किस पुराण में क्या है?
इसे सुनेंरोकें1/18ब्रह्म पुराण ब्रह्म पुराण को आदिपुराण और प्रथम पुराण के रूप में जाना जाता है। इसमें मुख्य रूप से सृष्टि रचयिता ब्रह्मा की उत्पत्ति की कथा मिलती है। इसमें सृष्टि, मनु की उत्पत्ति, वंश वर्णन, देवों और प्राणियों की उत्पत्ति का वर्णन मिलता है। बतों कि इस पुराण को वक्ता और श्रोता के माध्यम से वर्णित किया गया है।
मत्स्य पुराण में कितने प्रकार के महा स्तंभों का उल्लेख किया गया है?
इसे सुनेंरोकेंइसमें जल प्रलय, मत्स्य व मनु के संवाद, राजधर्म, तीर्थयात्रा, दान महात्म्य, प्रयाग महात्म्य, काशी महात्म्य, नर्मदा महात्म्य, मूर्ति निर्माण माहात्म्य एवं त्रिदेवों की महिमा आदि पर भी विशेष प्रकाश डाला गया है।
मार्कण्डेय अग्नि वायु गरुड़ इत्यादि यह क्या है मार्कण्डेय अग्नि वायु गरुड़ इत्यादि हे काय आहेत?
इसमें ऋग्वेद की भांति अग्नि, इन्द्र, सूर्य आदि देवताओं पर विवेचन है और गृहस्थाश्रम, दिनचर्या, नित्यकर्म आदि की चर्चा है।…यह लेख मुख्य रूप से अथवा पूर्णतया एक ही स्रोत पर निर्भर करता है।
मार्कण्डेय पुराण | |
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पृष्ठ | ९,००० श्लोक |
मत्स्य पुराण में कितने अध्याय हैं?
इसे सुनेंरोकेंइस पुराण की श्लोक संख्या चौदह हज़ार है। इसे दो सौ इक्यानवे अध्यायों में विभाजित किया गया है। इस पुराण के प्रथम अध्याय में ‘मत्स्यावतार’ के कथा है।
मत्स्य पुराण के रचयिता कौन हैं?
इसे सुनेंरोकेंपुराण के रचयिता कौन है – पुराणों की रचना महर्षि वेदव्यास जी ने की थी।
मार्कण्डेय पूजा क्यों की जाती है?
इसे सुनेंरोकेंइस व्रत को करने से संतान को लंबी आयु का वरदान मिलता है। मार्कण्डेय पुराण में इस बात का उल्लेख मिलता है कि सृष्टि की अधिष्ठात्री प्रकृति देवी ने अपने आप को छह भागों में विभाजित किया है। इनके छठे अंश को सर्वश्रेष्ठ मातृ देवी के रूप में जाना जाता है, जो ब्रह्मा की मानस पुत्री हैं। वो बच्चों की रक्षा करने वाली देवी हैं।
मार्कण्डेय मुनि कौन थे?
इसे सुनेंरोकेंमार्कण्डेय भगवान शिव के परम भक्त और ऋषि थे। इनके पिता का नाम मृकंड था। भगवान शिव की कृपा से ही मार्कण्डेय का जन्म हुआ था। शिव ने मार्कण्डेय को सोलह वर्ष की आयु प्रदान की थी।
हरिवंश पुराण के रचयिता कौन थे?
इसे सुनेंरोकेंइसके अतिरिक्त इस पुराण में रस भाव की भक्ति का निरुपण भी किया गया है। परंपरागत तौर पर इस पुराण का रचयिता वेद व्यास को माना जाता है।