जनरल के प्रारूप में कितने स्तंभ होते हैं?

जनरल के प्रारूप में कितने स्तंभ होते हैं?

इसे सुनेंरोकेंखाताबही का प्रारूप (1) तिथि, (2) विवरण, (3) पृष्ठांक, (4) डेबिट धन-राशि, (5) क्रेडिट धन-राशि, (6) शेष। इस वैकल्पिक प्रारूप का लाभ यह है कि प्रत्येक सौदे के उपरान्त खाते का शेष अपने आप निकाला जा सकता है शेष ज्ञात करने के लिए वर्ष की समाप्ति तक प्रतीक्षा नहीं करनी पड़ती हैं।

क्या यौगिक जर्नल प्रविष्टि एक उदाहरण देता है?

इसे सुनेंरोकेंजर्नल प्रविष्टियां दो प्रकार की हो सकती हैं- सरल और यौगिक। सरल जर्नल प्रविष्टियां वे प्रविष्टियां हैं जहां केवल एक खाते का डेबिट या क्रेडिट होता है। दूसरी ओर, यौगिक प्रविष्टियां वे प्रविष्टियां हैं जहां एक से अधिक खाते के डेबिट या क्रेडिट होते हैं। हालांकि, जर्नल वाउचर में ऐसा कोई अंतर नहीं पाया गया है

जर्नल और लेजर में क्या अंतर है?

इसे सुनेंरोकेंजर्नल और लेजर के बीच महत्वपूर्ण अंतर जर्नल एक सहायक पुस्तक है, जबकि लेजर एक प्रमुख पुस्तक है। जर्नल को मूल प्रविष्टि की पुस्तक के रूप में जाना जाता है, लेकिन लेजर दूसरी प्रविष्टि की पुस्तक है। जर्नल में, लेनदेन कालानुक्रमिक क्रम में दर्ज किए जाते हैं, जबकि खाता बही में, लेनदेन विश्लेषणात्मक क्रम में दर्ज किए जाते हैं।

नकल बही की पुस्तक क्या है?

इसे सुनेंरोकेंस्त्री० [हिं०] १. वह बही जिसमें भेजे जानेवाले पत्रों की नकल या प्रतिलिपि रखी जाती थी। २. वह पंजिका या फाइल जिसमें पत्रों की प्रतियाँ रखी जाती हैं।

रोकड़ बही कितने प्रकार की होती है नाम बताइए?

प्रकार

  • (१) साधारण रोकड़ बही (Simple Cash Book)
  • (२) दो खाने वाले रोकड़ बही (Double Cash Book)
  • (३) तीन खाने वाले रोकड़ बही (Three Column Book)
  • (४) खुदरा रोकड़ बही (Petty Cash Book)

जर्नल वाउचर क्या है?

इसे सुनेंरोकेंजर्नल वाउचर एक प्रकार का एकाउंटिंग वाउचर है जो कुश विशेष प्रविष्टियो के लिए उपयोग किया है . टैली में जो एंट्रीज़ रिसीप्ट ,पेमेंट ,कॉण्ट्रा ,परचेस, सेल voucher के माध्यम से नहीं की जाती वो journal voucher से ही की जाती है .account adjustment के लिए भी journal voucher का उपयोग किया जाता है

जर्नल खाता क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंप्रतिदिन होने वाले Transactions को व्यवस्थित तरीके से date wise और serial wise जिस लेखा पुस्तक में लिखा जाता है उसे रोजनामचा या जर्नल कहते हैं। यह लेखा करने की प्रथम एवं प्रमुख Book होती है। जिसे प्रारंभिक लेखा पुस्तक के नाम से भी जाना जाता है।