भगवान का स्मरण कैसे किया जाता है?
इसे सुनेंरोकेंइसीलिए पूर्वजों ने कहा है कि भगवान को याद करते रहो. हर रात सोने से पहले उन्हें याद करो; जब आप स्नान करो, भोजन करो तब भी, उन्हें याद करो और धन्यवाद करो. कुछ नया कार्य शुरू करने से पहले, उन्हें स्मरण करें एक शुभ आरंभ के लिए. प्राचीन लोग बहुत ज्ञानी थे और उन्होंने इसे एक प्रथा बना दिया था.
Q1 भगवान श्रीकृष्ण कौन है उनके व्यक्तित्व के बारे में कुछ बतए आप उनका प्रति दिन स्मरण कैसे कर सकते?
इसे सुनेंरोकेंश्रीकृष्ण, हिन्दू धर्म में भगवान हैं। वे विष्णु के 8वें अवतार माने गए हैं। कन्हैया, श्याम, गोपाल, केशव, द्वारकेश या द्वारकाधीश, वासुदेव आदि नामों से भी उनको जाना जाता है। कृष्ण निष्काम कर्मयोगी, आदर्श दार्शनिक, स्थितप्रज्ञ एवं दैवी संपदाओं से सुसज्जित महान पुरुष थे।
मनुष्य को ईश्वर का स्मरण कैसे करना चाहिए?
इसे सुनेंरोकेंसर्वप्रथम मनुष्य को अपने पर सार्थक विश्वास होना चाहिए। बिना शंकित मन से कर्तब्य पथ पर आगे बढ़ना चाहिए।।। मार्ग लम्बा है, चलते चलते ही अर्थात निरन्तरता से ही ईश्वर की अनुभूति होती है।।। और इसके लिए परम् आवश्यक है योग्य गुरु की।।।।
भगवान का स्मरण कब करना चाहिए क्या?
इसे सुनेंरोकेंभगवान का स्मरण करने से शक्ति मिलती है। यह तब संभव है, जब हम ईश्वर पर सब कुछ छोड़ दें और उसकी भक्ति में खो जाएं। यह विचार राघव ऋषि महाराज ने गुरुवार को श्री रामजानकी संकटमोचन हनुमान मंदिर गेंदघर में श्री शिव महापुराण कथा के दौरान व्यक्त किए।
आप भगवान कृष्ण को प्रतिदिन कैसे याद कर सकते हैं?
इसे सुनेंरोकेंAnswer: भगवान श्री कृष्ण विष्णु के अवतार है उनका प्रतिदिन समरण हम उनका महा मंत्र बोलकर कर सकते हैं हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम राम राम हरे हरे।
पाठ में श्री कृष्ण की कौन कौन सी लीलाओं का वर्णन किया गया है?
इसे सुनेंरोकेंधन्य सूर एकौ पल इहिं सुख का सत कल्प जिए॥ राग बिलावल पर आधारित इस पद में श्रीकृष्ण की बाल लीला का अद्भुत वर्णन किया है भक्त शिरोमणि सूरदास जी ने। श्रीकृष्ण अभी बहुत छोटे हैं और यशोदा के आंगन में घुटनों के बल ही चल पाते हैं। एक दिन उन्होंने ताजा निकला माखन एक हाथ में लिया और लीला करने लगे।
श्रीकृष्ण की लीलाओं से क्या हानि हो रही थी class 8?
इसे सुनेंरोकेंउत्तर : श्रीकृष्ण माखन चुराते समय आधा माखन खुद खाते हैं व आधा अपने सखाओं (मित्रों) को खिलाते हैं। जिसके कारण माखन जगह-जगह ज़मीन पर गिर जाता है।