मथुरा में क्या चीज प्रसिद्ध है?

मथुरा में क्या चीज प्रसिद्ध है?

कृष्ण जन्मभूमि आपको इसके नाम से ही पता चल रहा होगा यह भगवान कृष्ण की जन्मभूमि है यह मंदिर उस कारागार के बाहर बना हुआ है जहां भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था।

  • द्वारकाधीश मंदिर
  • कंस किला
  • मथुरा संग्रहालय
  • गोवर्धन पर्वत
  • कुसुम सरोवर
  • बांके बिहारी मंदिर
  • इन मंदिरों में भी जाएं
  • मथुरा के लोग कैसे होते हैं?

    उससे पूर्व भगवान कृष्ण के समय काल से भी पूर्व अर्थात लगभग 7500 वर्ष से यह नगर अस्तित्व में है. यह धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। मथुरा भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता का केंद्र रहा है।…मथुरा

    मथुरा Mathura
    • कुल 3709 किमी2 (1,432 वर्गमील)
    जनसंख्या (2011)
    • कुल 4,41,894
    भाषाएँ

    वृंदावन क्यों प्रसिद्ध है?

    इसे सुनेंरोकेंवृंदावन वह जगह है जहां भगवान कृष्ण का बचपन गुजरा। जहां उन्होंने गोपियों संग रास किया। कृष्ण भारत में आनंद के देवता भी हैं और जीवन में उमंग लाने वाले देवता भी। यही कारण है कि वृंदावन में प्रवेश करते ही यहां के कण-कण में भक्ति और प्रेम का अहसास होने लगता है…

    मथुरा का खास पकवान क्या है?

    इसे सुनेंरोकेंकचौड़ी के शौकीन मथुरा में आपको हर जगह दिख जाएंगे। कचौड़ी मथुरा के हर गली नुक्कड पर बेची जाती है। कचौड़ी और जलेबी आपको एक साथ केवल मथुरा में ही खाने को मिलेगी। आलू चाट और गोलगप्पे यूं तो पूरे भारत में ही पसंद किए जाते हैं लेकिन मथुरा में इनको कुछ ज्यादा ही पसंद किया जाता है।

    मथुरा में क्या क्या घूमने की जगह है?

    मथुरा में घूमने की जगह

    1. द्वारिका धीश मंदिर मथुरा
    2. कृष्ण जन्म भूमि
    3. विश्राम घाट
    4. वृन्दावन मथुरा
    5. गोकुल मथुरा
    6. राधा जन्म स्थली बरसाना
    7. नन्द गांव
    8. गोवर्धन पर्वत

    मथुरा का पुराना नाम क्या है?

    इसे सुनेंरोकेंशूरसेन जनपद की राजधानी : पौराणिक साहित्य में मथुरा को अनेक नामों से संबोधित किया गया है जैसे- शूरसेन नगरी, मधुपुरी, मधुनगरी, मधुरा आदि।

    मथुरा वृंदावन में कितने मंदिर हैं?

    इसे सुनेंरोकेंश्री पर्यावरण बिहारी जी का मंदिर बड़े प्राचीन हैं । इसके अतिरिक्त यहाँ श्री राधारमण, श्री राधा दामोदर, राधा श्याम सुंदर, गोपीनाथ, गोकुलेश, श्री कृष्ण बलराम मन्दिर, पागलबाबा का मंदिर, रंगनाथ जी का मंदिर, प्रेम मंदिर, श्री कृष्ण प्रणामी मन्दिर, अक्षय पात्र, वैष्णो देवी मंदिर।

    वृंदावन में वृंदा का क्या अर्थ है?

    इसे सुनेंरोकेंवृंदा तुलसी को कहा जाता है। यहां तुलसी के पौधे अधिक हैं, इसलिए इसे वृंदावन नाम दिया गया। यानी वृंदा (तुलसी) का वन। ब्रह्म पुराण में बताया गया है कि वृंदा राजा केदार की पुत्री थीं।