आदिवासियों का मूल धर्म क्या है?

आदिवासियों का मूल धर्म क्या है?

इसे सुनेंरोकेंलेकिन सचाई ये हैं कि भारत के आदिवासियों का मूल धर्म शैव है। वे भगवान शिव की मूर्ति नहीं शिवलिंग की पूजा करते हैं। उनके धर्म के देवता शिव के अलावा भैरव, कालिका, दस महाविद्याएं और लोक देवता, कुल देवता, ग्राम देवता हैं। भारत के हिन्दू धर्म में उन्हीं प्राचीन आदिवासियों का धर्म मिश्रित हो चला है जिसे शैव कहा गया है।

आदिवासियों का राजा कौन था?

इसे सुनेंरोकेंआदिवासियों में मातृपक्ष सर्वोपरि आदिवासियों में वंश परंपरा मातृसत्तात्मक होती है। रावण की माता कैकसी जिसे निकशा या केशनी के नाम से भी जाना जाता है, वह रावण के नाना सुमाली और मेरुमति की पुत्री थीं। यही वजह है कि मातृसत्तात्मक पद्धति होने से रावण को आदिवासी कुल का माना जाता है।

कुलदेवी कुलदेवता का कैसे पता करें?

इसे सुनेंरोकेंमंगलवार को सुबह स्नान आदि से स्वच्छ पवित्र हो अपने देवी देवता की पूजा करें। इस अवधि में शुद्धता का विशेष ध्यान रखें ,यहां तक कि बिस्तर और सोने का स्थान तक शुद्ध और पवित्र रखें। ब्रह्मचर्य का पालन करें और मांस-मदिरा से पूर्ण परहेज रखें। इस प्रयोग की अवधि के अन्दर आपको स्वप्न में आपके कुलदेवता/देवी की जानकारी मिल जाएगी।

हमारी कुलदेवी कौन है?

इसे सुनेंरोकेंकुलदेवी या देवता कुल या वंश के रक्षक देवी-देवता होते हैं। ये घर-परिवार या वंश-परंपरा के प्रथम पूज्य तथा मूल अधिकारी देव होते हैं। इनकी गणना हमारे घर के बुजुर्ग सदस्यों जैसी होती है। अत: प्रत्येक कार्य में इन्हें याद करना जरूरी होता है।

आदिवासी लोग हिंदू है क्या?

इसे सुनेंरोकेंवैसे सुप्रीम कोर्ट भी कई बार कह चुका है कि आदिवासी हिन्दू नहीं हैं। दूसरी तरफ आदिवासियों की जीवन शैली, उनके रस्मो-रिवाज, उनकी संस्कृति, उनका पर्व-त्योहार, पूजा-पाठ, पूजा की पद्धति, पूजा स्थल सबकुछ हिन्दुओं से अलग है। अत: आदिवासी न कभी भी हिन्दू थे, न हैं, न आगे होंगे।

कुलदेवी की पूजा कैसे करनी चाहिए?

इसे सुनेंरोकेंकुलदेवता की पूजा करते समय शुद्ध देसी घी का दीया, धूप, अगरबत्ती, चंदन और कपूर जलाना चाहिए साथ ही प्रसाद स्वरूप भोग भी लगाना चाहिए। कुलदेवता को चंदन और चावल का टीका अर्पण करते समय ध्यान रखें की टूटे हुए या खंडित चावल ना हो। कुलदेवता को हल्दी में लिपटे पीले चावल पानी में भिगोकर अर्पण करना शुभ माना जाता है।