गुंडा एक्ट में कौन कौन सी धारा लगती है?
इसे सुनेंरोकेंयूपी गुंडा नियंत्रण अधिनियम, 1970 की धारा 6(1) के तहत आयुक्त देवी पाटन मंडल, गोंडा द्वारा पारित आदेश दिनांक 11.2.2021 और जिलाधिकारी द्वारा पारित आदेश दिनांक 3.12.2020 के खिलाफ एक याचिका दायर की गयी थी, जिसके द्वारा याची को जिला बदर कर दिया गया था।
गुंडा एक्ट में जमानत कैसे मिलती है?
इसे सुनेंरोकेंइसमें जमानत का आवेदन देना होता है, तब न्यायालय देखता है कि अपराध की गंभीरता कितनी है, दूसरा यह कि जमानत मिलने पर कहीं वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ तो नहीं करेगा। एक स्थिति में यदि पुलिस समय पर आरोप-पत्र दाखिल न करे, तब भी आरोपी को जमानत दी जा सकती है, चाहे मामला गंभीर क्यों न हो।
गुंडा कितने प्रकार के होते है?
इसे सुनेंरोकेंमानव तस्करी, गोहत्या, पशु तस्करी, मनी लॉड्रिंग, बंधुआ मजूदरी, बाल मजदूरी, जाली नोट, नकली दवाओं का व्यापार, अवैध हथियारों का निर्माण व व्यापार तथा अवैध खनन जैसे अपराध पर गुंडा एक्ट लगाया जाएगा।
मिनी गुंडा एक्ट क्या है?
इसे सुनेंरोकेंबिधूना। संवाददाता शांतिपूर्ण एवं निष्पक्ष चुनाव कराने की मंशा से बिधूना पुलिस द्वारा चुनाव… शांतिपूर्ण एवं निष्पक्ष चुनाव कराने की मंशा से बिधूना पुलिस द्वारा चुनाव में गड़बड़ी फैलाने से संबंधित संदिग्धों के विरुद्ध कार्रवाई करने का अभियान तेज कर दिया गया है।
गुंडा एक्ट कब बना?
इसे सुनेंरोकेंभारत गणतंत्र के इक्कीसवें वर्ष में निम्नलिखित अधिनियम बनाया जाता है:- 1-(1) यह अधिनियम उत्तर प्रदेश गुंडा नियंत्रण अधिनियम, 1970′ कहलायेगा ।
गैर जमानती धारा कौन सी है?
इसे सुनेंरोकेंगैर जमानती धाराएं कौन कौन सी हैं (Gair Jamanti Dhara Kon Kon Si Hai) यदि किसी अपराधी के द्वारा संगीन जुर्म किए जाते हैं जैसे कि राष्ट्रद्रोह, बलात्कार, हत्या इन अपराधों को संगीन जुर्म की कैटेगरी में रखा गया है इन अपराधों को करने पर पुलिस को किसी भी अपराधी को गिरफ्तार करने के लिए वारंट की आवश्यकता नहीं पड़ती।
जिला बदर कितने केस में होता है?
इसे सुनेंरोकेंएसपी आलोक प्रियदर्शी के निर्देश पर लाॅ एंड आर्डर बनाए रखने के लिए पुलिस ने विभिन्न थानों से 4 अपराधियों पर गुंडा एक्ट की धारा लगाकर जिला बदर किया है।
जिला बदर की कार्यवाही कब होती है?
इसे सुनेंरोकेंकिसी खास इलाके में लगातार अपराध करने और आतंक फैलाने वाले बदमाशों के विरुद्ध गुंडा एक्ट की कार्रवाई की जाती है। इसकी प्रक्रिया काफी लंबी होती है। गुंडा एक्ट की कार्रवाई होने के बाद बदमाश को जिला बदर करने की प्रक्रिया शुरू होती है।