चित्रलेखा के लेखक कौन हैं?
भगवती चरण वर्माचित्रलेखा / लेखक
इसे सुनेंरोकेंचित्रलेखा भगवती चरण वर्मा द्वारा रचित हिन्दी उपन्यास है। यह न केवल भगवतीचरण वर्मा को ए॰ उपन्यासकार के रूप में प्रतिष्ठा दिलाने वाला पहला उपन्यास है बल्कि हिन्दी के उन विरले उपन्यासों में भी गणनीय है जिनकी लोकप्रियता काल की सीमा को लाँघती रही है।
भगवती चरण वर्मा के मानव गुरु कौन थे?
भगवतीचरण वर्मा (३० अगस्त १९०३ – ५ अक्टूबर 1981) हिन्दी साहित्यकार थे। उन्हें साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७१ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।…
भगवती चरण वर्मा | |
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जन्म | 30 अगस्त 1903 शफीपुर, संयुक्त प्रान्त, ब्रितानी भारत |
मृत्यु | 5 अक्टूबर 1981 (उम्र 78) |
व्यवसाय | लेखक |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
चित्रलेखा का पात्र कौन है?
इसे सुनेंरोकेंचित्रलेखा की कथा पाप और पुण्य की समस्या पर आधारित है-पाप क्या है? उसका निवास कहाँ है? -इन प्रश्नों का उत्तर खोजने के लिए महाप्रभु रत्नांबर के दो शिष्य, श्वेतांक और विशालदेव, क्रमश: सामंत बीजगुप्त और योगी कुमारगिरि की शरण में जाते हैं।
चित्रलेखा जी का विवाह कब हुआ?
इसे सुनेंरोकेंदिनांक 23 मई 2017 को गौसेवा धाम हॉस्पिटल के ही पावन प्रांगण में देवी चित्रलेखा जी का विवाह बिलासपुर, छत्तीसगढ़ के ‘कश्यप गोत्रीय’ कान्यकुब्ज ब्राह्मण परिवार में श्री अरुण तिवारी जी के सुपुत्र श्री माधव तिवारी जी के साथ हिंदू रीति-रिवाज़ों के साथ संपन्न हुआ।” चित्रलेखा के मीडिया को-ऑर्डिनेटर राहुल शर्मा तिवारी ने बताया.
भगवती चरण किसकी रचना है?
भगवतीचरण वर्मा | |
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कर्म-क्षेत्र | साहित्यकार |
मुख्य रचनाएँ | ‘चित्रलेखा’, ‘भूले बिसरे चित्र’, ‘सीधे सच्ची बातें’, ‘सबहि नचावत राम गुसाई’, ‘अज्ञात देश से आना’, ‘आज मानव का सुनहला प्रात है’, ‘मेरी कविताएँ’, ‘मेरी कहानियाँ’, ‘मोर्चाबन्दी’, ‘वसीयत’। |
विषय | उपन्यास, कहानी, कविता, संस्मरण, साहित्य आलोचना, नाटक, पत्रकार। |
भाषा | हिन्दी |
दो बाँके किसकी रचना है?
इसे सुनेंरोकेंशायद ही कोई ऐसा अभागा हो जिसने लखनऊ का नाम न सुना हो; और युक्तप्रांत में ही नहीं, बल्कि सारे हिंदुस्तान में, और मैं तो यहां तक कहने को तैयार हूं कि सारी दुनिया में लखनऊ की शोहरत है.
श्वेतांग के गुरु का नाम क्या है?
इसे सुनेंरोकेंमहाप्रभु रत्नाम्बर योगी हैं। उनके दो शिष्य हैं- श्वेतांक और विशालदेव।