झाऊलाल की पत्नी ने अपने पति से कितने रुपए की मांग की थी?

झाऊलाल की पत्नी ने अपने पति से कितने रुपए की मांग की थी?

इसे सुनेंरोकें✎… लाला झाऊलाल की पत्नी ने उनसे 250 रुपये मांगे थे। ‘अकबरी लोटा’ कहानी में लाला झाऊलाल की पत्नी ने लाला झाऊलाल से 250 रुपये की मांग की।

वर्तमान में चिट्ठी पत्र की क्या स्थिति है?

इसे सुनेंरोकेंवर्तमान में चिट्ठी पत्री की क्या स्थिति है? (a) इनकी लोकप्रियता समाप्त हो गई है (b) इनकी लोकप्रियता में उछाल आया है (c) इनकी लोकप्रियता बनी हुई है (d) संचार के अन्य साधनों से अधिक है।

चिट्ठियों को धरोहर क्यों कहा गया है?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर:- पत्र व्यक्ति की स्वयं की हस्तलिपि में होते हैं, जो कि प्रियजन को अधिक संवेदित करते हैं। हम जितने चाहे उतने पत्रों को धरोहर के रूप में समेट कर रख सकते हैं जबकि एसएमएस को मोबाइल में सहेज कर रखने की क्षमता ज़्यादा समय तक नहीं होती है। एसएमएस को जल्द ही भुला दिया जाता है।

सन्देश पहुँचाने का काम कौन शीघ्र करने लगा?

इसे सुनेंरोकेंघोड़े वायुयान रेलवे और तार

एक दिन झाऊलाल की पत्नी ने उनसे कितने रूपये मांगे?

इसे सुनेंरोकेंExplanation: इस कहानी में लाला झाऊलाल और उनके मित्र बिलवासी मिश्र जी के माध्यम से लेखक ने भारतीय लोगों की सूझ-बूझ तथा अंग्रेजो की मूर्खता पर व्यंग्य किया है। अचनाक उनकी पत्नी ने उनसे ढाई सौ रुपयों की माँग की।

पिता की बदली होने का लेखक पर क्या प्रभाव पड़ा?

इसे सुनेंरोकेंपिता की बदली होने का लेखक पर क्या प्रभाव पड़ा? रज्जो कौन थी? वैसे तो मामा के गाँव का होने के कारण मुझे बदलू को ‘बदलू मामा’ कहना चाहिए था परंतु मैं उसे ‘बदलू मामा’ न कहकर बदलू काका कहा करता था जैसा कि गाँव के सभी बच्चे उसे कहा करते थे। बदलू का मकान कुछ ऊँचे पर बना था।

आजकल समाचार पत्रों में क्या छपते हैं?

इसे सुनेंरोकेंसवाल: आजकल समाचार पत्रों में क्या छपते हैं? लेखक हजारी प्रसाद द्विवेदी के अनुसार आजकल के समाचार पत्रों में डकैती, चोरी, ठगी, तस्करी, भ्रष्टाचार आदि के बारे में छापा जाता है। जिससे कि लोगों जागरूक हो सके।

भगवान की भेजी चिट्ठियों को कौन नहीं समझ पाता?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर : पक्षी और बादल द्वारा लाई गई चिट्ठियों में भगवान द्वारा भेजा गया संदेश होता है, क्योंकि ये चिट्ठियाँ भगवान की होती हैं। इन चिट्ठियों को मनुष्य नहीं पढ़ पाता है। इनको प्रकृति के विभिन्न अंग पेड़, पौधे, पानी और पहाड़ पढ़ पाते हैं।