क्यों बंद है कोणार्क मंदिर?
इसे सुनेंरोकेंफिर भी कोणार्क में, सूर्य वंदना मंदिर से मूर्ति के हटने के बाद से बंद हो गयी। इस कारण कोणार्क में तीर्थयात्रियों का आना जाना बंद हो गया।
118 साल से क्यों बंद है कोणार्क मंदिर का रहस्यमय दरवाजा?
इसे सुनेंरोकेंमुगल काल में कई हमलों और प्राकृतिक आपदाओं के चलते मंदिर को खराब होता देख 1901 में तत्कालीन गवर्नर जॉन वुडबर्न ने जगमोहन मंडप के चारों दरवाजों पर दीवारें उठवा दीं और इसे पूरी तरह से रेत से भर दिया गया। इस काम में तीन साल लगे।
कोणार्क का अर्थ क्या है?
इसे सुनेंरोकेंकोणार्क का नाम दो शब्दों को जोड़ कर बना है- कोण जिसका अर्थ है कोना और अर्क जिसका अर्थ है सूर्य। यह हिन्दू मन्दिर के लिए प्रसिद्ध है, जो भारतीय स्थापत्य का सर्वश्रेष्ठ नमूना है। मंदिर में स्थापित कोणार्क की मूर्ति के नाम पर ही इस शहर का नाम कोणार्क पड़ा है।
कोणार्क मंदिर कौन बनाया था?
इसे सुनेंरोकेंइस मंदिर को सूर्य देवता के रथ के आकार में बनाया गया है। आइए जानते हैं इस मंदिर का निर्माण किसने कराया था, मंदिर का महत्व क्या है और अन्य अहम जानकारियां। किसने किया था कोर्णाक सूर्य मंदिर का निर्माण: उड़िसा के कोर्णाक में स्थित सूर्य मंदिर का निर्माण राजा नरसिंहदेव ने 13वीं शताब्दी में करवाया था।
कोणार्क सूर्य मंदिर का निर्माण कब हुआ?
इसे सुनेंरोकेंउड़िसा के कोर्णाक में स्थित सूर्य मंदिर का निर्माण राजा नरसिंहदेव ने 13वीं शताब्दी में करवाया था। अपने विशिष्ट आकार और शिल्पकला के लिए यह मंदिर पूरे विश्व में जाना जाता है।
कोणार्क मंदिर का दूसरा नाम क्या है?
इसे सुनेंरोकेंकोणार्क सूर्य मन्दिर की पौराणिक महत्व: स्थानीय लोग इस मंदिर को बिरंचि-नारायण कहते थे।
स्थापत्य में जगमोहन का क्या अर्थ है?
इसे सुनेंरोकेंइन मंदिरों में देवालयों से पहले सामान्य रूप से मंडल होते हैं, जिन्हें ओडिशा में जगमोहन कहा जाता है।
कोणार्क मंदिर किस आकार का है और इसे बनाने में कितने वर्ष लगे थे?
इसे सुनेंरोकेंकोणार्क सूर्य मंदिर पूर्वी ओडिशा के पवित्र शहर पुरी के पास स्थित है। इसका निर्माण राजा नरसिंहदेव प्रथम द्वारा 13वीं शताब्दी ((1238-1264 ई) में किया गया था। यह गंग वंश के वैभव, स्थापत्य, मज़बूती और स्थिरता के साथ-साथ ऐतिहासिक परिवेश का प्रतिनिधित्व भी करता है। मंदिर को एक विशाल रथ के आकार में बनाया गया है।