कवि बिहारी ने राधा से क्या प्रार्थना की?

कवि बिहारी ने राधा से क्या प्रार्थना की?

इसे सुनेंरोकें() कवि बिहारी कहते हैं कि वे राधा जी मेरी समस्त सांसारिक विपदाओं व बाधाओं को दूर करें ताकि मेरा जीवन लक्ष्य अर्थात् मुझे मोक्ष की प्राप्ति हो जाये।

जिस काव्य के छंदों का पूर्वापर संबंध न हो उसे क्या कहते है?

इसे सुनेंरोकेंजिस काव्य के छन्दों का पूर्वापर सम्बन्ध न हो, उसे क्या कहते हैं? मुक्तक काव्य।

मुक्तक छंद क्या होते हैं?

इसे सुनेंरोकेंमुक्तक, काव्य या कविता का वह प्रकार है जिसमें प्रबन्धकीयता न हो। इसमें एक छन्द में कथित बात का दूसरे छन्द में कही गयी बात से कोई सम्बन्ध या तारतम्य होना आवश्यक नहीं है। कबीर एवं रहीम के दोहे; मीराबाई के पद्य आदि सब मुक्तक रचनाएं हैं। हिन्दी के रीतिकाल में अधिकांश मुक्तक काव्यों की रचना हुई।

कविता के पंख लगा उड़ने के माने पंक्ति में कौनसा अलंकार है?

इसे सुनेंरोकें(vi) ‘कविता की उड़ान भला’ में अनुप्रास अलंकार है। अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर- प्रश्न (क) ‘कविता एक उड़ान हैं चिड़िया के बहाने’- पंक्ति का भाव वताइए।

बिहारीलाल किसकी रचना है?

इसे सुनेंरोकेंबिहारी लाल की एकमात्र रचना ‘बिहारी सतसई’ है। यह मुक्तक काव्य है। इसमें 719 दोहे संकलित हैं।

बिहारी का हिंदी कविता में क्या योगदान है?

इसे सुनेंरोकेंसाहित्य में स्थान अकेले सतसई ग्रंथ ने उन्हें हिंदी साहित्य में अमर कर दिया। श्रृंगार रस के ग्रंथों में बिहारी सतसई के समान ख्याति किसी को नहीं मिली। इस ग्रंथ की अनेक टीकाएं हुईं और अनेक कवियों ने इसके दोहों को आधार बना कर कवित्त, छप्पय, सवैया आदि छंदों की रचना की। बिहारी सतसई आज भी रसिक जनों का काव्य-हार बनी हुई है।

जिस काव्य में प्रत्येक पद अपने आप में स्वतंत्र होता है उसे क्या कहते है?

इसे सुनेंरोकें(i) मुक्तक काव्य के प्रत्येक छन्द का अर्थ स्वयं में पूर्ण होता है। इसके छन्दों का पूर्वापर सम्बन्ध नहीं होता है।

काव्य की रचना करने वाले को क्या कहते हैं?

इसे सुनेंरोकेंगद्य में काव्य रचना करने के लिए कवि को छंद शास्त्र के नियमों से स्वच्छंदता प्राप्त होती है।

कविता के पंख लगाकर कौन कौन उड़ता है *?

इसे सुनेंरोकेंकविता के पंख लगाकर कवि उड़ता है। वह इसके सहारे मानव-मन व समाज की भावनाओं को अभिव्यक्ति देता है।

कविता पंख लगा कर कहाँ कहाँ उड़ सकती है?

इसे सुनेंरोकें(ख) कविता पंख लगाकर मानव के आंतरिक व बाहय रूप में उड़ान भरती है। वह एक घर से दूसरे घर तक उड़ सकती है। (ग) चिड़िया की उड़ान एक सीमा तक होती है, परंतु कविता की उड़ान व्यापक होती है। चिड़िया कब्रिता की उड़ान को नहीं जान सकती।