने की क्षमता होती है।
- सृजनशील बालकों में परिहास प्रियता पायी जाती है।
- सृजनशील बालकों में उत्सुकता एवं जिज्ञासा पायी जाती है।
- सजनशील बालक अत्यधिक संवेदनशील होते हैं।
सृजनात्मक में कौन सा चिंतन होता है?
इसे सुनेंरोकेंसृजनात्मक चिंतन दो तरह का होता है: अभिसारी और अपसारी। अभिसारी चिंतन उन समस्याओं को हल करने के लिए आवश्यक सोच को संदर्भित करती है जिनके पास केवल एक सही उत्तर है। मन सही समाधान में परिवर्तित होता है। सबसे उपयोगी या उचित विचार की पहचान करने के लिए अभिसारी चिंतन महत्वपूर्ण है।