अंग्रेज भारतीयों को अपने शासन में जिम्मेदारी वाले पद क्यों नहीं देते थे?

अंग्रेज भारतीयों को अपने शासन में जिम्मेदारी वाले पद क्यों नहीं देते थे?

इसे सुनेंरोकेंउतर : (i) ज्यादातर महत्वपूर्ण नौकरियों पर गोर अफसरों का कब्ज़ा था । (ii) अंग्रेज आमतौर पर यह मानकर चलते थे कि भारतियों को जिम्मेदारी भरे पड़ नहीं दिए जा सकते । (iv) भारतियों की माँग थी कि न्यायपालिका को कार्यपालिका से अलग किया जाय, आर्म्स एक्ट को निरस्त किया जाए और अभिव्यक्ति व बोलने की स्वतंत्रता दी जाए ।

मध्यमार्गी कौन थे वे ब्रिटिश शासन के खिलाफ किस तरह का संघर्ष करना चाहते?

इसे सुनेंरोकेंवे ब्रिटिश शासन के खिलाफ किस तरह का संघर्ष करना चाहते थे? उत्तर : कांग्रेस के वे नेता मध्यमार्गी कहलाते थे जो अपने उद्देश्यों और तरीकों से मध्यमार्गी थे, वे देश का प्रतिनिधित्व भी करना चाहते थे और सरकार में मिलकर शासन भी करना चाहते थे । (i) वे जनता को ब्रिटिश शासन के अन्यायपूर्ण चरित्र से अवगत कराना चाहते थे ।

18 से 70 और 18 से 80 के दशक में लोग ब्रिटिश शासन से क्यों असंतुष्ट थे?

इसे सुनेंरोकें1870 और 1880 के दशकों में लोग ब्रिटिश शासन से निम्नलिखित कारणों सेअसंतुष्ट थें। (i) 1878 में आर्म्स एक्ट पारित किया गया जिसके जरिये भारतियों द्वारा अपने पास हथियार रखने का अधिकार छीन लिया गया। (ii) उसी साल वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट भी पारित किया गया जिससे सरकार की आलोचना करने वालों को चुप कराया जा सके।

1870 और 1880 में लोग ब्रिटिश शासन से असंतुष्ट क्यों थे?

इसे सुनेंरोकेंभारतीय लोगों को नियंत्रित करने के लिए कुछ अधिनियम पारित किए गए। तथा भारत के प्रति नस्लीय रवैये के कारण लोग असंतुष्ट थे। ब्रिटिश भारत पर अत्यधिक नियंत्रण का प्रयोग कर रहे थे। 1870 और 1880 के दशक में लोग ब्रिटिश शासन से असंतुष्ट थे।

मध्यवर्गीय कौन थे?

इसे सुनेंरोकेंकांग्रेस के वे राजनेता मध्यमार्गी कहलाते थे जो अपने उद्देश्यों एवं तरीकों में मध्यमार्गी थे। (i) मध्यमार्गी नेताओं ने जनता को ब्रिटीश शासन के अन्यायपूर्ण चरित्र से अवगत कराया। उन्होंने अखबार निकाले, लेख लिखे और यह साबित करने का प्रयास किया कि ब्रिटिश शासन को आर्थिक तबाही की ओर ले जा रहा हैं।

ब्रिटिश शासन क्या चाहते थे class 8?

इसे सुनेंरोकेंअंग्रेज शासकों के आत्मविश्वास के कारण अंग्रेजों की सोच थी कि भारतीय सिपाही उनके विश्वसनीय है, क्योंकि 1857 से पहले उन्होंने भारतीय सिपाहियों की सहायता से कई लड़ाइयाँ जीती थीं तथा बड़े-बड़े विद्रोह कुचले थे।

पहले विश्वयुद्ध से भारत पर कौन से आर्थिक असर पड़े?

इसे सुनेंरोकें(1) इस युद्ध की वजह से ब्रिटिश सरकार के रक्षा व्यय में भरी इज़ाफा हुआ था। इस खर्च को निकालने के लिए सरकार ने निजी आय और व्यावसायिक मुनाफे पर कर बढ़ा दिया था । (2) सैनिक व्यय में इज़ाफे तथा युद्धक सामग्री की आपूर्ति की वजह से ज़रूरी चीज़ों की कीमतों में भारी उछाल आया और आम लोगों की ज़िन्दगी मुश्किल होती गई।