गृह विज्ञान शिक्षण के क्या उद्देश्य है?
इसे सुनेंरोकेंगृह विज्ञान एक कोरा सैद्धान्तिक विषय नहीं है। इसके अध्ययन का मुख्य उद्देश्य पारिवारिक जीवन को अधिक-से-अधिक सरल, सुविधाजनक एवं उत्तम बनाना है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए ही गृह विज्ञान को व्यावहारिक दृष्टिकोण से उपयोगी एवं महत्त्वपूर्ण बनाया गया है।
गृह विज्ञान का मतलब क्या होता है?
इसे सुनेंरोकेंगृह विज्ञान (Home Sciences) शिक्षा की वह विधा है जिसके अन्तर्गत पाक शास्त्र, पोषण, गृह अर्थशास्त्र, उपभोक्ता विज्ञान, बच्चों की परवरिश, मानव विकास, आन्तरिक सज्जा, वस्त्र एवं परिधान, गृह-निर्माण आदि का अध्ययन किया जाता है।
गृह विज्ञान का क्या महत्व है?
इसे सुनेंरोकेंगृह विज्ञान का महत्व गृह विज्ञान विषय नारी के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण योगदान देता है। जिसके द्वारा पारिवारिक स्थितियों में सुधार लाकर घर और परिवार को समृद्ध बनाने के लिए, पारिवारिक सदस्यों को संतुष्टि प्रदान कर उनके जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए गृह विज्ञान विषय सर्वाधिक उपयोगी एवं महत्त्वपूर्ण है।
होम साइंस के पिता कौन है?
इसे सुनेंरोकें1910 में स्वर्ण कुमारी देवी की पुत्री सरला देवी चौधरानी ने केवल स्त्रियों के लिए भारत स्त्री मण्डल की स्थापना करके स्त्रियों को उनके घर पर ही शिक्षित करने का अभियान चलाया था।
महाविद्यालयों में पढ़ाए जाने वाले गृह विज्ञान संबंधित विभिन्न कोर्स कौन कौन से है?
इसे सुनेंरोकेंएक खुशहाल घर और एक स्वस्थ जीवन शैली प्राप्त करने के लिए संसाधनों और विज्ञान के प्रबंधन के लिए डिप्लोमा पाठ्यक्रम का अध्ययन करने वाले छात्र। कोर्सवर्क में कुछ महत्वपूर्ण विषयों में खाद्य विज्ञान, बाल विकास, हाउसकीपिंग, वित्तीय प्रबंधन और उपभोक्ता अध्ययन, पाक विज्ञान, उद्यमिता आदि शामिल हैं।
गृह व्यवस्था के सामान्य उद्देश्य क्या है?
इसे सुनेंरोकेंइस स्थिति में कहा जा सकता है कि गृह-व्यवस्था का एक उद्देश्य पारिवारिक आय को उचित प्रकार से एवं नियोजित रूप से उपभोग में लाना भी है। गृह-व्यवस्था का उद्देश्य न केवल भौतिक आवश्यकताओं की पूर्ति करना ही है, बल्कि पारिवारिक वातावरण को भी सौहार्दपूर्ण बनाना है।
गृह विज्ञान कितने प्रकार के होते हैं?
इसे सुनेंरोकेंगृह विज्ञान में विशेषज्ञता के कुछ क्षेत्र शामिल हैं जैसे भोजन तथा पोषण, संप्रेषण तथा विस्तार, संसाधन प्रबंधन, मानव विकास, कपड़ा व परिधान विज्ञान। हम परिवार के बाहर तथा परिवार के भीतर अच्छे अंतरव्यक्तिगत संबंधों को सीखते तथा विकसित करते हैं।
होम साइंस से कौन सी नौकरी मिलती है?
इसे सुनेंरोकेंगृह विज्ञान में ग्रेजएशन व पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद आप कई क्षेत्र में विभिन्न जॉब प्रोफाइल पर रहकर कार्य कर सकते हैं। इनमें मुख्य रूप से इंटीरियर डेकोरटर, ड्रेस डिजाइनर, डायटीशियन, न्यूट्रीशनिस्ट, महिला बाल विकास अधिकारी, टीचर, टीवी या रेडियो कलाकार, प्रसार कार्यकर्ती, फूड टेक्नोलॉजिस्ट व मैनजर मुख्य है।
गृह विज्ञान का विकास कब हुआ?
इसे सुनेंरोकेंउत्तर: भारत में गृह विज्ञान विषय का विकास (प्रादुर्भाव) 20वीं सदी के पूर्वार्द्ध में हुआ। सन् 1920 से 1940 में ब्रिटिश शासन काल में ही स्कूलों एवं कुछ कॉलेजों में गृह शिल्प (House Craft), घरेलू विज्ञान (Domestic Science), घरेलू अर्थव्यवस्था (Household Economics) आदि नामों से इस विषय को पढ़ाया जाने लगा।
होम साइंस से क्या क्या बन सकते हैं?
Bsc Home Science jobs ( होम साइंस में रोजगार के क्षेत्र)
- होटल एंड रेस्टोरेंट
- टूरिस्ट रिसोर्ट
- हाउस कीपिंग
- रिसोर्स मैनेजमेंट
- क्लोथिंग एंड टेक्सटाइल के क्षेत्र में मर्चेडाइजर या डिजाइनर
- शैक्षणिक और कामकाजी संस्थानों में कैंटरिंग सुविधा देने का कार्य कर सकते है।
- इंटीरियर डिजाइनिंग
- फैशन डिजाइनिंग
गृह विज्ञान लड़कों और लड़कियों दोनों के लिए क्यों आवश्यक है?
इसे सुनेंरोकेंगृह विज्ञान लड़कों एवं ल़डकियों दोनों के लिए आवश्यक है क्योंकि गृह विज्ञान की शिक्षा हमें न केवल घर को सुचारु रुप से चलाने का ज्ञान प्रदान करता है वरन् यह बच्चों को अपना निजी जीवन संवारने, घर में सब के साथ मधुर संबंध रखने तथा परिवार का जीवन-स्तर ऊंँचा उठाने में भी सहायता करता है।
गृह विज्ञान के विभिन्न क्षेत्र कौन से हैं?