बहू बेटियों का यह स्वाभाव अच्छा नहीं कि मर्दों के मुँह लगे उपर्युक्त कथन किसका हैं?

बहू बेटियों का यह स्वाभाव अच्छा नहीं कि मर्दों के मुँह लगे उपर्युक्त कथन किसका हैं?

इसे सुनेंरोकेंबङे घर की बेटी(Bade ghar ki Beti)प्रेमचन्द

एक दिन दोपहर में कौन क्या लाया आनंदी ने क्या किया समझाकर लिखिए?

इसे सुनेंरोकेंदेवर-भौजाई के बीच कलह की घटना–एक दिन लालबिहारी सिंह दोपहर के समय दो चिड़ियाँ लेकर आया और भाभी से उन्हें पकाने के लिए कहा। आनंदी भोजन बनाकर उसकी प्रतीक्षा कर रही थी, अब पुनः मांस पकाने बैठी। घी के बर्तन में पाव भर के लगभग घी था जो उसने मांस में डाल दिया अत: दाल में ऊपर से डालने को घी नहीं बचा था।

बड़े घर की बेटी किफायत क्या जाने?

इसे सुनेंरोकेंबड़े घर की बेटी, किफायत क्या जाने। उसने सब घी मांस में डाल दिया। लालबिहारी खाने बैठा, तो दाल में घी न था, बोला-दाल में घी क्यों नहीं छोड़ा? आनंदी ने कहा-घी सब मांस में पड़ गया।

लाल बिहारी कौन था उसने आनंदी को क्या पकाने को कहा?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर : एक दिन आनंदी का देवर लाल बिहारी सिंह दो चिड़ियाँ लिए तुए आया और उन्हे पकाने को कहा। आनंदी ने पकाते समय हाँठी मे जितना घी था, वह सब माँस मे डाल दिया, इसलिए दाल मे घी न था।

बिगड़ता हुआ काम कौन बना लेती हैं?

इसे सुनेंरोकेंझगड़ा इतना बढ़ गया कि घर टूटने तक पहुँच गया। तब बिखरते हुए घर को देखकर आनंदी शांत हो जाती है और लालबिहारी को घर छोड़कर जाने से रोक लेती है। इस प्रकार आनंदी बिगड़ते काम को बना लेती है।

आनंदी बिगड़ता हुआ काम कैसेबना लेती है?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: झगड़ा इतना बढ़ गया कि घर टूटने तक पहुँच गया। तब बिखरते हुए घर को देखकर आनंदी शांत हो जाती है और लालबिहारी को घर छोड़कर जाने से रोक लेती है। इस प्रकार आनंदी बिगड़ते काम को बना लेती है।

आनंदी के मायके और ससुराल के वातावरण में क्या अंतर था?

इसे सुनेंरोकेंआनंदी के मायके और ससुरल में बहुत अंतर था . उसके मायके में धन – धान्य की कोई कमी नहीं थी ,हाथी थे ,घोड़े थे परन्तु ससुराल में कोई साधन नहीं था . मायके में बड़े मकान ,नौकर चाकर थे ,लेकिन ससुराल में इसके उलट था . यहाँ बड़ा सीधा सादा जीवन था .

बड़े घर की बेटियों की क्या विशेषता होती है?

इसे सुनेंरोकेंबेनीमाधव सिंह ने जब दोनों भाइयों को गले मिलते देखा तो वे बहुत खुश हुए। उनके मुख से निकला, बड़े घर की बेटियां ऐसी ही होती हैं जो बिगड़े काम बना देती हैं। चारों ओर आनंदी की प्रशंसा हो रही थी।

बड़े घर की बेटी कहानी का मूल संवेदना क्या है स्पष्ट करें?

इसे सुनेंरोकेंइस कहानी में ‘मुंशी प्रेमचंद’ ने संयुक्त परिवारों में होने वाली समस्याओं का चित्रण किया है। उन्होंने इस कहानी के माध्यम से यह बताने का प्रयत्न किया है कि संयुक्त परिवारों में जरा-जरा सी बात पर कलह हो जाती है, बात का बतंगड़ बन जाता है और फिर आपसी समझ-बूझ से बिगड़ती बात को संभाल भी लिया जाता है।

श्रीकंठ सिंह के स्वभाव की क्या विशेषता थी?

इसे सुनेंरोकेंश्रीकंठ स्त्रियों में मिलजुलकर रहने में जो अरुचि थी उसे जाति और समाज के लिए हानिकारक समझते थे। वे प्राचीन सभ्यता का गुणगान और सम्मिलित कुंटुब के उपासक थे। इसलिए गाँव की स्त्रियाँ श्रीकंठ की निंदक थीं। कोई-कोई तो उन्हें अपना शत्रु समझने में भी संकोच नहीं करती थीं।

श्रीकंठ सिंह ने आनंदी से क्या जानना चाहा?

इसे सुनेंरोकें(ii) श्रीकंठ सिंह ने अपनी पत्नी आनंदी से जानना चाहा था कि घर में मचे उपद्रव का वास्तविक कारण क्या था? (iii) इससे पहले बेनीमाधव सिंह ने लालबिहारी की ओर से साक्षी देते हुए कहा कि बहू-बेटियों का यह स्वभाव अच्छा नहीं कि वे पुरुषों के मुँह लगें। लालबिहारी का तर्क था कि आनंदी अपने मायके का रौब झाड़ती रहती है।

1 गौरीपुर गाँव के जमीनदार कौन थे?

इसे सुनेंरोकेंप्रश्न 7. गौरीपुर गाँव के जमीनदार कौन थे? उत्तर: बेनीमाधव सिंह गौरीपुर गाँव के जमीनदार थे।