सत्तू आनी कब है?
इसे सुनेंरोकेंमेष संक्रांति अइसे त सुरुज के अयनचलन के कारन वर्तमान समय में सुरुज 21 मार्च के आसपास मेष राशि में प्रवेश करे ला; जहिया दिन-रात बरोबर होखे ला। बाकी भारतीय निरयन पद्धति में ई 13-14 अप्रैल के पड़े ला। एह दिन के भारत में अलग-अलग हिस्सा में अलग अलग नाँव से तिहुआर के रूप में मनावल जाला।
सतुआन क्यों मनाया जाता है?
इसे सुनेंरोकेंसूर्य के मेष पर आने पर ही सतुआन मनाने की महत्ता है। इसका वैज्ञानिक कारण यह है कि गर्मी के दिनों में सूर्य की तपिश से शरीर का पित्त कुपित हो जाता है। इससे निजात पाने के लिए आम के टिकोरे की चटनी सत्तू के साथ सेवन करने से धूप का असर कम होता है।
सतुआन कब है 2021?
इसे सुनेंरोकेंसत्तुआनी का महापर्व 13 अप्रैल यानी आज मनाया जा रहा है. सतुआनी के पर्व पर सत्तू, गुड़ और चीनी से पूजा की होती है. इस त्योहर पर दान में सोना और चांदी देने की भी बड़ा महत्व है. पूजा के बाद लोग सत्तू, आम प्रसाद के रूप में ग्रहण करते है.
विश्वा पर्व कब मनाया जाता है?
इसे सुनेंरोकेंबैसाखी के दिन सूर्य मेष राशि में संक्रमण करता है । इस कारण इस दिन को मेष संक्रान्ति भी कहते है। इसी पर्व को विषुवत संक्रान्ति भी कहा जाता है। बैसाखी पारम्परिक रूप से प्रत्येक वर्ष 13 या 14 अप्रैल को मनाया जाता है।
जून २०२१ में संक्रांति कब है?
इसे सुनेंरोकेंइस साल मिथुन संक्रांति 15 जून 2021 को मनाई जाएगी. ज्येष्ठ माह में सूर्यदेव मिथुन राशि में प्रवेश करते हैं जिस कारण इसे मिथुन संक्रांति कहा जाता है.
बैसाखी का त्यौहार कब क्यों और कैसे मनाया जाता है?
इसे सुनेंरोकेंबैसाखी पारम्परिक रूप से प्रत्येक वर्ष 13 या 14 अप्रैल को मनाया जाता है। यह त्योहार हिन्दुओं, बौद्ध और सिखों के लिए महत्वपूर्ण है। वैशाख के पहले दिन पूरे भारतीय उपमहाद्वीप के अनेक क्षेत्रों में बहुत से नव वर्ष के त्यौहार जैसे जुड़ शीतल, पोहेला बोशाख, बोहाग बिहू, विशु, पुथण्डु मनाये जाते हैं।
क्या आज संक्रांति है?
इसे सुनेंरोकेंहिंदू मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति का पर्व सूर्य के धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश की तिथि के दिन मनाया जाता है। सूर्य के अनुरूप राशियों की गति नियत होती है इसलिए प्रत्येक वर्ष ये तिथि 14 जनवरी को बनती है।
August महीने की संक्रांति कब है 2021?
इसे सुनेंरोकेंइस साल सिंह संक्रांति 17 अगस्त 2021 को मनाई जाएगी.
जून मंथ की संक्रांति कब है?
इसे सुनेंरोकेंसंक्रांति तिथि पर दान-पुण्य और सूर्य पूजा का विशेष महत्व माना गया है। जानते हैं संक्रांति तिथि का महत्व, पूजा विधि और समय। हिंदू पंचांग के अनुसार जिस दिन सूर्य मिथुन में प्रेवश करेंगें उस दिन ज्येष्ठ मास की पंचमी तिथि है। 15 जून 2021 दिन मंगलवार के सूर्य प्रातः 06 बजकर 17 मिनट पर मिथुन राशि में गोचर करेंगे।