सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 का उद्देश्य और उद्देश्य क्या है जब यह अधिनियम 2000 लागू हुआ?

सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 का उद्देश्य और उद्देश्य क्या है जब यह अधिनियम 2000 लागू हुआ?

इसे सुनेंरोकेंसूचना प्रौद्योगिकी कानून (आईटी कानून), 2000 को इलेक्‍ट्रोनिक लेन-देन को प्रोत्‍साहित करने, ई-कॉमर्स और ई-ट्रांजेक्‍शन के लिये कानूनी मान्‍यता प्रदान करने, ई-शासन को बढ़ावा देने, कंप्यूटर आधारित अपराधों को रोकने तथा सुरक्षा संबंधी कार्य प्रणाली और प्रक्रियाएँ सुनिश्चित करने के लिये अमल में लाया गया था।

आईटी अधिनियम 2000 ई गवर्नेंस की सुविधा कैसे देता है?

इसे सुनेंरोकेंभारत सरकार के प्रमुख विकास स्तंभों में सूचना-प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000, जिसके द्वारा इलेक्ट्रॉनिक संवाद की वैधता प्रदान की गई और इलेक्ट्रॉनिक तरीके से सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए कार्य प्रथाओं का नियमन किया गया और सुचना का अधिकार अधिनियम, 2005 (इसके द्वारा जनसंस्थानों की सूचना की मांग करने वाले नागरिकों की जानकारी …

IT Act कब लागू हुआ?

इसे सुनेंरोकेंआपको बता दें कि आईटी एक्ट को 2000 में पास किया गया था. पर उस वक्त विवादास्पद धारा 66(A) को शामिल नहीं किया गया था. 2008 में इस एक्ट में संशोधन करके धारा 66(A) को जोड़ा गया जो फरवरी 2009 में लागू हो गया.

इससे आपका क्या तात्पर्य है संगठनों के लिए अधिनियम 2000 की आवश्यकता के महत्व और उद्देश्यों की व्याख्या करें?

इसे सुनेंरोकेंइस कानून में सभी देशों से यह अपेक्षा की जाती है कि सूचना के आदान-प्रदान और उसके संग्रहण के लिए कागज आधारित माध्यमों के विकल्प के रूप में इस्तेमाल की जा रहीं तकनीकों से संबंधित कोई भी कानून बनाने या उसे संशोधित करते समय वे इसके प्रावधानों का ध्यान रखेंगे, ताकि सभी देशों के में एकरूपता बनी रहे।

सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम में कुल कितनी धाराएं हैं?

इसे सुनेंरोकेंसूचना तकनीक क़ानून 2000 17 अक्टूबर 2000 को अस्तित्व में आया। इसमें 13 अध्यायों में विभक्त कुल 94 धाराएं हैं। 27 अक्टूबर 2008 को इस क़ानून को एक घोषणा द्वारा संशोधित किया गया।

इससे आप क्या समझते हैं संगठन के लिए अधिनियम 2000 की आवश्यकता के महत्व और उद्देश्यों की व्याख्या कीजिए?

आईटी एक्ट का क्या मतलब है?

इसे सुनेंरोकेंआइए जानते हैं कि क्या कहती है आईटी ऐक्ट की धारा 66ए… आईटी एक्ट की धारा 66ए में क्या प्रावधान? (सी) जो किसी को इलेक्ट्रॉनिक मेल या इलेक्ट्रॉनिक मेल मेसेज भेजकर गुस्सा दिलाने, परेशान करने, धोखा देने और उससे अपनी पहचान छिपाने की कोशिश करता है। ऐसे अपराध के लिए तीन साल तक की जेल की सजा और जुर्माने का प्रावधान किया गया।