नारद जी के हाथ में क्या रहता है?

नारद जी के हाथ में क्या रहता है?

इसी कारण सभी युगों में, सभी लोकों में, समस्त विद्याओं में, समाज के सभी वर्गो में नारद जी का सदा से एक महत्त्वपूर्ण स्थान रहा है। मात्र देवताओं ने ही नहीं, वरन् दानवों ने भी उन्हें सदैव आदर किया है।…नारद मुनि

देवर्षि नारद
संबंध हिन्दू देवता, देवर्षि, मुनि
निवासस्थान ब्रह्मलोक
मंत्र नारायण नारायण
अस्त्र वीणा

नारद जी की पत्नी का नाम क्या है?

इसे सुनेंरोकें5/7विवाह की इच्छा हुई बलवती विवाह की कामना लेकर नारद जी वापस बैकुंठ गए और विष्णुजी से खुद को रूपवान बनाने की विनती की।

नारद की कितनी पत्नियां थी?

इसे सुनेंरोकेंNarad Jayanti 2018 : नारद मुनि की थी 60 पत्नियां, पिता ब्रह्मा के श्राप से हुआ था ये हाल

नारद मुनि क्या बजाते हैं?

इसे सुनेंरोकेंश्रीमद्भागवत और वायुपुराण के अनुसार नारद जी का जन्म ब्रह्मा जी की जंघा से हुआ था। इन्हें वेदों के संदेशवाहक कहा गया है। मान्यता है कि वीणा का आविष्कार नारद जी ने ही किया था।

नारद मुनि की मृत्यु कैसे हुई?

इसे सुनेंरोकेंतो वही ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार नारद जी ब्रह्मा जी के कंठ से उत्पन्न हुए थे कहा जाता है। इनसे जुड़ी एक कथा के अनुसार प्राचीन समय में दक्ष पुत्रों को योग का उपदेश उपदेश देकर उन्हें संसार से विमुख करने पर राजा दक्ष क्रोधित हो गए और उन्होंने नारद का विनाश कर दिया।

नारद जी पूर्व जन्म में कौन थे?

इसे सुनेंरोकेंकहते हैं नारद जी, पूर्व जन्म में ‘उपबर्हण’ नाम के गंधर्व थे। उन्हें अपने रूप पर अभिमान था। एक बार जब ब्रह्मा की सेवा में अप्सराएं और गंधर्व गीत और नृत्य से जगत्सृष्टा की आराधना कर रहे थे, तब उपबर्हण स्त्रियों के साथ श्रृंगार भाव से वहां आए।

नारद किसका पुत्र था?

इसे सुनेंरोकेंभगवान विष्णु के परम भक्त नारद जी सृष्टि के रचियता ब्रह्मा जी के पुत्र हैं। नारद पुराण में नारद जी के जीवन के बारे में संपूर्ण वर्णन है, यह ग्रन्थ के पूर्वखंड में 125 अध्याय और उत्तरखण्ड में 182 अध्याय हैं। श्रीमद्भागवत और वायुपुराण के अनुसार नारद जी का जन्म ब्रह्मा जी की जंघा से हुआ था।

नारद जी की शादी क्यों नहीं हुई?

इसे सुनेंरोकेंइस प्रसंग के मुताबिक, पिता के श्राप की वजह से नारद जी की शादी नहीं हुई थी। नारद पुराण की एक कथा में इस घटनाक्रम का विस्तार से जिक्र किया गया है। इसके मुताबिक, ब्रम्हा जी ने सृष्टि निर्माण के वक्त आठ मानस पुत्रों को जन्म दिया था। नारद ब्रम्हा जी के कण्ठ से पैदा हुए थे।

नारद मुनि का क्या काम था?

इसे सुनेंरोकेंनारदजी को विष्णु भगवान के परम भक्तों में से एक माना जाता है। देवर्षि नारद मुनि विभिन्न लोकों में यात्रा करते थे, जिनमें पृथ्वी, आकाश और पाताल का समावेश होता था ताकि देवी-देवताओं तक संदेश और सूचना का संचार किया जा सके।

नारद जी को चपरासी ने क्या युक्ति बतायी?

इसे सुनेंरोकेंचपरासी ने नारद को सलाह दी कि ‘महाराज आप क्यों इस झंझट में पड़ गए। आप अगर साल भर भी यहाँ चक्कर लगाते रहे तो भी काम नहीं होगा। आप सीधे बड़े साहब से मिलिए।