सुबह फजर की नमाज में कितनी रकात होती है?

सुबह फजर की नमाज में कितनी रकात होती है?

इसे सुनेंरोकेंफज्र (फजर) अर्थात भोर की प्रार्थना में चार रकात होती हैं।

फजर का टाइम कितने बजे तक रहता है?

इसे सुनेंरोकेंफजर की नमाज का टाइम कब तक रहता है? फजर की नमाज़ का आखिरी वक्त सूरज निकलने से पहले तक होता है, यानि सूरज निकलते ही फजर की नमाज़ का टाइम ख़तम हो जाता है। सूरज निकलने के बाद फजर की नमाज़ नहीं पढ़ सकते है।

अज़ान का क्या अर्थ है?

इसे सुनेंरोकेंदरअसल ‘अज़ान’ अरबी ज़बान का लफ्ज़ है और ‘उज़्न’ शब्द की जमा (प्लूरल, बहुवचन) है. अज़ान लफ्ज़ का मतलब है ‘ऐलान’. यानी किसी चीज के बारे में लोगों को अगाह करना, खबरदार करना है. मतलब: मैं गवाही देता हूं कि अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लायक नहीं.

सुबह की नमाज कैसे पढ़ते हैं?

इसे सुनेंरोकेंनमाज पढ़ने के लिए मुसलमान मक्का (किबला) की ओर मुख करके खड़ा हो जाता है, नमाज की इच्छा इरादा करता है और फिर “अल्लाह हो अकबर” कहकर तकबीर कहता है। इसके बाद दोनों हाथों को कानों तक उठाकर नाभि के करीब इस तरह बाँध लेता है कि दायां हाथ बाएं हाथ पर।

फजर की नमाज कैसे अदा की जाती है?

इसे सुनेंरोकेंअगर किसी भी वजह से फजर की नमाज़ क़ज़ा हो जाती है और उसे जोहर की नमाज़ तक वक़्त नहीं मिला की नमाज़ की क़ज़ा पढ़ सके तो उसे मालूम करना होगा की क्या वह जमात खड़े होने से पहले तक 2 रकअत फजर की क़ज़ा और 4 रकअत जोहर की सुन्नत पढ़ सकता है तो जरुरी है की फजर की क़ज़ा पढ़े।

फज्र की कजा नमाज कैसे पढ़े?

इसे सुनेंरोकेंक़ज़ा की नमाज़ कब पढ़ना चाहिए? क़ज़ा की नमाज़ दिन में किसी टाइम पढ़ सकते है लेकिन तीन वक़्त ऐसा है जिसमे क़ज़ा की नमाज़ नहीं पढ़ना चाहिए। पहला सूरज निकलने के 20 minute पहले यानि फजर के नमाज़ के बाद और दूसरा सूरज डूबने के 20 minute बाद यानि मग़रिब की नमाज़ से पहले।

सुबह की नमाज कैसे पढ़ी जाती है?

इसे सुनेंरोकेंनमाज पढ़ने के लिए मुसलमान मक्का (किबला) की ओर मुख करके खड़ा हो जाता है, नमाज की इच्छा इरादा करता है और फिर “अल्लाह हो अकबर” कहकर तकबीर कहता है। इसके बाद दोनों हाथों को कानों तक उठाकर नाभि के करीब इस तरह बाँध लेता है कि दायां हाथ बाएं हाथ पर। वह बड़े सम्मान से खड़ा होता है उसकी नज़र सामने ज़मीन पर होती हैं।

नारा ए तकबीर का अर्थ?

इसे सुनेंरोकेंइस्लामी धार्मिक दृष्टिकोण में यह एक नारा है। जिसका अर्थ अल्लाह बहुत बडा है। नारे के रूप में इसे “नारा ए तकबीर” भी कहा जाता है।

नमाज में बैठकर क्या पढ़ा जाता है?

इसे सुनेंरोकेंकुछ दुआ पढ़ता है और कुरान शरीफ से कुछ लेख पढ़ता है, जिसमें फातिह: (कुरान शरीफ का पहला बाब) का पढ़ना आवश्यक है। ये लेख कभी उच्च तथा कभी मद्धिम स्वर से पढ़े जाते हैं। इसके अनंतर वह झुकता है, फिर खड़ा होता है, फिर खड़ा होता है, फिर सजदा में गिर जाता है।

हिंदी में नमाज़ कैसे पढ़े?

सु‌न्नत-ए-मौअक्कदाः –

  1. फ़ज्र में दो (2) रकअत फ़र्ज़ से पहले।
  2. ज़ुहर में चार (4) रकअत फ़र्ज़ से पहले और दो (2) रकअत फ़र्ज़ के बाद।
  3. मग़रिब में दो (2) रकअत फ़र्ज़ के बाद।
  4. इशा में दो (2) रकअत फ़र्ज़ के बाद।
  5. जुमे के दिन चार (4) जुमे से पहले और जुमे बाद पहले चार (4) फिर दो (2)