भक्तिन का वास्तविक नाम क्या था वह अपने नाम को क्यों छुपाना चाहती थी?
इसे सुनेंरोकेंउत्तर: भक्तिन का असली नाम लछमिन था जिसका अर्थ लक्ष्मी है जो समृद्धि और संपन्नता का प्रतीक माना जाता है। बात का ज्ञान है की उसके नाम तथा परिस्थिति के बीच का विरोधभास उसे समाज में बस उपहास का पात्र बनता है। समाज से उसे उपहास के अतिरिक्त और कुछ प्राप्त नहीं होगा। इसलिए वह लोगों से अपना असली नाम छिपाती थी।
मेरी आंखे नम है l यह वाक्य किसका है?
इसे सुनेंरोकें(i) जटिल प्राणियों के लिए सालिम अली एक पहेली बने रहेंगे। (ii) मेरी आँखें नम हैं, सालिम अली तुम लौटोगे ना! प्रश्न 6. इस पाठ में लेखक ने सालिम अली के व्यक्तित्व का जो चित्र खींचा है उसे अपने शब्दों में लिखिए।
भक्तिन और लेखिका के नाम में क्या समानता है?
इसे सुनेंरोकेंभक्तिन भी लेखिका के घर में नौकरी करती है। दोनों में यही समानता है। दूसरे, दोनों ही घर में पीड़ित हैं। परिवार वालों ने उन्हें पूर्णत: उपेक्षित कर दिया था।
भक्तिन नाम को लेखक ने कवित्वहीन क्यों कहा है?
इसे सुनेंरोकेंयही कारण था कि वह अपना वास्तविक नाम लोगों से छुपाती थी। भक्तिन को यह नाम लेखिका ने ही दिया था। लेखिका ने उसकी कंठीमाला को देखकर यह नामकरण किया था। वह इस कवित्वहीन नाम को पाकर भी गद्गद् हो उठी थी।
सूरदास की झोपड़ी कहानी के माध्यम से लेखक क्या संदेश देना चाहता है?
इसे सुनेंरोकेंप्रश्न – सूरदास , जगधर से अपनी आर्थिक हानि को गुप्त रखना चाहता था? उत्तर – सूरदास , जगधर से ही नहीं बल्कि समस्त गांव के लोगों से अपने आर्थिक हानि को गुप्त रखना चाहता था क्योंकि एक अंधे भिखारी के पास धन का होना हास्य का विषय होता है।
क्या वह पक्षी अपने सपनों के गीत दोबारा गा पाएगा यह पंक्ति किसके लिए कही गई है?
इसे सुनेंरोकेंAnswer. Answer: कोई अपने जिस्म की हरारत और दिल की धड़कन देकर भी उसे लौटाना चाहे तो वह पक्षी अपने सपनों के गीत दोबारा कैसे गा सकेगा! सालिम अली प्रकृति की दुनिया में एक टापू बनने की बजाए अथाह सागर बनकर उभरे थे।
भक्तिन का असली नाम क्या था?
इसे सुनेंरोकें’भक्तिन’ का असली नाम लक्ष्मी था। वह अपना नाम छिपाती थी क्योंकि उसे कभी समृद्ध नहीं मिली। उसके भक्ति भाव को देखकर लेखिका ने उसे ‘भक्तिन’ कहना शुरू कर दिया। लेखिका को अपना नाम महादेवी था।