चोरी करने पर कौन सा धारा लगता है?

चोरी करने पर कौन सा धारा लगता है?

इसे सुनेंरोकेंचोरी को आईपीसी की धारा 378 के तहत परिभाषित किया गया है। इसके साथ ही चोरी के कृत्य की प्रतिबद्धता के लिए सजा को भी आईपीसी की धारा 379 के तहत परिभाषित किया गया है

379 धारा में क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंभारतीय दंड संहिता की धारा 379 के अनुसार, जो भी व्यक्ति चोरी करने का अपराध करता है उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे 3 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, या आर्थिक दंड, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा। यह एक गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और किसी भी न्यायाधीश द्वारा विचारणीय है।

धारा 120 बी क्या है?

इसे सुनेंरोकेंधारा 120 B अपराधिक षड्यंत्र के लिए दंड के प्रावधान? जो कोई मृत्यु उससे अधिक कारावास या कोई कठिन कारावास से दंडित अपराध करने के अगर अपराधिक षड्यंत्र में शामिल होगा यदि ऐसे षड्यंत्र के दंड के लिए संहिता में कोई अभिव्यक्त उपबंध नहीं है तो उसी प्रकार दंडित किया जाएगा मानो उसने ऐसे अपराध किया है।

चोरी का माल खरीदने पर कौन सी धारा लगती है?

इसे सुनेंरोकेंइस धारा के अंतर्गत किया गया अपराध के लिए दण्ड का प्रावधान धारा 411 में दिया गया है। यह अपराध किसी भी प्रकार से समझौता योग्य नहीं है। यह संज्ञेय एवं अजमानतीय अपराध होते हैं, इनकी सुनवाई का अधिकार किसी भी मजिस्ट्रेट को होता है। सजा- तीन वर्ष की कारावास या जुर्माना या दोनो से दण्डित किया जा सकता है

धारा 379 में जमानत कैसे मिलती है?

धारा 420 क्या है in Hindi?

इसे सुनेंरोकेंक्या है अपराध धारा 420 का कानूनी पहलू देखें तो इसके बारे में बताया गया है-कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति के साथ धोखा करता है, छल करता है, बेईमानी से किसी दूसरे व्यक्ति की बहुमूल्य वस्तु या संपत्ति में परिवर्तन करता है, उसे नष्ट करता है या इस काम में किसी दूसरे की मदद करता है तो उसके खिलाफ धारा 420 लगाई जा सकती है

धारा 378 क्या है?

इसे सुनेंरोकेंधारा 378 का विवरण भारतीय दंड संहिता की धारा 378 के अनुसार, जो कोई किसी व्यक्ति के कब्जे से, उसकी सम्मति के बिना, कोई चल सम्पत्ति बेईमानी से ले लेने का आशय रखते हुए उस सम्पत्ति को हटाता है, उसे चोरी करना कहा जाता है।

धारा 279 क्या है?

इसे सुनेंरोकेंभारतीय दंड संहिता की धारा 279 के अनुसार, जो भी कोई किसी वाहन को एक सार्वजनिक मार्ग पर किसी भी तरह की जल्दबाजी या लापरवाही से चलाता है या सवारी करता है जिससे मानव जीवन को कोई संकट हो या किसी व्यक्ति को चोट या आघात पहुँचना सम्भाव्य हो, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे छह महीने तक बढ़ाया जा सकता है, या आर्थिक दंड …

धारा 120 में जमानत कैसे मिलती है?

इसे सुनेंरोकेंसजा – अपराध के लिए दीर्घतम अवधि की एक चौथाई अवधि के लिए कारावास या आर्थिक दण्ड या दोनों। जमानत, संज्ञान और अदालती कार्रवाई, किए गये अपराध अनुसार होगी। जमानत, संज्ञान और अदालती कार्रवाई, किए गये अपराध अनुसार होगी। यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।

धारा 420 में जमानत कैसे मिलती है?

इसे सुनेंरोकेंकैसे मिलती है जमानत अपराध के आधार पर जज कारावास के साथ आर्थिक दंड निर्धारत करता है. अगर अपराधी को धारा 420 के तहत कैद में लिया जाता है तो वह सेशंस कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन कर सकता है. जज मामले के आधार पर जमानत दे सकता है

धारा 457 380 क्या है?

इसे सुनेंरोकेंआईपीसी 1860 की धारा 457:- कारावास से दंडनीय अपराध करने के लिए रात में गुप्त रूप से घर-अतिचार या घर तोड़ना- जहां आरोपी हाल ही में चोरी की गई संपत्ति के कब्जे को स्पष्ट नहीं कर सका, जो रात में घर तोड़ने के अपराध से जुड़ा था, उसे धारा 380 और 457 के तहत दोषी ठहराया गया था

457 धारा क्या है?

इसे सुनेंरोकेंभारतीय दंड संहिता की धारा 457 के अनुसार, जो भी कोई कारावास से दण्डनीय कोई अपराध करने के लिए रात में छिप कर गॄह-अतिचार या गॄह-भेदन करेगा, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे पांच वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है से दण्डित किया जाएगा और साथ ही वह आर्थिक दण्ड के लिए भी उत्तरदायी होगा।