दसराज युद्ध क्यों हुआ था?
इसे सुनेंरोकेंदशराज युद्ध में भारत कबीला राजा-प्रथा पर आधारित था जबकि उनके विरोध में खड़े कबीले लगभग सभी लोकतांत्रिक थे। इस युद्ध में सुदास के भारतों की विजय हुई और उत्तर भारतीय उपमहाद्वीप के आर्यावर्त और आर्यों पर उनका अधिकार स्थापित हो गया। इसी कारण आगे चलकर पूरे देश का नाम ही आर्यावर्त की जगह ‘भारत’ पड़ गया।
दसराज युद्ध से आप क्या समझते हैं?
इसे सुनेंरोकेंदशराज्ञ युद्ध या दस राजाओं का युद्ध या दशराजन युद्ध एक युद्ध था जिसका उल्लेख ऋग्वेद के सातवें मंडल में ७:१८, ७:३३ और ७:८३:४-८ में मिलता है। इस युद्ध में एक ओर पुरू क़बीला और उनका मित्रपक्ष समुदाय था, जिनके सलाहकार ऋषि विश्वामित्र थे।
दसराज युद्ध कब हुआ था?
दशराज्ञ युद्ध
तिथि | १७०० ईपू से १००० ईपू के बीच |
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स्थान | आधुनिक पाकिस्तानी पंजाब में परुष्णि नदी (रावी नदी) के पास |
परिणाम | भारत आर्य समुदाय के तृत्सु क़बीले की निर्णात्मक विजय |
क्षेत्रीय बदलाव | ऋग्वैदिक क़बीलों पर सुदास का अधिकार |
कंधार किसकी राजधानी है?
इसे सुनेंरोकेंकांधार या कंदहार अफ़ग़ानिस्तान का एक शहर है। यह अफगानिस्तान का तीसरा प्रमुख ऐतिहासिक नगर एवं कंदहार प्रान्त की राजधानी भी है।
ऋग्वेद के राजा कौन थे?
इसे सुनेंरोकेंसुदास भारत में एक प्राचीन राजा थे जिनका उल्लेख ऋग्वेद में मिलता है। वे दशराज्ञ युद्ध के विजेता थे जिसका वर्णन ऋग्वेद ७:१८, ७:३३ और ७:८३:४-८ में है। उनका जीवनकाल अलग-अलग स्रोतों में १७०० ईसापूर्व से लेकर ११०० ईसापूर्व के बीच के किसी समय में अनुमानित किया जाता है।
10 राजाओं के युद्ध में भारत का पुजारी कौन था?
इसे सुनेंरोकेंसही उत्तर वशिष्ठ है। दस राजाओं के युद्ध में भरत का ऋषि वशिष्ठ था।
कंधार का पुराना नाम क्या था?
इसे सुनेंरोकेंकांधार का नाम पहले गांधार था। कालांतर में यह गांधार से कैसे कांधार बन गया। इस बारे में काफी कुछ वेद व्यासजी के महाकाव्य महाभारत में बताया गया है। करीब 5500 साल पहले राजा सुबल गांधार पर राज करते थे।
कंधार का प्राचीन नाम क्या था?
इसे सुनेंरोकेंकंधार प्राचीन नगर ‘गंधार’ का ही रूपातंरण है। यह अफ़ग़ानिस्तान का दूसरा सबसे बड़ा नगर है।
ऋग्वेद में किसकी पूजा होती थी?
इसे सुनेंरोकेंऋग्वेद के देवताओं में इन्द्र का स्थान विशेष महत्त्व का है। उसकी स्तुति में कही गई ऋचाओं की संख्या २५० के लगभग है। विभिन्न देवताओं की स्तुति में जो मन्त्र वेदों में आये हैं, उनमें उन देवताओं के गुणों एवं शक्तियों का विशदरूप से वर्णन है।
ऋग्वेद का दूसरा नाम क्या है?
इसे सुनेंरोकेंऋग्वेद की संहिता को ‘ऋकसंहिता’ कहते हैं। वस्तुत: ‘ऋक’ का अर्थ है- ‘स्तुतिपरक मन्त्र और ‘संहिता’ का अभिप्राय संकलन से है। अत: ऋचाओं के संकलन का नाम ‘ऋकसंहिता’ है। ऋक की परिभाषा दी जाती है- ऋच्यन्ते स्तूयन्ते देवा अनया इति ऋक ; अर्थात जिससे देवताओं की स्तुति हो उसे ‘ऋक’ कहते हैें।
गंधार का वर्तमान नाम क्या है?
इसे सुनेंरोकेंविशेषज्ञों के मुताबिक गंधार साम्राज्य आज भी अफगानिस्तान में है और इसे अब कंधार के नाम से जाना जाता है.
अफगानिस्तान का प्राचीन नाम क्या है?
इसे सुनेंरोकें17वीं सदी तक अफगानिस्तान नाम का कोई राष्ट्र नहीं था। अफगानिस्तान नाम का विशेष-प्रचलन अहमद शाह दुर्रानी के शासन-काल (1747-1773) में ही हुआ। इसके पूर्व अफगानिस्तान को आर्याना, आर्यानुम्र वीजू, पख्तिया, खुरासान, पश्तूनख्वाह और रोह आदि नामों से पुकारा जाता था जिसमें गांधार, कम्बोज, कुंभा, वर्णु, सुवास्तु आदि क्षेत्र थे।