दोहरा लेखा प्रणाली से आप क्या समझते हो?

दोहरा लेखा प्रणाली से आप क्या समझते हो?

इसे सुनेंरोकेंलेखाकरण में दोहरी प्रविष्टि प्रणाली या दोहरी खतान प्रणाली (Double-entry system) बहीखाता की एक पद्धति है। इसका नाम ‘दोहरी प्रविष्टि’ इसलिए है क्योंकि इसके अन्तर्गत किसी खाते की प्रत्येक प्रविष्टि के संगत किसी दूसरे खाते में एक विपरीत प्रविष्टि का होना जरूरी है। इसे हिन्दी में ‘द्वि-अंकन प्रणाली’ भी कहते हैं।

पूंजी देयता पक्ष में क्यों आती है?

इसे सुनेंरोकेंव्यवसाय की आन्तरिक देनदारियों और बाह्य देनदारियों की स्थिति जानने के लिए ताकि समय से उनके भुगतानों का प्रबंध किया जा सके। स्थायी सम्पत्तियों और चालू सम्पत्तियों की स्थिति जानने के लिए। वर्तमान वित्तीय स्थिति के आधार पर भविष्य की क्रियाओं के नियोजन के लिए।

रोकड़ पुस्तक के प्रमाणन से आप क्या समझते है?

इसे सुनेंरोकेंविशिष्ट उद्देश्य वाली पुस्तकों में लेन-देन का अभिलेखन कर उनकी खतौनी खातों में कर पाएंगे। रोकड़ बही वह पुस्तक है जिसमें नकद प्राप्तियों व भुगतानों से संबंधित सभी लेन-देनों का अभिलेखन किया जाता है। क्योंकि रोकड़ बही में लेन-देनों की प्राथमिक प्रविष्टि की जाती है। इसलिए इसे मूल प्रविष्टि की बही भी कहते हैं।

खाता बही रखने के क्या लाभ है?

निम्नलिखित बही के लाभ :

  • खाता-बही से सम्पत्तियों एवं पूँजी व दायित्वों के संबंध में भी जानकारी लिखी जाती है|
  • खाता-बही से व्यक्तिगत खाता, वास्तविक खाता तथा नाममात्र खाता से संबंधित सभी खातों की अलग-अलग एवं पूर्व जानकारी लिखी जाती है|
  • खाता-बही से हमें इस बात का पता चलता है कि हमें किस व्यक्ति को कितना लेन-देन करना है|

प्रविष्टि प्रणाली से आप क्या समझते हैं?

इसे सुनेंरोकेंसिंगल एंट्री सिस्टम की परिभाषा बहीखाता पद्धति की एकल प्रविष्टि प्रणाली वित्तीय अभिलेखों को बनाए रखने की सबसे पुरानी विधि है जिसमें प्रत्येक वित्तीय लेनदेन के लिए एक प्रविष्टि की जाती है। इस प्रणाली में, विपरीत विपरीत प्रविष्टि नहीं की जाती है क्योंकि लेनदेन केवल एक बार दर्ज किए जाते हैं।

इकहरा लेखा प्रणाली क्या है यह दोहरा लेखा प्रणाली से किस प्रकार भिन्न है?

इसे सुनेंरोकेंजे0 आर0 बाटलीवॉय के अनुसार, इकहरा लेखा प्रणाली बही खाता की वह प्रणाली है जिसमें देनदारों तथा लेनदारों के केवल व्यक्तिगत खाते रखे जाते हैं। दोहरा लेखा प्रणाली के निश्चित सिद्धान्तों एवं नियमों का अभाव इस प्रणाली में रहने के कारण यह प्रणाली अपूर्ण अवैज्ञानिक तथा अविश्वसनीय है।

पूंजी विवरण क्या है?

इसे सुनेंरोकेंकार्यशील पूंजी मूल रूप से छोटी अवधि में किसी भी संगठन की फाइनेंशियल स्थिति बताती है और इसकी संपूर्ण क्षमता के आकलन में मदद करती है. मौज़ूदा एसेट से वर्तमान देनदारियों को घटाकर कार्यशील पूंजी प्राप्त की जाती है. यह अनुपात यह दिखाता है कि शॉर्ट टर्म के लोन के लिए कंपनी के पास पर्याप्त एसेट है या नहीं.

रोकड़ पुस्तक के प्रमाणन से आप क्या समझते हैं रोकड़ पुस्तक का प्रमाणन करते समय किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

इसे सुनेंरोकेंइस बही की जांच करते समय निम्नलिखित विशेष बातों को ध्यान में रखना चाहिए : (1) गत वर्ष के चिढे में दिये गये शेषों (Balances) से प्रारम्भिक शेषों की जांच करनी चाहिए। (2) प्राप्य बिल बही, रोकड़ बही, विक्रय-वापसी बही, जर्नल या अन्य सहायक पुस्तकों की सहायता से विक्रय खाताबही के खातों की जांच करनी चाहिए

रोकड़ पद्धति क्या है रोकड़ पद्धति में रखी जाने वाली आवश्यक पुस्तकों को समझाइए?

इसे सुनेंरोकेंरोकड़ बही वह पुस्तक है जो रोजनामचा व खाता-बही दोनों के उद्देश्य की पूर्ति करती है। रोकड़ बही को सहायक पुस्तक के साथ-साथ एक प्रधान पुस्तक भी माना जाता है। चूँकि रोकड़ बही में लेन-देन की प्राथमिक प्रविष्टि की जाती है इसलिए इसे ‘मूल प्रविष्टि की बही’ (Book of Original Entry) भी कहा जाता है

खाता बही की आवश्यकता क्यों होती है?

इसे सुनेंरोकेंसूचना प्राप्त करने की दृष्टि से खाता-बही को लाभदायक माना गया है क्योंकि इससे समय व श्रम की बचत होती है।

सहायक बहियों को रखने के क्या क्या लाभ है कोई 5?

क्रय बही प्रारम्भिक लेखे की एक पुस्तक है, जबकि क्रय ख़ाता, खाताबही में खोले जाने वाला एक खाता है ।।

  • क्रय बही में केवल उधार क्रय का लेखा किया जाता है, जबकि क्रय खाते में माल के उधार तथा नकद दोनों प्रकार के क्रय का लेखा किया जाता है।
  • क्रय बही एकपक्षीय बही है, जबकि क्रय खाते में डेबिट तथा क्रेडिट दो पक्ष होते हैं।