सूक्ष्म परिवर्तन से आप क्या समझते हैं?
इसे सुनेंरोकें(a) सूक्ष्म उतपरिवर्तन-डी० एन० ए० के एक क्षार युग्म के परिवर्तन भी उत्परिवर्तन को जन्म देती है, जिसे सूक्ष्म उत्परिवर्तन कहते हैं। (b) वृहत् उत्परिवर्तन-वृहत् उत्परिवर्तन वह है, जो डी० एन० ए० अनुक्रम में बदलाव ला देती है, इसके परिणाम स्वरूप जीव के जीनोटाइप और फीनोटाइप में परिवर्तन आ जाता है।
सूक्ष्मप्रवर्धन क्या है इस विधि द्वारा पादपों के उत्पादन के मुख्य लाभ क्या है?
इसे सुनेंरोकेंसूक्ष्मप्रवर्धन (Micropropagation) अधिकांश महत्त्वपूर्ण खाद्य पादपों जैसे-टमाटर, केला, सेब आदि का बड़े पैमाने पर उत्पादन इस विधि द्वारा किया गया है। इस विधि द्वारा अत्यन्त ही अल्प अवधि में हजारों पादप तैयार किए जा सकते हैं। इस विधि का अन्य महत्त्वपूर्ण उपयोग रोगग्रसित पादपों से स्वस्थ पादपों को प्राप्त करना है।
सुषमा प्रवर्धन की तकनीक क्या है?
इसे सुनेंरोकेंइस विधि में जिस पौधे से प्रवर्धन करना होता है, उसके किसी भाग से ऊतक (tissue) का छोटा भाग अलग कर लिया जाता है। अब इस ऊतक की अजर्म परिस्थितियों (aseptic conditions) में किसी उचित संवर्धन माध्यम (culture medium) में वृद्धि कराते हैं।
सूक्ष्म क्षेत्र क्या है?
इसे सुनेंरोकेंसूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (Micro, Small and medium enterprises) वे उद्योग हैं जिनमें काम करने वालों की संख्या एक सीमा से कम होती है तथा उनका वार्षिक उत्पादन (turnover) भी एक सीमा के अन्दर रहता है। किसी भी देश के विकास में इनका महत्वपूर्ण स्थान है।
कायिक प्रवर्धन कितने प्रकार का होता है?
प्रवर्धन निम्नलिखित रीतियों द्वारा होता है :
- कली द्वारा कुछ पौधे ऐसे होते हैं जिनमें पत्तियों के किनारे कटे होते हैं और इन्हीं किनारों के कक्ष में सहायक कलियाँ निकलती हैं।
- जेमाओं (Gemmae) द्वारा
- पत्ती द्वारा
- भूमि में रहनेवाले तने द्वारा
- पत्रप्रकलिका (bulbils) द्वारा
- तने को काटकर
- दाब विधि
- गुट्टी या अँटा बाँधना
ब्रायोफाइलम के कौन से भाग में कायिक प्रवर्धन होता है?
इसे सुनेंरोकेंकायिक प्रवर्धन ब्रायोफाइलम में पत्तियों के माध्यम से होता है। ब्रायोफाइलम की पत्तियों की कोर पर मौजूद खांचों से उपस्थानिक कलिकाएँ विकसित होती हैं। अनुकूल परिस्थितियों में, ये कलियाँ अलग हो जाती हैं और संतति पैदा करने के लिए अंकुरित हो जाती हैं।
माइक्रोप्रोपेगेशन से आप क्या समझते हैं?
इसे सुनेंरोकेंAnswer: यह कायिक प्रवर्धन की सबसे आधुनिक विधि है। इस विधि में मातृ पौधे के थोड़े से ऊतक से हजारों की संख्या में पादपों (plants) को प्राप्त किया जा सकता है। यह विधि ऊतक तथा कोशिका संवर्धन तकनीकी (tissue and cell culture technique) पर आधारित है।
प्रवर्धन से आप क्या समझते हैं?
इसे सुनेंरोकेंपौधों में अन्य जीवों की भांति अपने जैसे पौधे पैदा करने की क्षमता होती है, पादप प्रवर्धन (Plant Propagation) कहते हैं। यह कार्य पौधों में अनेक प्रकार से होता है।